नवादा: लोगों को पापों से मुक्ति दिलाने वाले भगवान शंकर अगर खुद कैद हो जाए तो कैसा लगेगा. ऐसा ही कुछ मामला नवादा के मड़रा गांव से सामने आया है. यहां मंदिर से चोरी हुई पंचमुखी महादेव की मूर्ति पिछले 20 सालों से बगैर गलती के पुलिस कस्टडी में सजा काट रही है. वहीं, गांव के लोग भी काफी बेसब्री से भगवान शंकर की मूर्ति का वापस मंदिर में आने का इंतजार कर रहे हैं.
दरअसल, 21 दिसंबर 1993 में मड़रा गांव के शिव मंदिर से पंचमुखी महादेव की मूर्ति चोरी हो गई थी. जिसे 6 साल बाद 1999 में चोरों की कब्जे से बरामद किया गया. जिसके बाद से महादेव की मूर्ति नरहट थाने के पुलिस कस्टडी में है और तबसे कानूनी दांव पेंच में फंसी है. हालांकि, जिस चोर को सजा काटना चाहिए वह अब आजाद घूम रहा है.
क्या कहते हैं ग्रामीण?
ग्रामीणों का कहना है कि भगवान शंकर की मूर्ति सालों से थाने के मालखाने में पड़ी है. उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि जल्द से जल्द भगवान की मूर्ति को वापस लाया जाए और जहां पहले महादेव की मूर्ति विराजमान थी उसे वहीं स्थापित किया जाए. ग्रामीणों ने ये भी कहा कि वह मीडिया के माध्यम से आग्रह करते हैं कि पंचमुखी महादेव की मूर्ति को जल्द से जल्द वापस लाया जाए.
क्या कहते हैं पंडित
पंडित महेंद्र पांडेय का कहना है कि मड़रा गांव में शिव मंदिर से चोरी हुई प्रतिमा के लिए मेरे पिताजी ने निजी तौर पर एक्शन लिया था और रोह थाना में मामला भी दर्ज कराया था. उन्होंने बताया कि बाद में मूर्ति को बरामद भी कर लिया गया. लेकिन, अभी तक उसे नरहट थाने में रखा गया है. इस मामले में कोर्ट में केस चल रहा है. उन्होंने बताया कि पिताजी के देहांत होने के बाद से यह मामला कोर्ट में पेंडिंग पड़ा है.
जानाकारी देते वकील
इस पूरे मसले पर न्यायालय में वकील ओम प्रकाश पहले पैरवी कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि तत्कालीन थाना प्रभारी ने उस समय ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि मूर्ति बहुत जल्द लोगों को सौंप दिया जाएगा. लेकिन, इस मामले पर चार्जशीट बनाकर केस कोर्ट के हवाले कर दिया गया. उन्होंने बताया कि इसके बाद कोर्ट ने अनुसंधानकर्ता की रिपोर्ट पर न्यायालय ने शिवलिंग को रिलीज करने का आदेश दिया था. लेकिन, पुलिस की निष्क्रियता के कारण आज तक मूर्ति थाने के मालखाने में ही है.