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20 सालों से कैद हैं भगवान शंकर! जानिए क्या है मामला - lord shankar statue

21 दिसंबर 1993 में मड़रा गांव के शिव मंदिर से पंचमुखी महादेव की चोरी हो गई थी. जिसे 6 साल बाद 1999 में चोरों की कब्जे से मूर्ति को बरामद किया गया. जिसके बाद से महादेव की मूर्ति नरहट थाने के पुलिस कस्टडी में है और तबसे कानूनी दांव पेंच में फंसी है.

शिव मंदिर
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Published : Dec 9, 2019, 12:14 AM IST

नवादा: लोगों को पापों से मुक्ति दिलाने वाले भगवान शंकर अगर खुद कैद हो जाए तो कैसा लगेगा. ऐसा ही कुछ मामला नवादा के मड़रा गांव से सामने आया है. यहां मंदिर से चोरी हुई पंचमुखी महादेव की मूर्ति पिछले 20 सालों से बगैर गलती के पुलिस कस्टडी में सजा काट रही है. वहीं, गांव के लोग भी काफी बेसब्री से भगवान शंकर की मूर्ति का वापस मंदिर में आने का इंतजार कर रहे हैं.

दरअसल, 21 दिसंबर 1993 में मड़रा गांव के शिव मंदिर से पंचमुखी महादेव की मूर्ति चोरी हो गई थी. जिसे 6 साल बाद 1999 में चोरों की कब्जे से बरामद किया गया. जिसके बाद से महादेव की मूर्ति नरहट थाने के पुलिस कस्टडी में है और तबसे कानूनी दांव पेंच में फंसी है. हालांकि, जिस चोर को सजा काटना चाहिए वह अब आजाद घूम रहा है.

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ग्रामीण

क्या कहते हैं ग्रामीण?
ग्रामीणों का कहना है कि भगवान शंकर की मूर्ति सालों से थाने के मालखाने में पड़ी है. उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि जल्द से जल्द भगवान की मूर्ति को वापस लाया जाए और जहां पहले महादेव की मूर्ति विराजमान थी उसे वहीं स्थापित किया जाए. ग्रामीणों ने ये भी कहा कि वह मीडिया के माध्यम से आग्रह करते हैं कि पंचमुखी महादेव की मूर्ति को जल्द से जल्द वापस लाया जाए.

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महेंद्र पांडेय, पंडित

क्या कहते हैं पंडित
पंडित महेंद्र पांडेय का कहना है कि मड़रा गांव में शिव मंदिर से चोरी हुई प्रतिमा के लिए मेरे पिताजी ने निजी तौर पर एक्शन लिया था और रोह थाना में मामला भी दर्ज कराया था. उन्होंने बताया कि बाद में मूर्ति को बरामद भी कर लिया गया. लेकिन, अभी तक उसे नरहट थाने में रखा गया है. इस मामले में कोर्ट में केस चल रहा है. उन्होंने बताया कि पिताजी के देहांत होने के बाद से यह मामला कोर्ट में पेंडिंग पड़ा है.

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इसी थाने में पड़ी है भगवान शंकर की मूर्ति

जानाकारी देते वकील
इस पूरे मसले पर न्यायालय में वकील ओम प्रकाश पहले पैरवी कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि तत्कालीन थाना प्रभारी ने उस समय ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि मूर्ति बहुत जल्द लोगों को सौंप दिया जाएगा. लेकिन, इस मामले पर चार्जशीट बनाकर केस कोर्ट के हवाले कर दिया गया. उन्होंने बताया कि इसके बाद कोर्ट ने अनुसंधानकर्ता की रिपोर्ट पर न्यायालय ने शिवलिंग को रिलीज करने का आदेश दिया था. लेकिन, पुलिस की निष्क्रियता के कारण आज तक मूर्ति थाने के मालखाने में ही है.

