नालंदा: बिहार एसटीइटी संघर्ष समिति के बैनर तले गुरुवार को बिहार शरीफ में सत्याग्रह पैदल मार्च निकाला गया. यह सत्याग्रह पैदल मार्च शहर के श्रम कल्याण केंद्र के मैदान से निकला, जो कि रांची रोड होते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय एवं जिला अधिकारी कार्यालय तक गया.
6 किलोमीटर तक पैदल चला सत्याग्रह मार्च
करीब 6 किलोमीटर तक चले इस सत्याग्रह मार्च के माध्यम से परीक्षार्थियों ने सरकार से एसटीईटी परीक्षा का रिजल्ट जारी करवाने की मांग की. साथ ही परीक्षा का रिजल्ट जारी नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी गई. प्रदर्शन कर रहे परीक्षार्थियों का कहना है कि सरकार के द्वारा मनमाने तरीके से परीक्षा को रद्द कर दिया गया, जबकि परीक्षा पूरी तरह से कदाचार मुक्त और निष्पक्ष वातावरण में संपन्न हुआ था. परीक्षार्थियों का कहना है कि परीक्षा के दौरान सरकार के द्वारा पूरी व्यवस्था की गई थी. परीक्षा के दौरान त्रिस्तरीय जांच की व्यवस्था की गई थी.
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कदाचार मुक्त वातावरण में संपन्न हुई थी परीक्षा
सभी परीक्षार्थियों का परीक्षा केंद्र के बाहर ही उनके शरीर का सर्च किया गया था. परीक्षा केंद्र में जैमर की व्यवस्था की गई थी. इसके अलावा परीक्षार्थियों को किसी प्रकार का कोई सामान ले जाने नहीं दिया गया था, जब बोर्ड के अध्यक्ष के द्वारा भी अगले दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से परीक्षा को कदाचार मुक्त वातावरण में संपन्न कराए जाने की बात कही गई उसके बाद मनमाने तरीके से परीक्षा रद्द किया जाना सरकार के रवैए को दर्शाता है.
युवाओं के भविष्य के साथ किया जा रहा खिलवाड़
परीक्षार्थियों ने कहा कि जब तक एसटीइटी परीक्षा का रिजल्ट जारी नहीं किया जाता तब तक उन लोगों का आंदोलन जारी रहेगा. अगर सरकार उनकी बात नहीं मानती है, तो निकट भविष्य में जेल भरो आंदोलन भी करने के लिए वे लोग बाध्य होंगे. परीक्षार्थियों ने कहा कि सरकार परीक्षा को रद्द किए जाने का सही और उपयुक्त कारण भी नहीं बता रही है, जिससे सरकार की मंशा पता चल रही है. बिहार के युवाओं के भविष्य के साथ सरकार खिलवाड़ करने का काम कर रही है.