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सूखे की मार झेल रहे किसानों ने बदली राह, परंपरागत खेती की जगह अब कर रहे हैं केले की उपज

जिले के किसान जमकर केले की खेती कर रहे हैं. सरकार से बागबानी मिशन के तहत अनुदान भी मिल रहा रहा है. जहां किसान छोटे से भू-भाग पर इसकी खेती करते थे, वहीं परंपरागत धान, गेंहू की खेती से ज्यादा लाभ पाकर अब बड़े पैमाने पर केले की खेती कर रहे हैं.

नवादा के किसान
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Published : Sep 13, 2019, 3:25 PM IST

नवादाः पूरा दक्षिण बिहार सूखे की भयंकर चपेट में है. सूखे के कारण इस साल धान की खेती काफी प्रभावित हुई है. वहीं, जिले के किसान अब सूखे से निपटने के लिए परंपरागत खेती से दूरी बनाने लगे हैं. किसान केले की उन्नत खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं.

पहले धान, गेंहू की फसल में नुकसान की अधिक संभावनाएं होती थी. वहीं, किसान केले की खेती में काफी कम नुकसान की गुंजाइश बताते हैं. किसानों को मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के तहत आर्थिक मदद के साथ-साथ उद्यान अधिकारी का मार्गदर्शन भी मिल रहा है. हिसुआ प्रखंड स्थित सिंघौली गांव के किसान मुसाफिर कुशवाहा ने परम्परागत खेती से हटकर केले की खेती कर किसानों को सोचने पर मजबूर कर दिया है.

dry in bihar
दक्षिण बिहार में भीषण सूखा

प्रशिक्षण के बाद केले की खेती में जगी रूचि
ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत में मुसाफिर कुशवाहा ने बताया कि10 दिन पहले उद्यान पदाधिकारी को आवेदन दिया था. जिसके बाद पौधा उपलब्ध कराया गया है. अधिकारी शम्भू प्रसाद इससे पहले एक महीने का प्रशिक्षण दिलवा चुके हैं. प्रशिक्षण के दौरान ही केले की खेती के करने की रुचि जगी.

banan plant
जिला प्रशासन की तरफ से मिले केले के पौधे

'पहली बार डर रहा था'
किसान मुसाफिर कुशवाहा ने दो साल पहले केले की खेती की शुरुआत की थी. एक एकड़ में पौधा लगाया. किसान ने बताया कि डर लग रहा था, कहीं फेल न हो जाएं. लेकिन एक एकड़ में 30-35 हजार रुपए की आमदनी हुई. इसकी खेती में धान-गेहूं और अन्य फसलों से ज्यादा लाभ नजर आया. इस साल किसानों ने 5 हेक्टेयर में केले की खेती कर रहे हैं. किसान ने बताया कि पदाधिकारी से लेकर कृषि मंत्री से काफी सहयोग मिला है.

officer shambhu prasad
उद्यान सहायक निदेशक शम्भू प्रसाद

सर्वे करते हैं अधिकारी
वहीं, उद्यान पदाधिकारी बागवानी मिशन के तहत केला, अमरूद, आम, पपीता जैसे कई फसलों की जानकारी देते हैं. गांव में आकर सर्वे करते हैं साथ ही किसानों से बातचीत कर जानकारी लेते हैं. किसान ने बताया कि पानी का जलस्तर नीचे जाने की वजह से बोरिंग काम नहीं कर रहा है. किसान ने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि 270 फीट की एक बोरिंग कराया जाए, ताकि किसान खेती कर सकें.

farmer musafir kushwaha
ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत करते किसान मुसाफिर कुशवाहा