नवादा: लोगों को पापों से मुक्ति दिलाने वाले भगवान शंकर अगर खुद कैद हो जाए तो कैसा लगेगा. ऐसा ही कुछ मामला नवादा के मड़रा गांव से सामने आया है. यहां मंदिर से चोरी हुई पंचमुखी महादेव की मूर्ति पिछले 20 सालों से बगैर गलती के पुलिस कस्टडी में सजा काट रही है. वहीं, गांव के लोग भी काफी बेसब्री से भगवान शंकर की मूर्ति का वापस मंदिर में आने का इंतजार कर रहे हैं.

दरअसल, 21 दिसंबर 1993 में मड़रा गांव के शिव मंदिर से पंचमुखी महादेव की मूर्ति चोरी हो गई थी. जिसे 6 साल बाद 1999 में चोरों की कब्जे से बरामद किया गया. जिसके बाद से महादेव की मूर्ति नरहट थाने के पुलिस कस्टडी में है और तबसे कानूनी दांव पेंच में फंसी है. हालांकि, जिस चोर को सजा काटना चाहिए वह अब आजाद घूम रहा है.

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ग्रामीण

क्या कहते हैं ग्रामीण?
ग्रामीणों का कहना है कि भगवान शंकर की मूर्ति सालों से थाने के मालखाने में पड़ी है. उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि जल्द से जल्द भगवान की मूर्ति को वापस लाया जाए और जहां पहले महादेव की मूर्ति विराजमान थी उसे वहीं स्थापित किया जाए. ग्रामीणों ने ये भी कहा कि वह मीडिया के माध्यम से आग्रह करते हैं कि पंचमुखी महादेव की मूर्ति को जल्द से जल्द वापस लाया जाए.

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महेंद्र पांडेय, पंडित

क्या कहते हैं पंडित
पंडित महेंद्र पांडेय का कहना है कि मड़रा गांव में शिव मंदिर से चोरी हुई प्रतिमा के लिए मेरे पिताजी ने निजी तौर पर एक्शन लिया था और रोह थाना में मामला भी दर्ज कराया था. उन्होंने बताया कि बाद में मूर्ति को बरामद भी कर लिया गया. लेकिन, अभी तक उसे नरहट थाने में रखा गया है. इस मामले में कोर्ट में केस चल रहा है. उन्होंने बताया कि पिताजी के देहांत होने के बाद से यह मामला कोर्ट में पेंडिंग पड़ा है.

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इसी थाने में पड़ी है भगवान शंकर की मूर्ति

जानाकारी देते वकील
इस पूरे मसले पर न्यायालय में वकील ओम प्रकाश पहले पैरवी कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि तत्कालीन थाना प्रभारी ने उस समय ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि मूर्ति बहुत जल्द लोगों को सौंप दिया जाएगा. लेकिन, इस मामले पर चार्जशीट बनाकर केस कोर्ट के हवाले कर दिया गया. उन्होंने बताया कि इसके बाद कोर्ट ने अनुसंधानकर्ता की रिपोर्ट पर न्यायालय ने शिवलिंग को रिलीज करने का आदेश दिया था. लेकिन, पुलिस की निष्क्रियता के कारण आज तक मूर्ति थाने के मालखाने में ही है.

Intro:नवादा। थाने के मालखाने में पिछले 20 वर्षों से क़ैद है मड़रा गांव के पंचमुखी महादेव। विडंबना देखिए जो लोगों को पापों से मुक्ति दिलाते हैं आज वही कर रहे हैं थाने से मुक्ति का इंतजार। सुनकर आप हैरान हो रहे होंगे। सोच रहे होंगे आख़िर भगवान महादेव ने ऐसा कौन सा गुनाह किया जिसके वजह से उन्हें यह सज़ा मिली। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है।





Body:दरअसल, 21 दिसंबर 1993 में मड़रा गांव के शिव मंदिर से पंचमुखी महादेव की चोरी हो गई थी जिसे 6 साल बाद 1999 में चोरों की कब्जे से बरामद किया गया जिसके बाद से महादेव नरहट थाने में पुलिस कस्टडी में हैं। और तबसे क़ानूनी पचड़े में फसे हुए हैं। हालांकि, जिस चोर ने चोरी को अंजाम दिया वो तो अब छूट चुके हैं लेकिन भगवान पंचमुखी महादेव आज भी थाने के मालखाने में कैद हैं। उन्हें आज भी थाने से मुक्ति का इंतजार है।

