नवादा: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने दुनिया भर के छोटे-बड़े व्यापारियों की कमर तोड़ रखी है. मौउरी बनाने वाले शिल्पकार की तो इन दिनों कोरोना की वजह से बुरा हाल हो गया है. इनका व्यापार शादी-विवाह के सीजन पर निर्भर होता है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से शादियां कम होने से इनके कारोबार पर बुरा असर पड़ा है. इस धंधे से जुड़े लोग बदहाली का सामना कर रहे हैं.
मालाकारों की उम्मीदों पर फिरा पानी
कोविड-19 ने इस बार शादी की शहनाई थाम दी है. सन्नाटे में कुछ शादियां जरूर हो रही है, लेकिन लोगों ने सिर्फ परंपरा का निर्वहन किया. जो शादियां हो रहीं है. वो औपचारिकता मात्र ही है. परिवार के सदस्य तक शामिल नहीं हो पा रहे हैं. अप्रैल, मई और जून में जबरदस्त लग्न था, लेकिन बाजार से लेकर विवाह भवन तक सबकुछ शांत रहा. शादी विवाह के अवसर पर मौउरी बनानेवाले मालाकार इसके लिए साल के शुरुआत से सामग्री जुटाना शुरू कर देते हैं. उन्हें उम्मीद रहती है कि इस सीजन अच्छी कमाई होगी पर कोरोना ने उनके सारे उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
लाखों की कमाई पर संक्रमण
शहर के कलाली रोड में मौउरी और माला बेचनेवाले मालाकार मंटू का कहना है कि लॉकडाउन ने उनके कारोबार को बर्बाद कर दिया है. यहां शादी-विवाह के सीजन में सिर्फ मौउरी बेचकर एक से डेढ़ लाख रुपए का सेल हो जाया करता था. लेकिन, आर्थिक मार से लघु उद्योग के रूप में प्रसिद्ध मालाकारों की हुनर पर ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है. जिस हुनर पर मालाकार इतराया करते थे. अब उनकी कारोबार प्रभावित होने से परेशान हैं. उनके चेहरे की उदासी तो यहीं बयां कर रही है.
राजनीतिक पार्टियों का होता था आगमन
मौउरी और फूल माला के लिए प्रसिद्ध कलाली रोड में एक से बढ़कर एक सुविख्यात व बड़े बड़े राजनीतिक पार्टियों के लोग फूलमाला से लेकर स्टेज सजावट तक के लिए यहां पहुंचते थे. जिससे इन्हें अधिक कमाई हुआ करती थी.लेकिन लॉकडाउन की वजह से न ही अधिक शादी हो रही है. और न ही राजनैतिक पार्टियों की रैली व सम्मेलन. जिस कारण से कारोबार ठप पड़ चुका है. शादी-विवाह से जुड़े कोरोबार के लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है.