क्या कहते हैं पदाधिकारी
उद्यान सहायक निदेशक शम्भू प्रसाद ने केले की खेती के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 1 हेक्टेयर में 1 लाख 25 हजार लागत आता है. जिसमें सरकार 50 प्रतिशत अनुदान देती है. अर्थात 62 हजार 250 रुपए. किसानों को दो किश्तों में भुगतान किया जाता है. पहली किश्त के रूप में 75 प्रतिशत यानी 46 हजार 875 और शेष दूसरे साल में 15 हजार 625 रुपए दिए जाते हैं. किसान समूह में खेती करने वाले किसानों को पानी की समस्या से छुटकारा दिलाया जाता है. सरकार की तरफ से पौधा रके साथ-साथ ड्रिप एरिग्रेशन लगाया जाता है. इसमें 90 फीसदी अनुदान का लाभ किसानों को मिलता है. इसके अलावे एक समरसेबल बोरिंग उपलब्ध कराया जाता है. इसके लिए कम से कम 8 किसानों को 5 हेक्टेयर में खेती करनी पड़ती है.

banana plant
खेतों में लगाने के लिए केले के पौधे

क्या है मुख्यमंत्री बागवानी मिशन
किसानों को आर्थिक रूप से सबल बनाने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है. जिसमें बागवानी मिशन के तहत केला, पपीता, अमरुद और पान की खेती करायी जाती है. इसके लिए सरकार की तरफ से 50 प्रतिशत अनुदान दी जा रही है.

नवादा में केले की खेती की तरफ आकर्षित हो रहे किसान

इस तरह आवेदन करें किसान
इसके लिए किसानों को जिला उद्यान विभाग, प्रखंड उद्यान पदाधिकारी या कृषि समन्वयक के पास आवेदन देना होगा. किसान को पौधा लगाने वाली जमीन का रसीद, पहचान पत्र/आधार कार्ड एवं आवेदक के दो फोटो सहित बैंक पासबुक की फोटो कॉपी. आवेदन को जिला उद्यान विभाग के पास भेजा जाएगा, इसकी जांच अधिकारी करेंगे. योग्य पाए जाने वाले आवेदक को पौधा दिया जाएगा. इसके उपरांत अनुदान की राशि आवेदक के खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी.

नवादाः पूरा दक्षिण बिहार सूखे की भयंकर चपेट में है. सूखे के कारण इस साल धान की खेती काफी प्रभावित हुई है. वहीं, जिले के किसान अब सूखे से निपटने के लिए परंपरागत खेती से दूरी बनाने लगे हैं. किसान केले की उन्नत खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं.

पहले धान, गेंहू की फसल में नुकसान की अधिक संभावनाएं होती थी. वहीं, किसान केले की खेती में काफी कम नुकसान की गुंजाइश बताते हैं. किसानों को मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के तहत आर्थिक मदद के साथ-साथ उद्यान अधिकारी का मार्गदर्शन भी मिल रहा है. हिसुआ प्रखंड स्थित सिंघौली गांव के किसान मुसाफिर कुशवाहा ने परम्परागत खेती से हटकर केले की खेती कर किसानों को सोचने पर मजबूर कर दिया है.

dry in bihar
दक्षिण बिहार में भीषण सूखा

प्रशिक्षण के बाद केले की खेती में जगी रूचि
ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत में मुसाफिर कुशवाहा ने बताया कि10 दिन पहले उद्यान पदाधिकारी को आवेदन दिया था. जिसके बाद पौधा उपलब्ध कराया गया है. अधिकारी शम्भू प्रसाद इससे पहले एक महीने का प्रशिक्षण दिलवा चुके हैं. प्रशिक्षण के दौरान ही केले की खेती के करने की रुचि जगी.

banan plant
जिला प्रशासन की तरफ से मिले केले के पौधे

'पहली बार डर रहा था'
किसान मुसाफिर कुशवाहा ने दो साल पहले केले की खेती की शुरुआत की थी. एक एकड़ में पौधा लगाया. किसान ने बताया कि डर लग रहा था, कहीं फेल न हो जाएं. लेकिन एक एकड़ में 30-35 हजार रुपए की आमदनी हुई. इसकी खेती में धान-गेहूं और अन्य फसलों से ज्यादा लाभ नजर आया. इस साल किसानों ने 5 हेक्टेयर में केले की खेती कर रहे हैं. किसान ने बताया कि पदाधिकारी से लेकर कृषि मंत्री से काफी सहयोग मिला है.

