नवादाः जिले के नवादा प्रखंड के भदोखरा पंचायत स्थित भिलाईपुर के आंगनबाड़ी केंद्र सामुदायिक भवन में चल रहा है. यह भवन भी चारों तरफ से खुला हुआ है. आंगनबाड़ी केंद्र को अपना भवन नसीब नहीं है. यहां पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चे पढ़ाई कम टाइम पास ज्यादा करते हैं.
शिक्षिका को बच्चों की चिंता
चारों तरफ से खुला होने के कारण बच्चे का ध्यान पढ़ाई पर कम और आते-जाते राहगीर और अन्य चीजों पर ज्यादा रहता है. सड़क के किनारे होने के कारण सेविका को बच्चों की काफी चिंता लगी रहती है. बच्चे के लिए वहां शौचालय है और पीने के लिए पानी की सुविधा तक नहीं है.
शौच के लिए जाते हैं घर
जब किसी बच्चे को प्यास या शौच लगता है घर की ओर सरपट भागता है और इधर-उधर घूमता रहता है. क्लास रूम नहीं होने के कारण एक बच्चे को सही से बैठाओ तो दूसरे कहीं खेलने निकल जाता है. बच्चे को पढ़ाने के लिए एक ब्लैकबोर्ड तक नहीं है.
बच्चों की उपस्थिति कम
आंगनबाड़ी केंद्र को अपना भवन नहीं होने के कारण सिर्फ पढ़ाई के स्तर में ही गिरावट नहीं है बल्कि बच्चे भी कम ही उपस्तिथि रहते हैं. 50 से 60 बच्चों में केवल 15-20 बच्चे ही उपस्थित रहते हैं. अगर उससे ज्यादा आते भी हैं तो किधर से कब निकल जाते हैं, पता भी नहीं चल पाता.
खुले में बनती है खचड़ी
भवन नहीं होने के कारण बच्चों को मध्याह्न भोजन भी खुले में ही बनता है. सड़क के किनारे होने के कारण धूल मिट्टी भी खाने में जाती रहती है. ऐसे में थोड़ी सी चूक बच्चों के लिए खतरा बन सकती है.
क्या बोली आंगनबाड़ी सेविका
आंगनबाड़ी सेविका बताती हैं कि भवन नहीं होने के कारण बच्चों को संभालने में काफी दिक्कत होती है. बच्चे इधर से उधर भागते रहते हैं. मन में अनहोनी का डर बना रहता है. यहां न शौचालय है न पीने के पानी की सुविधा. बच्चे के शोर-शराबा से वहां आसपास के लोगों को भी शिकायतें रहती है.
बीडीओ से की गई शिकायत
हालांकि गांव के ही युवक का कहना है कि इसके लिए पिछले नवम्बर में एक आवेदन पंचायत समिति को दिया गया था. जिसे उन्होंने बीडीओ को देने की बात कही थी. लेकिन अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है. वहीं सीडीपीओ का कहना है कि आंगनबड़ी केंद्र के लिए जमीन मुहैया हो चुकी है. जल्द ही जांच कर भवन का निर्माण होगा.