नवादा: बिहार के नवादा की विधायक विभा देवी (Nawada MLA Vibha Devi) ने जनवितरण प्रणाली समेत कई जनहित योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ 25-26 फरवरी को धरना दिया था. आज शनिवार को उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि जनता ने जब से मुझे जिम्मेदारी दी है, तब से लगातार भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई लड़ रही हूं. सरकार के जनहित योजनाओं को वंचित वर्ग तक पहुंचाने के लिए एड़ी-चोटी एक कर रही हूं.
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गरीबों के हक की लड़ाईः आरजेडी विधायक ने कहा कि वह उन पदाधिकारियों और जनवितरण दुकानदारों को धन्यवाद देना चाहती हैं, जिन्होंने विभागीय जांच में भूमिका निभाई अथवा प्रशासनिक जांच में सहयोग दिया. उन्होंने जिला पदाधिकारी को भी धरना के बाद उनकी मांगों का संज्ञान लेते हुए जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए धन्यवाद दिया. विभा देवी ने कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगी कि मेरी किसी से निजी लड़ाई नहीं है. मेरी लड़ाई गरीबों के हक को सुरक्षित पहुंचाने की है. इसमें जो सहयोग करेगा मुझे खुशी होगी.
डीलर से व्यक्तिगत लड़ाई नहींः विधायक ने कहा कि आप सभी जानते हैं कि जनवितरण प्रणाली के विक्रेताओं से उनकी कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है. बहुत सारे डीलर इमानदारी पूर्वक काम करते हैं. लेकिन बहुत सारे ऐसे भी हैं जिनकी सांठगांठ बड़े-बड़े जनवितरण माफिया से है. उन्होंने कहा कि पता चला है कि डीलरों के राज्य संगठन ने जांच बन्द करने की मांग की है और उनको माफी मांगने को कहा गया है. विधायक ने चेतावनी दी कि अगर किसी भी दबाव में आकर जांच कार्य को बाधित करने की कोशिश की गई, तो उकी लड़ाई और तेज होगी. गांव-गांव तक पैदल मार्च और राजधानी तक पैदल मार्च शामिल हो सकता है.
जनवितरण प्रणाली में झोलः विभा देवी ने कहा कि जनवितरण प्रणाली में बहुत सारे झोल का उजागर होना अभी बाकी है. जैसे नवादा जिला के डीलरों के पास 5 लाख क्विंटल अनाज बैक लॉक में पड़ा है. पदाधिकारियों की जांच इस पर भी होना चाहिए कि कैसे डीलरों के पास बैलेंस रहने के बावजूद अनाज का नया आवंटन हो जा रहा है. उन्होंने कहा आखिर वह 5 लाख क्विंटल से 10 लाख क्विंटल अनाज कौन से गोदाम में पड़ा हुआ है? क्या यह अनाज की बड़ी मात्रा रुपयों में तब्दील होकर दो हजार के नोट में परिवर्तित होकर तिजोरी में बंद है? जांच करना सरकार एवं जांच एजेंसियों का काम है.
"मैं डीलरों की जायज मांगों के साथ खड़ी हूं, किन्तु भरष्टाचार से कोई समझौता नहीं हो सकता. पता चला है कि गांधी मैदान पटना के पास आपूर्ति विभाग से संबंधित एक ऑफिस है जहां से इन डीलरों का बैलेंस नील कर दिया जाता है और नया आवंटन देने का मार्ग प्रशस्त कर दिया जाता है. इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए. बगैर ब्लॉक लेवल के सहयोग से इतने बड़े घोटाले को अंजाम नहीं दिया जा सकता"- विभा देवी, विधायक