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टीवी में देखकर शुरू की पपीते की खेती, आज कमा रहे हैं लाखों रुपये सलाना

रवि का कहना है कि फिलहाल अपने खेत के अलावा कुछ खेत पट्टे पर लेकर वो पपीता की खेती कर रहा है. यदि सरकार की ओर से कुछ मदद मिल जाए तो और वो और ज्यादा मुनाफा कमा सकेगा.

nawada
पपीते का खेत
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Published : Jan 11, 2020, 3:08 PM IST

नवादा: यदि किसी काम को दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ किया जाए, तो मुकाम जरूर हासिल होता है. कुछ ऐसी ही कहानी है जिले के अकबरपुर प्रखंड स्थित फरहा गांव के किसान रवि शंकर की. जिसने टीवी में देखकर पपीते की खेती करनी शुरू की. आज अपनी मेहनत के दम पर वो एक सफल किसान बन चुका है.

पारंपरिक खेती से नहीं मिल पाता था लाभ
किसान रवि शंकर ने बताया कि धान-गेहूं की खेती से लाभ नहीं मिल पा रहा था. एक दिन टीवी में उसने पपीते की खेती के बारे में देखा. ये देख उसके अंदर पपीते की खेती करने की ललक जगी. जैसे-जैसे टीवी में बताया गया, वैसे ही उसने पपीते की खेती शुरू की. वर्तमान में वो इससे डेढ़ से 2 लाख तक सलाना कमा लेता है.

पपीते की खेती से हो रही लाखों की कमाई

पत्नी को नहीं था भरोसा
रवि शंकर की इच्छा थी कि वो परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुछ ऐसा करे, जिससे आसानी से उसके परिवार का भरण-पोषण हो सके, इसीलिए उसने पपीते की खेती करने का फैसला लिया. वहीं, रवि शंकर की पत्नी मंजू माला सिन्हा को पहले इससे कुछ लाभ होने का भरोसा नहीं था. लेकिन, अब वो भी कहती हैं कि उन्हें ऐसा लग रहा है कि इससे आगे और लाभ मिलेगा.

nawada
खेतों से पपीते निकालता किसान

सरकार से मदद की है दरकार
एक समय रवि को अपना परिवार चलाने की चिंता रहती थी. वहीं, आज रवि पपीते की खेती से सालाना लगभग 2 लाख रुपये तक कमा लेता है. रवि का कहना है कि फिलहाल अपने खेत के अलावा कुछ खेत पट्टे पर लेकर वो पपीता की खेती कर रहा है. यदि सरकार की ओर से कुछ मदद मिल जाए तो और वो और ज्यादा मुनाफा कमा सकेगा.

यह भी पढ़ें- सरसों तेल की बढ़ती कीमतों को देख किसानों ने बदला ट्रेंड, पारंपरिक छोड़ कर रहे तिलहन की खेती

नवादा: यदि किसी काम को दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ किया जाए, तो मुकाम जरूर हासिल होता है. कुछ ऐसी ही कहानी है जिले के अकबरपुर प्रखंड स्थित फरहा गांव के किसान रवि शंकर की. जिसने टीवी में देखकर पपीते की खेती करनी शुरू की. आज अपनी मेहनत के दम पर वो एक सफल किसान बन चुका है.

पारंपरिक खेती से नहीं मिल पाता था लाभ
किसान रवि शंकर ने बताया कि धान-गेहूं की खेती से लाभ नहीं मिल पा रहा था. एक दिन टीवी में उसने पपीते की खेती के बारे में देखा. ये देख उसके अंदर पपीते की खेती करने की ललक जगी. जैसे-जैसे टीवी में बताया गया, वैसे ही उसने पपीते की खेती शुरू की. वर्तमान में वो इससे डेढ़ से 2 लाख तक सलाना कमा लेता है.

