नालंदा: कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर वापस अपने घर लौटे हैं. लेकिन इन मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है. जिससे ये लोग काफी परेशान हैं.
घर लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को आश्वासन दिया गया था कि उन्हें काम दिया जाएगा. वहीं हुनरमंद मजदूरों को उसके स्किल के अनुसार काम मिलेगा. लेकिन आरोप है कि जिले में किसी को भी काम नहीं मिल रहा है. रोजगार की तलाश में मजदूर भटक रहे हैं.
इन मजदूरों नहीं है कमाई का कोई साधन
बिहारशरीफ के चैनपुरा मोहल्ला में करीब 26 मजदूर केरल, दिल्ली, राजस्थान और दमन जैसे राज्यों से वापस लौटे हैं. कोई वेल्डिंग का काम करता था तो कोई चप्पल कंपनी में और कोई मजदूर कपड़ा कंपनी में काम करता था. इससे वो अपने और अपने घर परिवार का भरन-पोषण चलाता था. लेकिन अभी वापस घर आ जाने के कारण उसके पास कमाई का कोई स्रोत नहीं है.
पलायन को मजबूर होंगे मजदूर
अनलॉक 1.0 में दूसरे राज्यों में कंपनियों में काम शुरू हो गया है. जिले के किसी-किसी मजदूरों को कंपनी से कॉल भी आने लगे हैं. अगर अपने जिले में इन लोगों को काम नहीं मिला तो ये लोग फिर से पलायन करने को मजबूर हो जाएंगे.