नालंदा: बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर विरोधियों को परास्त करने का हुनर सिखाया जा रहा है. बिहार शरीफ विधानसभा बूथ अध्यक्ष एवं सचिव के प्रशिक्षण शिविर में बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कार्यकर्ताओं को जुबान से करारा जवाब देने का गुर सिखाया. बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल के दौरान, जो विकास के कार्य किए गए उन्हें जन-जन को बताने और उसकी जागरूकता के लिए कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया.
राजनीतिक प्रशिक्षण शिविर में शिरकत कर रहे सूचना एवं जनसंपर्क विभाग मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि बिहार में 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान एनडीए ने 223 विधासभा सीटों पर बढ़त हासिल की थी. आने वाले विधानसभा चुनाव में भी जनता के मनोदशा के अनुरूप एनडीए सरकार बनाने का काम करेगी. इस दौरान उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव सपरिवार राजनीतिक बेरोजगार होने की स्थिति में रहेंगे. उन्होंने कहा कि बिना द्रव्य लाभ और दान दक्षिणा के लालू मुस्कुराते नहीं है.
प्रशिक्षण में दी गई ये सीख
- बिहारशरीफ विधानसभा में जदयू ने सबल पंचायत सक्रिय बूथ अभियान के तहत बिहार शरीफ नगर एवं रहुई प्रखंड के कुल 382 बूथ के बूथ अध्यक्षों एवं सचिव को प्रशिक्षण दिया.
- प्रशिक्षण के दौरान कार्यकर्ताओं को बताया गया कि जनता दल यूनाइटेड का संगठन बूथ स्तर पर स्थापित हो चुका है. जहां पार्टी के बूथ अध्यक्ष एवं सचिव तैनात हैं.
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बिहार में किए गए कार्यों के कारण एक सुंदर बिहार बनाने का काम किया गया है.
- यहां सभी जाति, धर्म, संप्रदाय का बिना किसी भेदभाव किये विकास का काम किया गए हैं.
- 21वीं सदी का सबसे बड़ा हथियार शिक्षा है. यही कारण है कि मुख्यमंत्री इसके बुनियादी ढांचे को समृद्ध करने में जुटे हैं.
- जल जीवन हरियाली को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं.
- शराबबंदी, दहेज और बाल विवाह उन्मूलन जैसे कदम नीतीश सरकार ने उठाए हैं.
- इन सभी बातों के साथ कार्यकर्ताओं को जन-जन तक पहुंचना है.
वहीं, नीरज कुमार ने आगे कहा कि अपराध नियंत्रण हमारी प्रतिबद्धता है. आमतौर पर शिकायत होती है कि थानों में एफआईआर नहीं लिखी जाती है. इसके लिए राज्य सरकार ने मुख्यालय स्तर पर भी व्यवस्था की है. जमीन विवाद के मामले में पुलिस के अधिकार में भूमिका को स्पष्ट कर दिया है. लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम जैसे कानून है, जो देश के किसी राज्य के पास नहीं हैं.