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2 करोड़ 34 लाख की लागत से बना था ये पंचायत भवन, 5 साल बाद भी जनता को नहीं हुआ हैंडओवर - प्रखंड विकास पदाधिकारी सत्यनारायण पंडित

ग्रामीणों का कहना है कि जब से ये भवन बना है तब से वो बस यही आस लगाए बैठे हैं कि कब यहां काम शुरू हो. अगर यह भवन सुचारू रूप से चल रहा होता तो उन्हें वारिसलीगंज नहीं जाना पड़ता.

जर्जर हाल में सरकारी भवन
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Published : Oct 10, 2019, 8:45 AM IST

Updated : Oct 10, 2019, 8:03 PM IST

नवादा: विकास कार्यों के नाम पर सरकार आए दिन नई-नई योजनाएं और निर्माण कार्य शुरू करती है. लेकिन, ज्यादातर बार जैसे-जैसे समय बीतता है, वह काम अधर में ही लटका रह जाता है. कभी भवन अधूरा ही बनता है तो कभी पूरा बनने के बाद भी शिलान्यास नहीं हो पाता. बिहार सरकार की ओर से प्रदेश के सभी पंचायतों में पंचायत सरकार भवन बनवाए जा रहे हैं. जिनकी लागत करोड़ों में है.

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जर्जर हाल में सरकारी भवन

नवादा जिले में 5 साल पहले बना पंचायत सरकार भवन आज अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है. वारिसलीगंज प्रखंड के हाजीपुर पंचायत में बने पंचायत सरकार भवन की हालत बहुत ही जर्जर है. करोड़ों लगाकर इसका निर्माण तो किया गया. लेकिन, देखरेख के अभाव में आज यह खंडहर में तब्दील हो चुका है.

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स्थानीय लोगों में नाराजगी

लोगों को सहूलियत देना था अहम उद्देश्य
पंचायत के लोगों को ब्लॉक का चक्कर ना काटना पड़े इसी उद्देश्य से गांव में ही सारी सुविधाओं से लैश पंचायत सरकार भवन बनाये गए थे. लेकिन, आज इस भवन में बने वेंटिलेटर को तोड़ दिया गया है. बिजली के बोर्ड उखाड़ दिए गए हैं. कमरों के दरवाजे और खिड़कियों के शीशे भी फोड़ दिए गए हैं. सीढ़ियां टूट चुकी हैं. शौचालय गंदा पड़ा हुआ है.

देखें खास वीडियो

2 करोड़ 34 लाख की लागत से हुआ था निर्माण
इस पंचायत सरकार भवन का निर्माण साल 2013 में शुरू हुआ था, जो 4 सितंबर 2014 को पूरा हो गया. लेकिन, इतने साल बीत जाने के बाद भी इसे अभी तक जनता के सेवा के लिए हैंडओवर नहीं किया गया. जिस कारण यह पंचायत सरकार भवन जीर्ण शीर्ण अवस्था में पड़ा है.

nawada
टूट गए खिड़की दरवाजे

शिकायत के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई
ग्रामीणों का कहना है कि जब से यह भवन बना है तब से वह बस यही आस लगाए बैठे हैं कि कब यहां काम शुरू हो. कई बार शिकायत के बावजूद कोई हल नहीं निकला है. उनका कहना है कि अगर यह भवन सुचारू रूप से चल रहा होता तो उन्हें वारिसलीगंज नहीं जाना पड़ता. सरकारी अनदेखी के अभाव में यह हाल हुआ है.

nawada
नहीं हुआ उद्घाटन

पल्ला झाड़ रहे हैं पदाधिकारी
इस पूरे मामले पर जब प्रखंड विकास पदाधिकारी सत्यनारायण पंडित को जवाब-तलब किया गया तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ा कि उन्हें यहां आए हुए अभी महज दो महीने ही हुए हैं. मामला संज्ञान में आया है तो कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने आश्वास्त किया कि जल्द ही भवन का मरम्मत करवा कर इसे जनता के लिए चालू कर दिया जाएगा.

नवादा: विकास कार्यों के नाम पर सरकार आए दिन नई-नई योजनाएं और निर्माण कार्य शुरू करती है. लेकिन, ज्यादातर बार जैसे-जैसे समय बीतता है, वह काम अधर में ही लटका रह जाता है. कभी भवन अधूरा ही बनता है तो कभी पूरा बनने के बाद भी शिलान्यास नहीं हो पाता. बिहार सरकार की ओर से प्रदेश के सभी पंचायतों में पंचायत सरकार भवन बनवाए जा रहे हैं. जिनकी लागत करोड़ों में है.

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जर्जर हाल में सरकारी भवन

नवादा जिले में 5 साल पहले बना पंचायत सरकार भवन आज अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है. वारिसलीगंज प्रखंड के हाजीपुर पंचायत में बने पंचायत सरकार भवन की हालत बहुत ही जर्जर है. करोड़ों लगाकर इसका निर्माण तो किया गया. लेकिन, देखरेख के अभाव में आज यह खंडहर में तब्दील हो चुका है.

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स्थानीय लोगों में नाराजगी

लोगों को सहूलियत देना था अहम उद्देश्य
पंचायत के लोगों को ब्लॉक का चक्कर ना काटना पड़े इसी उद्देश्य से गांव में ही सारी सुविधाओं से लैश पंचायत सरकार भवन बनाये गए थे. लेकिन, आज इस भवन में बने वेंटिलेटर को तोड़ दिया गया है. बिजली के बोर्ड उखाड़ दिए गए हैं. कमरों के दरवाजे और खिड़कियों के शीशे भी फोड़ दिए गए हैं. सीढ़ियां टूट चुकी हैं. शौचालय गंदा पड़ा हुआ है.

