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'PM और RSS को राममंदिर निर्माण स्थल से दूर रखना चाहिए' - संयोजक मोसाफिर कुशवाहा

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के दौरान प्रधानमंत्री की ओर से भूमिपूजन कराने में आरएसएस के मोहन भागवत को आमंत्रित करने पर सियासत तेज हो गई है. इस मामले को लेकर अंबेडकर संघर्ष मोर्चा नवादा के संयोजक मोसाफिर कुशवाहा ने पीएम पर जमकर हमला बोला है.

convenor Mosafir Kushwaha
अंबेडकर संघर्ष मोर्चा के संयोजक मोसाफिर कुशवाहा
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Published : Aug 4, 2020, 7:19 PM IST

नवादा: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हेतु प्रधानमंत्री की ओर से भूमिपूजन कराने में आरएसएस के मोहन भागवत को आमंत्रित करने पर आपत्ति जताई गई. इस मामले पर अंबेडकर संघर्ष मोर्चा के संयोजक मोसाफिर कुशवाहा ने कहा कि देश में कोरोना का कहर है. वहीं, पीएम की ओर से ऐसे में देश की सारी समस्याओं को छोड़कर मंदिर निर्माण पर जोर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में स्कूल कालेज, कल कारखाने बंद हैं, कृषि कार्य में मंदी से किसान परेशान हैं.

पीएम पर साधा निशाना
वहीं, छोटे दुकानदार और दिहाड़ी मजदूरों के सामने भुखमरी की स्थिति है. ऐसी स्थिति में पीएम को मंदिर निर्माण में समय शक्ति लगा रहे हैं जो उचित नहीं है. कुशवाहा ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि मंदिर मस्जिद आदि धर्म स्थलों का निर्माण धर्म गुरुओं के जिम्मे होना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि राजनीतिज्ञों से ही भूमिपूजन कराना था तो या तो राष्ट्रपति रामनाथ कोविद को बुलाना चाहिए. साथ ही उस मामले में सबसे अधिक प्रयास करने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह या विश्व हिन्दु परिषद के प्रवीण तोगड़िया को नामित किया जाना चाहिए.

convenor Mosafir Kushwaha
अंबेडकर संघर्ष मोर्चा के संयोजक मोसाफिर कुशवाहा

धर्मस्थल निर्माण में चल रही राजनीति
वही, इस दौरान उन्होंने प्रश्न किया कि मंदिर निर्माण में मोहन भागवत का कौन सा प्रयास है. जिन्हें इस मामले में आमंत्रित किया गया. क्या वे शंकराचार्च हैं. आश्चर्य है कि धर्माधिकारी शंकराचार्य की भी अनदेखी की जा रही है. उन्होंने कहा कि जब अयोध्या में मस्जिद निर्माण होगा तब भी मोहन भागवत आमंत्रित किये जायेंगे. मतलब साफ है कि धर्मस्थल निर्माण में भी राजनीति चलने लगी है. कुशवाहा ने यह भी मांग की कि जिन लोगों ने करोड़ों रूपये दान में दिये हैं, आयकर विभाग से उनके धन की जांच भी करानी चाहिए.

नवादा: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हेतु प्रधानमंत्री की ओर से भूमिपूजन कराने में आरएसएस के मोहन भागवत को आमंत्रित करने पर आपत्ति जताई गई. इस मामले पर अंबेडकर संघर्ष मोर्चा के संयोजक मोसाफिर कुशवाहा ने कहा कि देश में कोरोना का कहर है. वहीं, पीएम की ओर से ऐसे में देश की सारी समस्याओं को छोड़कर मंदिर निर्माण पर जोर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में स्कूल कालेज, कल कारखाने बंद हैं, कृषि कार्य में मंदी से किसान परेशान हैं.

पीएम पर साधा निशाना
वहीं, छोटे दुकानदार और दिहाड़ी मजदूरों के सामने भुखमरी की स्थिति है. ऐसी स्थिति में पीएम को मंदिर निर्माण में समय शक्ति लगा रहे हैं जो उचित नहीं है. कुशवाहा ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि मंदिर मस्जिद आदि धर्म स्थलों का निर्माण धर्म गुरुओं के जिम्मे होना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि राजनीतिज्ञों से ही भूमिपूजन कराना था तो या तो राष्ट्रपति रामनाथ कोविद को बुलाना चाहिए. साथ ही उस मामले में सबसे अधिक प्रयास करने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह या विश्व हिन्दु परिषद के प्रवीण तोगड़िया को नामित किया जाना चाहिए.

convenor Mosafir Kushwaha
अंबेडकर संघर्ष मोर्चा के संयोजक मोसाफिर कुशवाहा

धर्मस्थल निर्माण में चल रही राजनीति
वही, इस दौरान उन्होंने प्रश्न किया कि मंदिर निर्माण में मोहन भागवत का कौन सा प्रयास है. जिन्हें इस मामले में आमंत्रित किया गया. क्या वे शंकराचार्च हैं. आश्चर्य है कि धर्माधिकारी शंकराचार्य की भी अनदेखी की जा रही है. उन्होंने कहा कि जब अयोध्या में मस्जिद निर्माण होगा तब भी मोहन भागवत आमंत्रित किये जायेंगे. मतलब साफ है कि धर्मस्थल निर्माण में भी राजनीति चलने लगी है. कुशवाहा ने यह भी मांग की कि जिन लोगों ने करोड़ों रूपये दान में दिये हैं, आयकर विभाग से उनके धन की जांच भी करानी चाहिए.

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