officer shambhu prasad
उद्यान सहायक निदेशक शम्भू प्रसाद

सर्वे करते हैं अधिकारी
वहीं, उद्यान पदाधिकारी बागवानी मिशन के तहत केला, अमरूद, आम, पपीता जैसे कई फसलों की जानकारी देते हैं. गांव में आकर सर्वे करते हैं साथ ही किसानों से बातचीत कर जानकारी लेते हैं. किसान ने बताया कि पानी का जलस्तर नीचे जाने की वजह से बोरिंग काम नहीं कर रहा है. किसान ने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि 270 फीट की एक बोरिंग कराया जाए, ताकि किसान खेती कर सकें.

farmer musafir kushwaha
ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत करते किसान मुसाफिर कुशवाहा

क्या कहते हैं पदाधिकारी
उद्यान सहायक निदेशक शम्भू प्रसाद ने केले की खेती के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 1 हेक्टेयर में 1 लाख 25 हजार लागत आता है. जिसमें सरकार 50 प्रतिशत अनुदान देती है. अर्थात 62 हजार 250 रुपए. किसानों को दो किश्तों में भुगतान किया जाता है. पहली किश्त के रूप में 75 प्रतिशत यानी 46 हजार 875 और शेष दूसरे साल में 15 हजार 625 रुपए दिए जाते हैं. किसान समूह में खेती करने वाले किसानों को पानी की समस्या से छुटकारा दिलाया जाता है. सरकार की तरफ से पौधा रके साथ-साथ ड्रिप एरिग्रेशन लगाया जाता है. इसमें 90 फीसदी अनुदान का लाभ किसानों को मिलता है. इसके अलावे एक समरसेबल बोरिंग उपलब्ध कराया जाता है. इसके लिए कम से कम 8 किसानों को 5 हेक्टेयर में खेती करनी पड़ती है.

banana plant
खेतों में लगाने के लिए केले के पौधे

क्या है मुख्यमंत्री बागवानी मिशन
किसानों को आर्थिक रूप से सबल बनाने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है. जिसमें बागवानी मिशन के तहत केला, पपीता, अमरुद और पान की खेती करायी जाती है. इसके लिए सरकार की तरफ से 50 प्रतिशत अनुदान दी जा रही है.

नवादा में केले की खेती की तरफ आकर्षित हो रहे किसान

इस तरह आवेदन करें किसान
इसके लिए किसानों को जिला उद्यान विभाग, प्रखंड उद्यान पदाधिकारी या कृषि समन्वयक के पास आवेदन देना होगा. किसान को पौधा लगाने वाली जमीन का रसीद, पहचान पत्र/आधार कार्ड एवं आवेदक के दो फोटो सहित बैंक पासबुक की फोटो कॉपी. आवेदन को जिला उद्यान विभाग के पास भेजा जाएगा, इसकी जांच अधिकारी करेंगे. योग्य पाए जाने वाले आवेदक को पौधा दिया जाएगा. इसके उपरांत अनुदान की राशि आवेदक के खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी.

Intro:नवादा। सुखे की मार झेल रहे जिले के किसान अब परंपरागत खेती से हटकर केले की उन्नत खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। इसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के तहत सरकार से मदद भी मिल रही है। साथ उन्हें उद्यान अधिकारी से मार्गदर्शन भी। पहले जहां धान गेंहूँ की फसल से नुकसान की अधिक संभावनाएं होती थी वहीं, अब किसानों को केले की खेती में काफी कम नुकसान की गुंजाइश दिखने लगी है। साथ ही किसान अब सालाना लाखों रुपए कमाने की उम्मीद रखने लगे हैं। आज हमारे साथ एक ऐसे ही किसान हैं जिन्होंने सुखाड़ से हो रहे परंपरागत फसलों के नुकसान से निपटने के लिए केले की खेती की ओर अग्रसर हुए हैं। जी हां वो शख्स कोई और नहीं हिसुआ प्रखंड के सिंघौली गांव के किसान मुसाफिर कुशवाहा।

