नवादा: रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध (War Between Russia-Ukraine) जारी है. भारत सरकार यूक्रेन में फंसे छात्रों को ऑपरेशन गंगा के माध्यम से यूक्रेन में फंसे छात्रों को वापस ला रही है. इसी बीच नवादा के 13 छात्र यूक्रेन से सकुशल अपने घर पहुंच गये. जिलाधिकारी यश पाल मीणा ने अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में यूक्रेन से सकुशल लौटने वाले छात्र और छात्राओं से मुलाकात की और उनसे फीडबैक लिए.
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प्रशासन को मिली थी 13 छात्रों की सूची: नवादा जिला प्रशासन को 13 विद्यार्थियों की सूची प्राप्त हुई थी, जो मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गए थे. सभी 13 विद्यार्थी सकुशल नवादा या अन्य शहरों में सुरक्षित ढंग से पहुंच गए हैं. जिलाधिकारी के प्रकोष्ठ में शिवम कुमार, मो. एस अख्तर खान, सृष्टि कुमारी, मो. दानिश, अंकित गौरव और उनके माता-पिता पहुंचे. मो. दानिष मेडिकल की पढ़ाई में पांचवें वर्ष के विद्यार्थी हैं, जो यूक्रेन की राजधानी कीव में पढ़ रहे थे.
डीएम ने छात्रों से की मुलाकात: जिलाधिकारी ने दानिश से मेडिकल की पढ़ाई, धार्मिक, सामाजिक, एतिहासिक आदि के संबंध में फीडबैक प्राप्त किये. दानिष ने बताया कि वहां का रहन-सहन और लोगों का व्यवहार बहुत अच्छा है. वहां लोग ईमानदारी और निष्पक्ष ढंग से काम करते हैं. ऊंच-नीच और अमीरी-गरीबी का कोई भेद-भाव नहीं है. पढ़ाई का माहौल बेहतर है. वहां पठन-पाठन के लिए काफी समय मिल जाता है. दानिश ने बताया कि कीव शहर में काफी बड़ा बंकर बना हुआ है, जो युद्ध के समय सुरक्षित घर की तरह है. बंकर के अंदर भी नया शहर बसा हुआ है. वहां पढ़ाई-लिखाई सब सरकार के द्वारा निशुल्क दी जाती है. प्राईवेट स्कूल-काॅलेज नहीं है.
छात्रों ने बताया यूक्रेन का हाल: सभी छात्रों के सकुशल आने पर जिलाधिकारी ने प्रसन्नता व्यक्त किये हैं. उन्होंने सभी विद्यार्थियों से उनके काॅलेज, शहर और पढ़ाई के संबंध में बारी-बारी से फीडबैक लिये. सृष्टि कुमारी ने बताई कि यूक्रेन की राजधानी कीव के तरस सीवेन्चको नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रथम वर्ष में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है. छात्रा ने कहा कि युद्ध होने पर चार दिनों तक बंकर में रहकर वे समय गुजारी हूं. दो दिनों तक रोमानियां की कैम्प में रहने के बाद वे घर पहुंचे हैं. उनके माता-पिता काफी खुश है. सृष्टि ने बताया कि वे अब आगे पढ़ाई के प्रति चिंतित हैं.
डीएम ने दिए निर्देश: जिलाधिकारी ने सभी विद्यार्थियों को निर्देश दिया कि जिला में कोविड के समय स्वास्थ्य सुविधा बेहतर किया गया है. सभी टीम बनाकर जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का भ्रमण करें और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सुझाव दें. डाॅक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति भी देखें, गांवों का भ्रमण करें, जिले का बाॅर्डर देखें, महादलित टोलों में स्वास्थ्य सुविधा का आकलन करें, पाॅजिटिव सोच रखें और एक विस्तृत परिकल्पना तैयार कर लें. मेडिकल के क्षेत्र में जिले में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए फीडबैक दें. इस बैठक में आपदा प्रभारी सुजीत कुमार, डीपीआरओ सत्येन्द्र प्रसाद और यूक्रेन से लौटे हुए विद्यार्थी के अलावा उनके अविभावक उपस्थित हुए.
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