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नवादाः स्वास्थ्य विभाग के डेटा एंट्री ऑपरेटरों का अनिश्चितकालीन हड़ताल दूसरे दिन भी जारी

स्वास्थ्य विभाग के डाटा इंट्री ऑपरेटर ने राज्य या जिला स्वास्थ्य समिति के तहत समायोजन की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. सदर अस्पाल में हड़ताली लगातार दूसरे दिन अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे.

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Published : Jun 22, 2020, 6:26 PM IST

नवादाः जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधीन कार्यरत डेटा इंट्री ऑपरेटर ने सशर्त समायोजन के विरोध में कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और अनिश्चिकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं. सोमवार को दूसरे दिन भी सभी डेटा एंट्री ऑपरेटर अपनी मांगों को लेकर सदर अस्पताल में डटे रहे और कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

राज्य या जिला स्वास्थ्य समिति में समायोजित करने की मांग
हड़तालियों ने कहा कि वे लोग 6 वर्षों से काम कर रहे हैं. कोरोना जैसी महामारी काल में भी उन लोगों ने 18 से 24 घंटे तक काम किया. लेकिन उन्हें प्रोत्साहित करने के बजाय हतोत्साहित किया जा रहा है. राज्य स्वास्थ्य समिति ने अपना एक टेंडर उर्मिला इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को दिया है. कंपनी ने जो शर्त रखी है. उससे लगता है कि उन्हें हटाके की साजिश रची जा है. हड़तालियों ने सरकार से मांग करते कहा कि कभी इस कंपनी, कभी उस कंपनी के अधीन रखकर काम करवाने के बजाय उन्हें राज्य स्वास्थ्य समिति या जिला स्वास्थ्य समिति में डायरेक्ट समायोजन कर लिया जाए ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके.

कामकाज हो रहे हैं प्रभावित
बता दें कि बिहार चिकित्सा और जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के की ओर से संचालित सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत डेटा एंट्री ऑपरेटर्स ने कंपनी से नाराज होकर कार्य बहिष्कार कर दिया है. जिससे स्वास्थ्य विभाग से संबंधित कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं.

नवादाः जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधीन कार्यरत डेटा इंट्री ऑपरेटर ने सशर्त समायोजन के विरोध में कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और अनिश्चिकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं. सोमवार को दूसरे दिन भी सभी डेटा एंट्री ऑपरेटर अपनी मांगों को लेकर सदर अस्पताल में डटे रहे और कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

राज्य या जिला स्वास्थ्य समिति में समायोजित करने की मांग
हड़तालियों ने कहा कि वे लोग 6 वर्षों से काम कर रहे हैं. कोरोना जैसी महामारी काल में भी उन लोगों ने 18 से 24 घंटे तक काम किया. लेकिन उन्हें प्रोत्साहित करने के बजाय हतोत्साहित किया जा रहा है. राज्य स्वास्थ्य समिति ने अपना एक टेंडर उर्मिला इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को दिया है. कंपनी ने जो शर्त रखी है. उससे लगता है कि उन्हें हटाके की साजिश रची जा है. हड़तालियों ने सरकार से मांग करते कहा कि कभी इस कंपनी, कभी उस कंपनी के अधीन रखकर काम करवाने के बजाय उन्हें राज्य स्वास्थ्य समिति या जिला स्वास्थ्य समिति में डायरेक्ट समायोजन कर लिया जाए ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके.

कामकाज हो रहे हैं प्रभावित
बता दें कि बिहार चिकित्सा और जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के की ओर से संचालित सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत डेटा एंट्री ऑपरेटर्स ने कंपनी से नाराज होकर कार्य बहिष्कार कर दिया है. जिससे स्वास्थ्य विभाग से संबंधित कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं.

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