किसान मुसाफिर कुशवाहा बताते हैं, 10 दिन पहले उद्यान पदाधिकारी शम्भू प्रसाद के पास आवेदन किए थे। उन्होंने ही हमें इससे पहले एक महीने का प्रशिक्षण दिलवाया था। और कहा था कि अगर इसी तरीके से खेती करेंगें तो विशेष लाभ मिलेगा। इसी के तहत हमने आवेदन दी और उसी आधार पर यह पौधा मिला है।

इससे दो साल पहले एक एकड़ में पौधा लगाए थे उस समय डर लग रहा था कि कहीं फेल न हो जाएं। लेकिन एक एकड़ में हमें 30-35 हजार रुपए का आमदनी हुआ। इसलिए हमें धान-गेहूं या अन्य फसलों से ज्यादा लाभ नज़र आया। फिर हम सभी किसानों ने बन बनाया की इसबार 5 हेक्टेयर में केले की खेती करेंगे।

इसके लिए सरकार की ओर से केले का पौधा दिया गया है। उद्यान पदाधिकारी बागवानी मिशन के तहत केला, अमरूद, आम, पपीता जैसे कई चीजों की जानकारी देते हैं वो गांव में आकर सर्वे करते रहते हैं और किसानों से बातचीत करते रहते हैं।

आजकल पानी का लेयर काफी नीचा चला गया है जिससे हमलोगों का बोरिंग जोकि 70 फिट पर था वो काम नहीं कर रहा है सरकार आग्रह करेंगे कि एक बोरिंग 270 तक वाला गरवा दें ताकि हमलोग और अच्छी तरीके से खेती कर सकें।

क्या कहते हैं पदाधिकारी

उद्यान विभाग नवादा के सहायक निदेशक शम्भू प्रसाद का कहना है कि, 1 हेक्टेयर में केले लगाने की लागत 1 लाख 25 हजार होता है जिसमें सरकार 50 प्रतिशत अनुदान देती है यानी 62 हजार 250 रुपए। जिसे दो किश्तों में भुगतान किया जाता है जिसके पहले किश्त में 75 प्रतिशत यानी 46 हजार 875 शेष दूसरे साल में 15 हजार 625 रुपए दिए जाते हैं। रही बात पानी की समस्या की तो इसके लिए जो किसान समूह में खेती करेंगे और 5 हेक्टेयर में मिनिमम 8 किसान होनी चाहिए। उन्हें पौधे तो देंगे ही साथ ही ड्रिप एरिग्रेशन लगाएंगे जिसपे सरकार 90 प्रतिशत की अनुदान देती है। साथ में एक बोरिंग समर्सिबुल रूम फ्री में दिया जाएगा।


क्या है मुख्यमंत्री बागवानी मिशन

किसानों को आर्थिक रूप से सबल बनाने के लिए कई तरह के योजनाएं चला रही है। जिसमें बागवानी मिशन के तहत किसानों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत किसान परंपरागत फसल से हटकर केले, पपीता, अमरूद, पान की खेती कर लाभ कमा सकते हैं। इसके लिए सरकार की ओर से 50 प्रतिशत अनुदान दी जा रही है।

कैसे करें आवेदन

इसके लिए किसानों को जिला उद्यान विभाग या प्रखंड में प्रखंड उद्यान पदाधिकारी या कृषि समन्वयक के पास आवेदन देना होगा। किसान को जिस स्थान पर पौधा लगाना है उसकी अद्यतन रसीद, पहचान पत्र/आधार कार्ड एवं आवेदक के दो फोटो सहित बैंक पासबुक की फोटो कॉपी देनी होगी। सारे आवेदन को जिला उद्यान विभाग के पास भेजा जाएगा। फिर इसकी अधिकारी जांच करेंगे।जांच में योग्य पाए जाने पर उनके आवेदन को स्वीकृति की जाएगी। फिर उन्हें पौधा दिया जाएगा। तदनुपरांत अनुदान की राशि आवेदक के खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी।



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