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नालंदाः जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जल संचयन को लेकर संरचनाओं का जीर्णोद्धार शुरू

नालंदा जिले में परंपरागत जल स्रोत को विकसित करने के काम में तेजी में लाया गया है. इस अभियान के तहत सभी 11 अवयव पर काम शुरू हो गया है.

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Published : Jan 4, 2020, 10:39 AM IST

नालंदाः बिहार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन हरियाली को गति देने का काम नालंदा में शुरू हो गया है. जलवायु परिवर्तन को लेकर बिहार में जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत की गई है. इस अभियान के तहत जल संचयन संरचनाओं का जीर्णोद्धार कार्य प्रारंभ हो गया है.

जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत
नालंदा जिले में परंपरागत जल स्रोत को विकसित करने के काम में तेजी में लाया गया है. इस अभियान के तहत सभी 11 अवयव पर काम शुरू हो गया है. नदी, तालाब, कुआं, आहर, पैन, पोखर को चिन्हित कर उड़ाई करने का काम किया जा रहा है. बरसों से विलुप्त हो चुकी जल संचयन संरचना की खोज कर, उन्हें भी अतिक्रमण मुक्त किया जा रहा है.

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नदी का किया जा रहा जीर्णोद्धार

969 निजी संरचनाओं को किया गया चिन्हित
जिले में 3 हजार दो सौ चौंसठ जल संचयन संरचना को विभागीय स्तर पर चिह्नित किया गया है. लेकिन स्थल जांच के दौरान इसकी संख्या में वृद्धि हुई है. चिह्नित जल संचयन संरचनाओं में 2 हजार 295 सार्वजनिक और 969 निजी संरचना को चिन्हित किया गया है. जल जीवन हरियाली योजना के तहत 1 एकड़ से अधिक में बने तालाबों की संख्या 752 है. जिसे लघु जल संसाधन विभाग की ओर से जीर्णोद्धार किया जाना है. वहीं, 1 एकड़ से कम वाली जल संरचनाएं 438 है. जिसका जीर्णोद्धार ग्रामीण विकास विभाग की ओर से होना है.

देकें पूरी रिपोर्ट

जल संचयन संरचनाओं का जीर्णोधार कार्य प्रारंभ
जिला प्रशासन की ओर से इन कामों को गति देने का काम किया जा रहा है. स्थानीय लोगों में भी जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जागरूकता लाने की बात कही जा रही है और लोग स्वयं प्रशासन को आवेदन देकर विभिन्न जल स्रोतों के बारे में जानकारी देने का काम कर रहे हैं, ताकि उसका भी जिर्णोद्धार किया जा सके और जल जीवन हरियाली अभियान को गति देने का काम किया जा सके.

नालंदाः बिहार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन हरियाली को गति देने का काम नालंदा में शुरू हो गया है. जलवायु परिवर्तन को लेकर बिहार में जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत की गई है. इस अभियान के तहत जल संचयन संरचनाओं का जीर्णोद्धार कार्य प्रारंभ हो गया है.

जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत
नालंदा जिले में परंपरागत जल स्रोत को विकसित करने के काम में तेजी में लाया गया है. इस अभियान के तहत सभी 11 अवयव पर काम शुरू हो गया है. नदी, तालाब, कुआं, आहर, पैन, पोखर को चिन्हित कर उड़ाई करने का काम किया जा रहा है. बरसों से विलुप्त हो चुकी जल संचयन संरचना की खोज कर, उन्हें भी अतिक्रमण मुक्त किया जा रहा है.

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नदी का किया जा रहा जीर्णोद्धार

969 निजी संरचनाओं को किया गया चिन्हित
जिले में 3 हजार दो सौ चौंसठ जल संचयन संरचना को विभागीय स्तर पर चिह्नित किया गया है. लेकिन स्थल जांच के दौरान इसकी संख्या में वृद्धि हुई है. चिह्नित जल संचयन संरचनाओं में 2 हजार 295 सार्वजनिक और 969 निजी संरचना को चिन्हित किया गया है. जल जीवन हरियाली योजना के तहत 1 एकड़ से अधिक में बने तालाबों की संख्या 752 है. जिसे लघु जल संसाधन विभाग की ओर से जीर्णोद्धार किया जाना है. वहीं, 1 एकड़ से कम वाली जल संरचनाएं 438 है. जिसका जीर्णोद्धार ग्रामीण विकास विभाग की ओर से होना है.

देकें पूरी रिपोर्ट

जल संचयन संरचनाओं का जीर्णोधार कार्य प्रारंभ
जिला प्रशासन की ओर से इन कामों को गति देने का काम किया जा रहा है. स्थानीय लोगों में भी जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जागरूकता लाने की बात कही जा रही है और लोग स्वयं प्रशासन को आवेदन देकर विभिन्न जल स्रोतों के बारे में जानकारी देने का काम कर रहे हैं, ताकि उसका भी जिर्णोद्धार किया जा सके और जल जीवन हरियाली अभियान को गति देने का काम किया जा सके.

Intro:नालंदा में जल संचयन संरचना का जीर्णोद्धार कार्य प्रारंभ
अतिक्रमण किये गए जल संरचना को किया जा रहा मुक्त
नालंदा। बिहार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन हरियाली को गति देने का काम नालंदा में शुरू हो गया है। जलवायु परिवर्तन को लेकर बिहार में जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत की गई। इस अभियान के तहत जल संचयन संरचनाओं का जीर्णोधार कार्य प्रारंभ हो गया। नालंदा जिले में परंपरागत जल स्रोत को विकसित करने के काम में तेजी लाया गया है। इस अभियान के तहत का भी सभी 11 अवयव पर काम शुरू हो गया है। नदी, तालाब, कुआं, आहर, पैन, पोखर को चिन्हित कर उड़ाई करने का काम किया जा रहा है। बरसों से विलुप्त हो चुकी जल संचयन संरचना की खोज कर उन्हें अतिक्रमण मुक्त भी किया जा रहा है।


Body:नालंदा जिला में 3264 जल संचयन संरचना को विभागीय स्तर पर चिह्नित किया गया है लेकिन स्थल जांच के दौरान इसकी संख्या में वृद्धि हुई है इन जल संचयन संरचना में कुल 1126 जल संचयन संरचना को आम लोगों के द्वारा अतिक्रमण किया गया जिसके लिए अतिक्रमण मुक्त कराने की पहल भी शुरू कर दी गई है । चिन्हित जल संचयन संरचनाओं में 2295 सार्वजनिक तथा 969 निजी संरचना चिन्हित किया गया।
जल जीवन हरियाली योजना के तहत 1 एकड़ से अधिक में बने तालाबों की संख्या 752 है जिसे लघु जल संसाधन विभाग के द्वारा जीर्णोद्धार किया जाना है। वहीं 1 एकड़ से कम वाली जल संरचनाएं 438 है जिसका जीर्णोद्धार ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा होना है।


Conclusion:जिला प्रशासन के द्वारा इन कामों को गति देने का काम किया जा रहा है । स्थानीय लोगों में भी जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जागरूकता आने की बात कही जा रही है और लोग स्वयं प्रशासन को आवेदन देकर विभिन्न जल स्रोतों के बारे में जानकारी देने का काम कर रहे हैं ताकि उसका भी जिर्णोद्धार किया जा सके और जल जीवन हरियाली अभियान को गति देने का काम किया जा सके।
बाइट। योगेंद्र सिंह, जिलाधिकारी, नालंदा
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