पपीते की खेती से हो रही लाखों की कमाई

पत्नी को नहीं था भरोसा
रवि शंकर की इच्छा थी कि वो परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुछ ऐसा करे, जिससे आसानी से उसके परिवार का भरण-पोषण हो सके, इसीलिए उसने पपीते की खेती करने का फैसला लिया. वहीं, रवि शंकर की पत्नी मंजू माला सिन्हा को पहले इससे कुछ लाभ होने का भरोसा नहीं था. लेकिन, अब वो भी कहती हैं कि उन्हें ऐसा लग रहा है कि इससे आगे और लाभ मिलेगा.

nawada
खेतों से पपीते निकालता किसान

सरकार से मदद की है दरकार
एक समय रवि को अपना परिवार चलाने की चिंता रहती थी. वहीं, आज रवि पपीते की खेती से सालाना लगभग 2 लाख रुपये तक कमा लेता है. रवि का कहना है कि फिलहाल अपने खेत के अलावा कुछ खेत पट्टे पर लेकर वो पपीता की खेती कर रहा है. यदि सरकार की ओर से कुछ मदद मिल जाए तो और वो और ज्यादा मुनाफा कमा सकेगा.

यह भी पढ़ें- सरसों तेल की बढ़ती कीमतों को देख किसानों ने बदला ट्रेंड, पारंपरिक छोड़ कर रहे तिलहन की खेती

Intro:समरी- रवि शंकर को अचानक टीवी पर पपीता की खेती के बारे में जानकारी मिला और इस खेती को करने की उनमें ललक जगी। उनकी यही ललक उन्हें एक संपन्न किसान बना दिया है आज पपीते की खेती ने उनकी क़िस्मत बदल दी है।

नवादा। जिंदगी में किसी भी काम को करने में मेहनत लगती है पर जो इसे दृढ़इक्षाशक्ति से करते हैं तो वो एक दिन अपना मुकाम जरूर हांसिल करते हैं कुछ ऐसा ही है जिले के अकबरपुर प्रखंड स्थित एक छोटे से गांव फरहा का रहनेवाले रवि शंकर की कहानी। एक समय था जब पारंपरिक खेती से नुकसान होने के कारण रवि का परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था वह असमंजस था।


परिवार का आकार भी दिनोदिन बढ़ता ही जा रहा था। हमेशा सोचता रहता था कि क्या ऐसा करें कि खुशहाली से जिंदगी व्यतीत हो सके तभी अचानक टीवी पर पपीता की खेती के बारे में जानकारी मिला और इस खेती को करने की उनमें ललक जगी। उनकी यही ललक उन्हें एक संपन्न किसान बना दिया है आज पपीते की खेती ने उनकी क़िस्मत बदल दी है।


रवि शंकर बताते हैं की धान-गेँहू से कुछ लाभ नहीं मिल पा रहा था। एक दिन टीवी में पपीते की खेती के बारे में देखा और जैसे-जैसे उसमें बताया गया उसी के मुताबिक हमने पपीते की खेती शुरू कर दिया। आज इससे डेढ़ से दो लाख सलाना कमा लेते हैं।

बाइट- रवि शंकर, किसान

वहीं, रवि की पत्नी मंजू माला सिन्हा को पहले इससे से कुछ अच्छा होगा इसका भरोसा नहीं था लेकिन अब वो कहती है कि शुरू में लग रहा था कि इससे कुछ नहीं होगा लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि अच्छा होगा।

बाइट- मंजू माला, रवि शंकर की पत्नी













Body:टीवी देखकर की पपीते की खेती की शुरुआत

रवि परिवार का बढ़ता और उनकी जरूरतों को पूरी करने के लिए कुछ ऐसा करना चाहता था ताकि परिवार हंसी खुशी से चल सके तभी टीवी पर पपीते की खेती के बारे में पता चला और फिर देर किस बात की। जुट गए पपीते की खेती में।


डेढ़ से दो लाख तक कमाते हैं सालाना

जहां पहले रवि को अपने परिवार चलाने की चिंता रहती थी वहीं आज रवि पपीते की खेती से सालाना लगभग 2 लाख रुपए तक कमा लेते हैं। जिससे परिवार भी अच्छे से चल जाता है।

सरकार से मदद की है दरकार

रवि का कहना है फिलहाल कुछ खेत पट्टे पर लेकर और कुछ अपने खेत में पपीता का खेती कर रहा हूँ अगर सरकार की ओर से कुछ मदद मिल जाए तो अपनी मेहनत से और अच्छे कमाई कर सकता हूँ।



Conclusion:आज पपीते की खेती ने रवि की किस्मत बदल दी है। अब जरूरी नहीं की सिर्फ पारंपरिक खेती से ही घर की सूरत बदल सकती है।
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