नवादा: जिले के सदर अस्पताल में लाखों रुपये की लागत से निर्मित एसएनसीयू की फोटोथेरेपी मशीन महीनों से खराब है. जिस कारण नवजात शिशुओं का इलाज नहीं हो पा रहा है. ऐसे में स्थानीय ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू बंद होने से लोगों को निजी क्लीनिकों का सहारा लेना पड़ रहा है. जहां उनसे बेतहाशा धन वसूली की जाती है. वहीं पिछले 8 से 9 महीनों से बंद पड़े एसएनसीयू से लोगों को हो रही असुविधा को नजरअंदाज करते हुए स्वास्थ्य विभाग उदासीन रवैया अपना रहा है.
विभाग का टालमटोल रवैया जारी
जानकारी के अनुसार मशीन खराब होने की जानकारी कई बार सिविल सर्जन दी गई. वहीं मशीन दुरुस्त कराने में विभाग का टालमटोल रवैया जारी है. जिससे गरीब स्थानीय ग्रामीणों के शिशुओं को फोटोथेरेपी का लाभ नहीं पा मिल रहा है. इस कारण उन्हें निजी चिकित्सालयों का रूख करना पड़ रहा है. साथ ही वहां धन शोधन निजी चिकित्सालयों में उन्हें अत्यधिक पैसा खर्च करना पड़ रहा है.
2017 में हुआ था उद्घाटन
तत्कालीन डीएम मनोज कुमार ने वर्ष 2017 के जून महीने में इस एसएनसीयू का उद्घाटन किया था. जो स्थानीय गरीब लोगों के बच्चों के लिए एक संजीवनी की तरह काम कर रहा था. वहीं इसके स्थापना का मुख्य उद्देश्य शिशु मृत्यु दर को कम करना था. जिसमें इसके स्थापना के बाद से गिरावटें भी देखी गईं. नवादा में पहले जहां एक हजार शिशुओं पर 28 मौतें हुआ करती थीं. वहीं, साल 2018 में घटकर 25 हो गई.
जानें क्या है एसएनसीयू वार्ड का काम?
एसएनसीयू वार्ड नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई संबंधित कई अत्याधुनिक मशीन और विशेष सुविधाओं से लैस होती है. जहां कम वजन वाले नवजात बच्चे और पीलिया बीमारी से ग्रसित बच्चों की 28 दिनों तक देखभाल की जाती है. इस वार्ड में बच्चों के देखरेख के लिए यहां तीन शिशु रोग विशेषज्ञ, 12 जीएनएम, 17 रेडिएंट वार्मर, 7 फोटोथेरेपी मशीनें, ऑक्सीजन कांस्ट्रेंटर, पल्स ऑक्सीमीटर समेत अन्य मशीनें लगाई गई हैं. जिनमें से नवादा सदर अस्पताल में 11 रेडिएंट वार्मर और 7 फोटोथेरेपी मशीन महीनों से खराब पड़े हुए हैं.
सलाना 10 लाख रुपए DHS कोष से अनुदान
एसएनसीयू का संचालन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत की जाती है. इसके देखभाल के लिए हर वर्ष जिला स्वास्थ समिति के कोष से 10 लाख रुपए की राशि दी जाती है. बावजूद इसके नवादा सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू में घोर लापरवाही देखी जा रही है. जबकि जिले से इसके अच्छे परिणाम भी आ रहे थे.
क्या कहते हैं अधिकारी?
सिविल सर्जन डॉ. विमल प्रसाद सिंह ने कहा कि मामले को लेकर कई बार स्वास्थ्य विभाग को प्रस्ताव भेजकर सूचित किया गया. जिसकी अब स्वीकृति मिल गई है. वहीं लगभग सप्ताह भर में सभी त्रुटियों को ठीक कर लिया जाएगा. साथ ही जल्द ही एसएनसीयू में जल्द ही स्वास्थ्य सेवाएं पूर्वरत सुचारू रूप से बहाल कर दी जाएगी.