नवादा: विकास कार्यों के नाम पर सरकार आए दिन नई-नई योजनाएं और निर्माण कार्य शुरू करती है. लेकिन, ज्यादातर बार जैसे-जैसे समय बीतता है, वह काम अधर में ही लटका रह जाता है. कभी भवन अधूरा ही बनता है तो कभी पूरा बनने के बाद भी शिलान्यास नहीं हो पाता. बिहार सरकार की ओर से प्रदेश के सभी पंचायतों में पंचायत सरकार भवन बनवाए जा रहे हैं. जिनकी लागत करोड़ों में है.
नवादा जिले में 5 साल पहले बना पंचायत सरकार भवन आज अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है. वारिसलीगंज प्रखंड के हाजीपुर पंचायत में बने पंचायत सरकार भवन की हालत बहुत ही जर्जर है. करोड़ों लगाकर इसका निर्माण तो किया गया. लेकिन, देखरेख के अभाव में आज यह खंडहर में तब्दील हो चुका है.
लोगों को सहूलियत देना था अहम उद्देश्य
पंचायत के लोगों को ब्लॉक का चक्कर ना काटना पड़े इसी उद्देश्य से गांव में ही सारी सुविधाओं से लैश पंचायत सरकार भवन बनाये गए थे. लेकिन, आज इस भवन में बने वेंटिलेटर को तोड़ दिया गया है. बिजली के बोर्ड उखाड़ दिए गए हैं. कमरों के दरवाजे और खिड़कियों के शीशे भी फोड़ दिए गए हैं. सीढ़ियां टूट चुकी हैं. शौचालय गंदा पड़ा हुआ है.
2 करोड़ 34 लाख की लागत से हुआ था निर्माण
इस पंचायत सरकार भवन का निर्माण साल 2013 में शुरू हुआ था, जो 4 सितंबर 2014 को पूरा हो गया. लेकिन, इतने साल बीत जाने के बाद भी इसे अभी तक जनता के सेवा के लिए हैंडओवर नहीं किया गया. जिस कारण यह पंचायत सरकार भवन जीर्ण शीर्ण अवस्था में पड़ा है.
शिकायत के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई
ग्रामीणों का कहना है कि जब से यह भवन बना है तब से वह बस यही आस लगाए बैठे हैं कि कब यहां काम शुरू हो. कई बार शिकायत के बावजूद कोई हल नहीं निकला है. उनका कहना है कि अगर यह भवन सुचारू रूप से चल रहा होता तो उन्हें वारिसलीगंज नहीं जाना पड़ता. सरकारी अनदेखी के अभाव में यह हाल हुआ है.
पल्ला झाड़ रहे हैं पदाधिकारी
इस पूरे मामले पर जब प्रखंड विकास पदाधिकारी सत्यनारायण पंडित को जवाब-तलब किया गया तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ा कि उन्हें यहां आए हुए अभी महज दो महीने ही हुए हैं. मामला संज्ञान में आया है तो कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने आश्वास्त किया कि जल्द ही भवन का मरम्मत करवा कर इसे जनता के लिए चालू कर दिया जाएगा.