नवादाः कहा जाता है कि पति-पत्नी का रिश्ता सात जन्मों के लिए होता है. शादी में सात फेरे के समय सात बचन भी दिया जाता है. जिसमें पत्नी की रक्षा करना इन सात बचनों में से एक है. लेकिन इस बचन का कोई मोल नहीं रह जाता जब पति अपनी पत्नी की जिंदगी बचाने के लिए पीछे हट जाए. ऐसा ही मामला बिहार ने नवादा से आया है. जहां एक पति ने बीमार पत्नी को खून देने से मना कर दिया. बतां दें उसकी पत्नी शराब मामले में जेल में बंद है. तबियत खराब होने के कारण उसकी हालत गंभीर हो गई, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.
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हम खून नहीं दे सकतेः मामला नवादा मंडल कारा (jail In Nawada) से जुड़ा है. कंचन राजवंशी की पत्नी संगीता देवी शराब के मामले (Liquor Smuggling In Nawada) में जेल में बंद है. तबीयत बिगड़ने के बाद नवादा के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान डॉक्टर ने कहा कि महिला को खून की कमी है, तुरंत जेल सुपरिटेंडेंट अजीत कुमार ने संगीता देवी के पति कंचन राजवंशी से संपर्क किया गया. परिवार के लोग अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर ने पूरी जानकारी दी. जिसके बाद पति ने खून देने से इंकार कर दिया कहा हम खून नहीं दे सकते हैं.
संस्था के सदस्यों ने दोनेट किया खूनः इस मामले की जानकारी जेल सुपरिटेंडेंट अजीत कुमार को मिली. तो उन्होंने इस मामले में बेहतर पहल करते हुए छत्रपति शिवाजी के जितेंद्र प्रताप जीतू से संपर्क किया. जिसके बाद संस्था के सदस्यों ने संगीता देवी को दो यूनिट ब्लड उपलब्ध कराया है. जिससे महिला की जान बच गई. जेल सुपरिटेंडेंट अजीत कुमार ने कहा कि पति ने जब खून देने से इनकार किया तो छत्रपति शिवाजी संस्थान के सचिव जितेंद्र प्रताप जीतू से संपर्क कर महिला को खून दिया गया है. अब महिला की तबियत में सुधार हो रहा है.
"मैं बहुत कमजोर हूं इसलिए खून नहीं दे सकता. मेरी पत्नी पर शराब बेचने का आरोप लगा था. 3 दिसंबर से ही जेल में बंद है. जेल में उसकी तबीयत खराब हो गई. जेल सुपरिटेंडेंट के द्वारा बेहतर इलाज की सुविधा दी जा रही है." -कंचन राजवंशी, पति