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मकर संक्रांति को लेकर बढ़ने लगी है तिलकुट की डिमांड, दिन-रात बनाने में जुटे कारीगर - Tilakut started made in Nawada

कारोबारी ने बताया कि ठंड में तिलकुट की डिमांड काफी बढ़ जाती है. यहां का तिलकुट उत्तर बिहार, झारखंड, बंगाल और उड़ीसा तक जाता है. ठंड में डिमांड इतनी बढ़ जाती है कि हम लोग उसे पूरा ही नहीं कर पाते हैं.

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तिलकुट
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Published : Jan 3, 2020, 11:04 AM IST

नवादाः जिले में मकर संक्रांति को लेकर तिलकुट की डिमांड भी बढ़ने लगी है. जिसे देखते हुए कारोबारी तिलकुट बनाने में जुट गए हैं. कारीगर दिन-रात तिलकुट बनाने में लगे हुए हैं. शहरों में इसकी दुकानें सज गई हैं, जिसकी खुशबू चारों ओर फैलने लगी है.

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दुकान पर सजे तिलकुट

ठंड के मौसम में देता है गर्माहट
दरअसल ठंड के मौसम में शरीर में गर्माहट लाने के लिए तिल काफी उपयोगी माना जाता है. इसलिए ठंड में तिलकुट की बिक्री काफी बढ़ जाती है. लोग ठंड में तिलकुट खाना अच्छा समझते हैं. तिलकूट खरीदने आये लोगों का कहना है कि यहां ठंड काफी बढ़ी हुई है. बड़े-बुजुर्ग कहते हैं, तिलकुट खाने से शरीर में काफी गर्माहट बनी रहती है. इसलिए तिलकुट खरीदने आये हैं.

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तिलकुट की दुकान

तिलकुट के बिना दही चूड़े का स्वाद अधूरा
नवादा में तिलकुट के सबसे पुराने दुकानों में एक श्री गया की तिलकुट दुकान पर लोगों की भीड़ लगने लगी है. मकर संक्रांति में तो बिना तिलकुट के दही चूड़े का स्वाद अधूरा माना जाता है. नवादा में श्री गया तिलकुट भंडार के नाम की यह दुकान काफी प्रसिद्ध है.

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गया तिलकुट भंडार

मशहूर है श्री गया की तिलकुट दुकान
तिलकूट कारोबारी बताते हैं कि पैसे कमाने की चाह में लगभग पांच दशक पहले उनके परिवार ने नवादा में गया का तिलकुट बनाना शुरू किया. बाद में वो अपनी मेहनत की बदौलत नवादा में तिलकुट उद्योग स्थापित करने में कामयाब हो गए. आज नवादा में श्री गया का तिलकुट काफी मशहूर है.

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तिलकुट बनाते कारीगर

ये भी पढ़ेंः पर्यटकों से गुलजार हुई राजगीर की वादियां, गर्म कुंड में डुबकी लगा रहे हैं सैलानी

कई राज्यों में जाता है नवादा का तिलकुट
कारोबारी ने बताया कि ठंड में तिलकुट की डिमांड काफी बढ़ जाती है. यहां का तिलकुट उत्तर बिहार, झारखंड, बंगाल और उड़ीसा तक जाता है. ठंड में डिमांड इतनी बढ़ जाती है कि हम लोग उसे पूरा ही नहीं कर पाते हैं.

जानकारी देते संवाददाता

तिल से तैयार होता है तिलकुट
बता दें कि तिलकूट खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, उतनी ही इसे बनाने में मेहनत लगती है. इसको बनाने के लिए सभी सामग्री गरम-गरम ही रहना चाहिए. जैसे गुड़ या शक्कर की चाशनी, गरम तिल आदि, तिल को कूटकर गरम-गरम चाशनी में मिलाकर तिलकुट तैयार किया जाता है.

नवादाः जिले में मकर संक्रांति को लेकर तिलकुट की डिमांड भी बढ़ने लगी है. जिसे देखते हुए कारोबारी तिलकुट बनाने में जुट गए हैं. कारीगर दिन-रात तिलकुट बनाने में लगे हुए हैं. शहरों में इसकी दुकानें सज गई हैं, जिसकी खुशबू चारों ओर फैलने लगी है.

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दुकान पर सजे तिलकुट

ठंड के मौसम में देता है गर्माहट
दरअसल ठंड के मौसम में शरीर में गर्माहट लाने के लिए तिल काफी उपयोगी माना जाता है. इसलिए ठंड में तिलकुट की बिक्री काफी बढ़ जाती है. लोग ठंड में तिलकुट खाना अच्छा समझते हैं. तिलकूट खरीदने आये लोगों का कहना है कि यहां ठंड काफी बढ़ी हुई है. बड़े-बुजुर्ग कहते हैं, तिलकुट खाने से शरीर में काफी गर्माहट बनी रहती है. इसलिए तिलकुट खरीदने आये हैं.

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तिलकुट की दुकान

तिलकुट के बिना दही चूड़े का स्वाद अधूरा
नवादा में तिलकुट के सबसे पुराने दुकानों में एक श्री गया की तिलकुट दुकान पर लोगों की भीड़ लगने लगी है. मकर संक्रांति में तो बिना तिलकुट के दही चूड़े का स्वाद अधूरा माना जाता है. नवादा में श्री गया तिलकुट भंडार के नाम की यह दुकान काफी प्रसिद्ध है.