देखें खास वीडियो

2 करोड़ 34 लाख की लागत से हुआ था निर्माण
इस पंचायत सरकार भवन का निर्माण साल 2013 में शुरू हुआ था, जो 4 सितंबर 2014 को पूरा हो गया. लेकिन, इतने साल बीत जाने के बाद भी इसे अभी तक जनता के सेवा के लिए हैंडओवर नहीं किया गया. जिस कारण यह पंचायत सरकार भवन जीर्ण शीर्ण अवस्था में पड़ा है.

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टूट गए खिड़की दरवाजे

शिकायत के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई
ग्रामीणों का कहना है कि जब से यह भवन बना है तब से वह बस यही आस लगाए बैठे हैं कि कब यहां काम शुरू हो. कई बार शिकायत के बावजूद कोई हल नहीं निकला है. उनका कहना है कि अगर यह भवन सुचारू रूप से चल रहा होता तो उन्हें वारिसलीगंज नहीं जाना पड़ता. सरकारी अनदेखी के अभाव में यह हाल हुआ है.

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नहीं हुआ उद्घाटन

पल्ला झाड़ रहे हैं पदाधिकारी
इस पूरे मामले पर जब प्रखंड विकास पदाधिकारी सत्यनारायण पंडित को जवाब-तलब किया गया तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ा कि उन्हें यहां आए हुए अभी महज दो महीने ही हुए हैं. मामला संज्ञान में आया है तो कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने आश्वास्त किया कि जल्द ही भवन का मरम्मत करवा कर इसे जनता के लिए चालू कर दिया जाएगा.

Intro:नवादा। बिहार सरकार द्वारा सूबे के सभी पंचायतों में करोड़ों की लागत से पंचायत सरकार भवन बनवाए जा रहे हैं वहीं, दूसरी ओर 5 पूर्व बने पंचायत सरकार भवन अपने बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है। जी हां, हम बात कर रहे हैं जिले के वारसलीगंज प्रखंड स्थित हाजीपुर पंचायत के पंचायत सरकार भवन की। जिसे करोड़ों की लागत से निर्माण तो किया गया लेकिन देखरेख के अभाव में अब यह खंडहर में तब्दील होने के कगार पर पहुंच चुकी है।

पंचायत के लोगों को ब्लॉक का चक्कर न काटना पड़े इस उद्देश्य से गांव में ही सारी सुविधाओं से लैश पंचायत सरकार भवन बनाये गए थे लेकिन आज करोड़ों की लागत से बनी यह भवन खुद उद्धारक का इंतज़ार कर रहा है। भवन में बनाए गए वेंटिलेटर को तोड़ दिया गया है। बिजली के बोर्ड उखाड़ दिए गए हैं। कमरा के दरवाजे और खिड़कियों की शीशे तोड़ दिया है। सीढियां तोड़ दी गई है। शौचालय गंदा पड़ा हुआ है। कमरे में चारों ओर गंदगी फैली हुई है।





Body:करीब 2 करोड़ 34 लाख की लागत से हुआ था निर्माण

पंचायत सरकार भवन का निर्माण वर्ष 2013 में प्रारंभ हुई थी जो 4 सितंबर 2014 को पूर्ण हो गया था लेकिन अभी तक जनता के सेवा के लिए हैंडओवर नहीं किया गया है। जिसके वजह से पंचायत सरकार भवन जीर्णशीर्ण अवस्था में पड़ा हुआ है।


क्या कहते हैं ग्रामीण

ग्रामीण अरविंद कुमार सिन्हा का कहना है कि जब से भवन बना तबसे ही इसका यही हाल है। आज तक हैंडओवर नहीं किया गया है। इसके लिए डीडीसी को बोले। बीडीओ साहब से बोले तो कहे कि, हमारे पास पैसा जो काम करवाएं। अगर यह सुचारू रूप से चल रहा होता है तो हमलोगों को वारसलीगंज क्यूँ जाना पड़ता। इसके साथ बना कई पंचायत सरकार भवन चल रहा है लेकिन इसको चलाने के लिए कोई धरती पर है ही नहीं। वहीं, अनिल कुमार का कहना है कि जब से यह बना है तब से कोई न मुखिया, पंचायत सचिव और न ही प्रखंड के पदाधिकारी बैठे हैं। पूरा भवन जर्जर हो गया है। कोई देखनेवाला नहीं है। कोई अधिकारी देखने तक नहीं आये हैं।

बाइट- अरविंद कुमार सिन्हा, स्थानीय
बाइट- अनिल कुमार, स्थानीय

क्या कहते है पदाधिकारी

प्रखंड विकास पदाधिकारी सत्यनारायण पंडित का कहना है कि, हमे आये हुए अभी दो महीने हुए ही हैं हाजीपुर पंचायत सरकार भवन को दिखवा लेते हैं अगर जीर्णशीर्ण अवस्था में है तो उसके दोषी कौन है उसपे कार्रवाई की जाएंगी या फिर उसके लिए क्या व्यवस्थाएं की जाएंगी वो करेंगें। मरम्मत की जरूरत होगी तो उसे भी करवाएं।

बाइट-सत्यनारायण पंडित, बीडीओ, वारसलीगंज




Conclusion:
Last Updated : Oct 10, 2019, 8:03 PM IST
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