नालंदाः बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने जारी आंदोलन के तहत बिहार शरीफ के अस्पताल चौराहे पर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान शिक्षकों ने सरकार के दमनकारी नीति का विरोध किया. इसके साथ ही शिक्षकों ने अपनी मांगों पर गंभीरता से विचार करने का सरकार से अनुरोध भी किया. इसमें बिहार माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक और पुस्तकालय अध्यक्ष शामिल हुए.
शिक्षकों का निलंबन अलोकतांत्रिक
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विनायक लोहानी ने बताया कि बिहार सरकार शिक्षकों के साथ दमन की नीति अपना रही है. शिक्षक अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इसके बावजूद सरकार प्राथमिकी दर्ज कराने और निलंबन की कार्यवाही कर रही है, जो कि अलोकतांत्रिक है. उन्होंने कहा कि बिहार के शिक्षा स्तर को ऊंचा करने में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है. यही वजह है कि आज बिहार का जीडीपी तेजी से बढ़ा है.
जारी रहेगा आंदोलन
विनायक लोहानी ने कहा कि मैट्रिक और इंटर में छात्रों की सफलता का प्रतिशत बढ़ने का मुख्य कारण बिहार के शिक्षक वर्ग ही हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षकों का आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से संचालित हो रहा है. सरकार अपनी दमनकारी नीति से हमें डरा नहीं पाएगी और यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं कर देती.
मूल्यांकन का बहिष्कार
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती तब तक हड़ताल और मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार अनवरत जारी रहेगा. 5 मार्च से होने वाले मैट्रिक परीक्षा के मूल्यांकन में माध्यमिक शिक्षक, शिक्षिकाएं मूल्यांकन का बहिष्कार करेंगे.