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नवादा: सिंघौली में लगा नल-जल योजना बनी शोभा की वस्तु, सैकड़ों लोग पानी के लिए परेशान - nal jal yojna became an Object of grace

नवादा जिले के हिसुआ प्रखंड अंतर्गत सिघौली गांव के 8 नंबर वार्ड में नल-जल योजना सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गया है. ग्रामवासियों को मार्च महीने में ही पेयजल को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Mar 3, 2021, 3:33 PM IST

नवादा: जिले के सिंघौली गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि नल-जल योजना का कार्य आरम्भ होने पर आशा की किरण जगी थी कि इस वर्ष गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्या उत्पन्न नहीं होगी. ग्रामीणों ने बताया कि गांव के नीचे पहाड़ मिलने से यहां चापाकल लगाना आसान कार्य नहीं है.

ये भी पढ़ें- नवादा: चापाकल मरम्मति रथ को डीडीसी ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

पेयजल के लिए भटक रहे लोग
मुख्यमंत्री के नल-जल योजना का कार्य आरम्भ होने पर ग्रामीणों को लगा था कि इस वर्ष पेयजल के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. स्वच्छ और निर्मल जल उनके घरों तक पहुंच जायेगा. लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण उनका सपना-सपना ही बनकर रह गया.

शोभा की वस्तु बनी नल जल योजना
ग्रामीणों ने बताया कि यहां पीएचईडी विभाग ने नल-जल योजना का कार्य शुरू किया था. पीएचईडी विभाग की ओर से योजना की देखभाल के लिए विनोद राजबंशी को रखा गया था. योजना के आरम्भ होने पर हर घर में सप्लाई का पानी पहुंचता था. लेकिन एक पखवाड़े से नल-जल योजना गांव वालों के लिए शोभा की वस्तु बनकर रह गया है.

विभागीय लापरवाही से बढ़ी परेशानी
ग्रामीणों ने बताया कि योजना की देख-रेख कर रहे विनोद राजबंशी ने ये कहते हुए जल की आपूर्ति बंद कर दी कि नल-जल योजना को चलाने के लिए पैसा समाप्त हो चुका है. जब सरकार द्वारा बिजली का पैसा भरा जाएगा, तभी इसे पुनः चालू किया जायेगा. इस संदर्भ में हिसुआ के प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉ. मृत्युजंय कुमार ने कहा कि मीटर में पैसा भरने का कोई प्रावधान नहीं है, इसकी जांच कराकर योजना को अविलम्ब चालू कराया जायेगा.

नवादा: जिले के सिंघौली गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि नल-जल योजना का कार्य आरम्भ होने पर आशा की किरण जगी थी कि इस वर्ष गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्या उत्पन्न नहीं होगी. ग्रामीणों ने बताया कि गांव के नीचे पहाड़ मिलने से यहां चापाकल लगाना आसान कार्य नहीं है.

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पेयजल के लिए भटक रहे लोग
मुख्यमंत्री के नल-जल योजना का कार्य आरम्भ होने पर ग्रामीणों को लगा था कि इस वर्ष पेयजल के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. स्वच्छ और निर्मल जल उनके घरों तक पहुंच जायेगा. लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण उनका सपना-सपना ही बनकर रह गया.

शोभा की वस्तु बनी नल जल योजना
ग्रामीणों ने बताया कि यहां पीएचईडी विभाग ने नल-जल योजना का कार्य शुरू किया था. पीएचईडी विभाग की ओर से योजना की देखभाल के लिए विनोद राजबंशी को रखा गया था. योजना के आरम्भ होने पर हर घर में सप्लाई का पानी पहुंचता था. लेकिन एक पखवाड़े से नल-जल योजना गांव वालों के लिए शोभा की वस्तु बनकर रह गया है.

विभागीय लापरवाही से बढ़ी परेशानी
ग्रामीणों ने बताया कि योजना की देख-रेख कर रहे विनोद राजबंशी ने ये कहते हुए जल की आपूर्ति बंद कर दी कि नल-जल योजना को चलाने के लिए पैसा समाप्त हो चुका है. जब सरकार द्वारा बिजली का पैसा भरा जाएगा, तभी इसे पुनः चालू किया जायेगा. इस संदर्भ में हिसुआ के प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉ. मृत्युजंय कुमार ने कहा कि मीटर में पैसा भरने का कोई प्रावधान नहीं है, इसकी जांच कराकर योजना को अविलम्ब चालू कराया जायेगा.

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