1993 में हुई थी चोरी पंचमुखी महादेव का शिवलिंग

21 दिसंबर 1993 को मड़रा गांव के पूर्वी छोर स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर से काले पत्थर की पंचमुखी शिवलिंग की चोरी हुई थी जिसकी लिखित सूचना शिक्षाविद रामस्वरूप पांडेय ने रोह थाना में दी गई थी। घटना की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मजा गांव के शिक्षाविद रामस्वरूप पांडे की लिखित सूचना करीब 6 साल बाद नरहट थाना क्षेत्र से पुलिस ने पंचमुखी महादेव की शिवलिंग को बरामद किया।

क्या कहते हैं ग्रामीण

आज मूर्ति की इंतजार में पूरा मर रहा व्याकुल है सभी का उनका इंतजार सभी उनका इंतजार कर रहे हैं हम चाहते हैं जहां पहले महादेव विराजमान थे वहां आकर रख दिया जाए।

राणा हरिहर रावत, ग्रामीण

1993 में हमारे गांव से पंचमुखी महादेव की चोरी हुई थी हम चाहते हैं कि प्रेस के माध्यम से सरकार के माध्यम से चाय प्रशासन के माध्यम से चाय अन्य कोई माध्यम से इनका रिहाई हो हम सभी ग्रामीण लगाए बैठे हैं।

सिकंदर कुमार रावत, ग्रामीण

हमारे पूरे गांव वर्षों से इन भगवान महादेव का इंतजार कर रहे हैं जिस तरह हमारे रामला को न्याय मिला और आज वहां मंदिर बनाने की तैयारी चल रही है उसी तरह हम लोग सोचते हैं कि हमारे महादेव भी हमारे गांव आए हैं और 21 फरवरी को महाशिवरात्रि है सभी ग्रामीणों की इच्छा है कि हमारे महादेव महादेव जी यहां विराजमान हो जाए।


सतीश कुमार , ग्रामीण



क्या कहते हैं पंडित जी

पंडित महेंद्र पांडेय का कहना है, मड़रा में शिव मंदिर की प्रतिमा की चोरी हुई थी हमारे पिताजी रामस्वरुप पांडेय धर्मपरायण थे उन्होंने निजी तौर पर एक्शन लिया और रोह थाना जाकर उन्होंने केस दर्ज किया बाद में मूर्ति पकड़ी गई जो अभी नरहट थाने के में रखी हुई है कोर्ट में केस चल रहा था उनका उनका निधन हो गया और उस वक्त कोर्ट की छुट्टी चल रही थी नतीजा यह हुआ कि मामला लटक गया 26 साल से यह मामला लटका हुआ है चाहते हैं कि अतिशीघ्र भगवान को कैसे निकाला जाए।

क्या कहते हैं वकील

पूर्व में न्यायालय में मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता ओमप्रकाश ने बताया कि पुलिस को अपने कब्जे में लेना चाहिए था। इसके बाद अनुसंधानकर्ता की रिपोर्ट पर न्यायालय शिवलिंग को रिलीज करने का आदेश आदेश देती है लेकिन पुलिस की निष्क्रियता के कारण आज तक पंचमुखी महादेव की रिहाई नहीं हो सकी है। जिसके कारण आज भी भगवान महादेव कस्टडी में है हम लोग को दुख है कि इस पेशा में रहते हुए इंसान को न्याय दिलाओ पाते हैं या कोशिश करते हैं लेकिन खुद भगवान कस्टडी में हैं जिसे हम छोरा नहीं पा रहे हैं अगर प्रशासन और न्यायपालिका सहयोग करें तो हम लोग ग्रामीण की जो अभिलाषा है उसे पूरा कर सकेंगे।




Conclusion:
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