नालंदाः कोरोना के डर ने मानवता को भी तार-तार कर दिया है. जिले में कोरोना संक्रमित की मौत के बाद उसके शव को दफनाने के लिए 24 घंटे से ज्दाया इंतजार करना पड़ा. स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे थे.
दरअसल, बंगाल के नदिया के रहने वाले इमरान विश्वास जो कि बिहारशरीफ में बिजली के एक निजी कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर थे. उन्हें कोरोना हो गया था. पावापुरी मेडिकल काॅलेज में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. मौत के बाद शव को दफनाने ले लिए बिहारशरीफ में बड़ी दरगाह ले जाया गया. जहां स्थानीय लोगों ने इसका जमकर विरोध किया. शव को एंबुलेंस से उतारने नहीं दिया गया. अंत में शव को वहां से ले जाना पड़ा.
प्रशासन को करना पड़ा हस्तक्षेप
फिर अलगे दिन बाबा मणिराम अखाड़ा के नजदीक कब्रिस्तान में शव दफनाने के लिए ले जाया गया. वहां भी लोगों ने इसका विरोध किया. फिर प्रशासन और समाज के प्रबुद्ध लोगों के हस्तक्षेप के बाद शव को दफनाया गया. इस दौरान अधिकारी वहां मौजूद रहे.