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गया तिलकुट भंडार

मशहूर है श्री गया की तिलकुट दुकान
तिलकूट कारोबारी बताते हैं कि पैसे कमाने की चाह में लगभग पांच दशक पहले उनके परिवार ने नवादा में गया का तिलकुट बनाना शुरू किया. बाद में वो अपनी मेहनत की बदौलत नवादा में तिलकुट उद्योग स्थापित करने में कामयाब हो गए. आज नवादा में श्री गया का तिलकुट काफी मशहूर है.

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तिलकुट बनाते कारीगर

ये भी पढ़ेंः पर्यटकों से गुलजार हुई राजगीर की वादियां, गर्म कुंड में डुबकी लगा रहे हैं सैलानी

कई राज्यों में जाता है नवादा का तिलकुट
कारोबारी ने बताया कि ठंड में तिलकुट की डिमांड काफी बढ़ जाती है. यहां का तिलकुट उत्तर बिहार, झारखंड, बंगाल और उड़ीसा तक जाता है. ठंड में डिमांड इतनी बढ़ जाती है कि हम लोग उसे पूरा ही नहीं कर पाते हैं.

जानकारी देते संवाददाता

तिल से तैयार होता है तिलकुट
बता दें कि तिलकूट खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, उतनी ही इसे बनाने में मेहनत लगती है. इसको बनाने के लिए सभी सामग्री गरम-गरम ही रहना चाहिए. जैसे गुड़ या शक्कर की चाशनी, गरम तिल आदि, तिल को कूटकर गरम-गरम चाशनी में मिलाकर तिलकुट तैयार किया जाता है.

Intro:समरी- बढ़ते ठंड और मकर संक्रांति को लेकर तिलकूट का बढ़ते डिमांड को देखते हुए दुकानदार भी तैयार। कर रहे हैं दिन रात काम।


नवादा। जिले में बढ़ते ठंड और मकर संक्रांति को लेकर तिलकूट का डिमांड बढ़ने लगा है। जिसे देखते हुए तिलकुट कारोबारी तिलकुट बनाने में जुट गए हैं और कारीगर दिन-रात तिलकुट बनाने के काम में लगे हुए हैं। शहरों में भी तिलकुट की दुकानें सजने लगी है। जिसकी खुश्बू शहर में फैलने लगी है।

दरअसल ठंड के मौसम में शरीर में गर्माहट लाने के लिए तिल काफी उपयोगी माना जाता है इसलिए ठंड में तिलकुट की बिक्री काफी बढ़ जाती है यही वजह है कि लोग ठंड में तिलकुट खरीदना अच्छा समझते हैं। नवादा में तिलकुट के सबसे पुराने दुकानों में एक श्री गया कि दुकानों पर लोगों की भीड़ लगी रहती है। मकर संक्रांति में तो बिना तिलकुट के दही चूड़े का स्वाद अधूरा माना जाता है।




Body:बात दें कि पैसे कमाने की चाह में लगभग पांच दशक पहले तिलकूट कारोबारी मुन्ना सिंह के परिवार नवादा में गया का तिलकुट बेचना शुरू किया और बाद में अपनी मेहनत के बदौलत नवादा में तिलकुट उद्योग स्थापित करने में कामयाब हो गया जोकि आज नवादा में श्री गया तिलकुट भंडार के नाम से प्रसिद्ध है। तिलकुट कारोबारी मुन्ना सिंह का कहना है कि, ठंड में तिलकुट का डिमांड बढ़ जाता है। यह उत्तर बिहार, झारखंड,बंगाल और उड़ीसा तक जाती है। ठंड में इतना डिमांड बढ़ जाता है कि हम लोग पूरा ही नहीं कर पाते हैं।

बाइट- मुन्ना सिंह, तिलकूट कारोबारी


क्या कहते लोग

तिलकूट खरीदने आये लोगों का कहना है कि यहां ठंड काफी बढ़ा हुआ है। बड़े-बुजुर्ग कहते हैं तिलकुट खाने से शरीर में काफी गर्माहट बनी रहती है। इसलिए तिलकूट खरीदने आये हैं।

बाइट- राजेश कुमार
बाइट- ..........

ठंड में काफी उपयोगी होती है तिलकुट

इन दिनों जिले में काफी ठंड बढ़ी हुई है तिल को गर्म माना जाता है इसलिए तिल के बने तिलकुट ठंड में काफी उपयोगी होता है। इससे शरीर में गर्माहट पैदा होती है।

जितनी स्वादिष्ट, उतनी मेहनत

तिलकूट खाने में जितने ही स्वादिष्ट होते है उतने ही बनाने में कठिन। यह एक ऐसा काम है जहां सबकुछ गरम-गरम ही रहना चाहिए जैसे गुड़ या शक्कर की चासनी, गरम तिल आदि।

अन्य राज्यों में होता है सप्लाई

बिहार के अलावे तिलकुट झारखंड, उड़ीसा, बंगाल और मद्रास तक सप्लाई होती है। ठंड के महीने अधिक डिमांड के कारण कभी-कभी आर्डर भी पूरा कर पाना मुश्किल हो जाती है।




Conclusion:बढ़ते ठंड को दूर करने के लिए लोग तिलकुट खरीदने लगे हुए हैं। बढ़ते डिमांड से ऐसा लग रहा है कि, शरीर में गरमाहट लाने के लिए एक ही विकल्प तिलकुट है।
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