नवादाः जिले के समाहरणालय सभागार में एएसपी मुख्यालय महेंद्र कुमार बसंत्रे ने बैठक की. इसमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान से संबंधित जिला कार्यबल को लेकर चर्चा की गई. बैठक में एएसपी मुख्यालय महेंद्र कुमार बसंत्रे ने कहा कि यह सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसके लिए सभी को जागरूक करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि गैर कानूनी ढ़ंग से अल्ट्रासाउन्ड और भूर्ण हत्या जैसे जघन्य अपराध करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
महिलाओं के साथ अपराध की घटना
एएसपी मुख्यालय महेंद्र कुमार बसंत्रे ने कहा कि महिलाओं और बेटियों के प्रति सोच को लेकर समाज की मानसिक स्थिति को और मजबूत करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का वृहत प्रचार-प्रसार कराना अति आवश्यक है. एएसपी मुख्यालय ने कहा कि जितने अधिक से अधिक लोग जागरूक होंगे उतना ही महिलाओं के साथ अपराध की घटना कम होगी.
बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित
महेंद्र कुमार बसंत्रे ने कहा कि प्रखंड और पंचायत स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है. ग्राउंड लेवल पर महिला अपराध को खत्म करने के लिए आपस में समन्वय बनाकर सतत प्रयास करते हुए अपराध को कम करना है. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का मुख्य उद्देश्य गिरते हुए लिंगानुपात को बढ़ाना, बाल लिंगानुपात में सुधार, जन्म से पहले और बाद में बेटियों के जीवन व संरक्षण को सुनिश्चित करना और बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करना है.
गिरता लिंगानुपात बड़ी समस्या
एएसपी मुख्यालय ने कहा कि गिरता लिंगानुपात परिवार समाज और राष्ट्र के लिए बड़ी समस्या बनती जा रही है. 0-6 आयु वर्ष के बच्चों के लिंगानुपात स्तर में गिरावट देखी जा रही है. वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार नवादा जिले में प्रति 1000 पुरूष पर 978 महिलाएं थीं जबकि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जिले में प्रति 1000 पुरूष पर 945 महिलाएं ही थीं. यह जिले में गिरते लिंगानुपात को दर्शाता है.
चलाई जा रही महत्वपूर्ण गतिविधियां
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना अन्तर्गत लैंगिक अनुपात के बढ़ते अन्तर को कम करने के उद्देश्य से एक समग्र भागीदारी वाले आन्दोलन की शुरूआत की गई है. लोगों में जागरूकता लाने के लिए सामुदायिक स्तर पर कई महत्वपूर्ण गतिविधियां चलाई जा रही हैं.
- कन्या जन्म को उत्सव की तरह मनाना
- बेटी भी संतान है, इस मानसिकता को मजबूती के साथ बढ़ावा देना
- बेटे और बेटियों में समानता की भावना को बढ़ावा देना
- बाल विवाह व दहेज प्रथा का विरोध
- बेटियों का स्कूलों में नामांकण करवाना व उनकी शिक्षा को सुनिश्चित करना,
- लिंग चयन पर रोक
- महिलाओं व बेटियों के लिए सुरक्षित और हिंसामुक्त वातावरण के निर्माण को प्रोत्साहित करना
- बेटियों को सम्पत्ति का अधिकार दिलाने के लिए सामाजिक वातावरण का निर्माण करना
लिंग जांच करने वालों पर कड़ी कार्रवाई
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आईसीडीएस रश्मि रंजन ने कहा कि इस योजना को सफल बनाने के लिए महिलाओं को बढ़-चढ़ कर आगे आना होगा. समाज के डर से जो बेटियां या माताएं चुप रह जाती हैं, उन्हें अपने डर का सामना करते हुए साहसिक कदम उठाने की जरूरत है. सिविल सर्जन डॉ विमल प्रसाद ने कहा कि किसी भी सरकारी व गैर सरकारी स्वास्थ्य संस्थान/क्लिनिक में लिंग जांच हेतु अल्ट्रासाउन्ड न करें. ऐसा करनेवालों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उनका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है.