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RJD का आरोप- सरकार अपना रही है दोहरा रवैया, बीमारी में नहीं होता कोई आम या खास - प्रशासनिक अधिकारी में कोरोना संक्रमण

नालंदा में एक प्रशासनिक अधिकारी में कोरोना संक्रमण मिलने के बाद उसे सरकारी क्वारंटीन सेंटर में नहीं भेजा गया. इस पर आरजेडी ने सवाल खड़ा किया है.

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Published : May 15, 2020, 3:55 PM IST

नालंदा: हिलसा अनुमंडल के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद प्रशासन की नीति पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. कोरोना वायरस को लेकर जारी किए गए प्रोटोकॉल के विपरीत कोरोना पॉजिटिव प्रशासनिक अधिकारी को सरकारी आइसोलेशन सेंटर में आइसोलेट नहीं किया गया. इसको लेकर आरजेडी ने सवाल खड़ा किया है. आरजेडी के अनुसार बीमारी में आम और खास के बीच किसी प्रकार का फर्क नहीं किया जाना चाहिए.

मालूम हो कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सेल्फ आइसोलेट हैं. जहां किसी भी कर्मी का जाना पूरी तरह से मना है. इस मामले में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं. वहीं, बड़े अधिकारी होने के कारण उन्हें सरकारी आइसोलेशन सेंटर में ले जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बोलने से बच रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

चर्चा का विषय बना आइसोलेशन सेंटर
इस मामले में जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मीडिया के सामने खुलकर कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. बता दें कि मामले में आरजेडी ने सरकार से जांच की मांग की है. मामले को लेकर शुक्रवार को पूरे महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ है. बताया जाता कि अब तक जितने भी कोरोना मरीज आए हैं. उनमें से एक सरकारी डॉक्टर सहित अन्य लोग शामिल थे. उनके लिए जारी किए गए प्रोटोकॉल के अनुसार ही कार्रवाई की जा रही थी.

नालंदा: हिलसा अनुमंडल के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद प्रशासन की नीति पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. कोरोना वायरस को लेकर जारी किए गए प्रोटोकॉल के विपरीत कोरोना पॉजिटिव प्रशासनिक अधिकारी को सरकारी आइसोलेशन सेंटर में आइसोलेट नहीं किया गया. इसको लेकर आरजेडी ने सवाल खड़ा किया है. आरजेडी के अनुसार बीमारी में आम और खास के बीच किसी प्रकार का फर्क नहीं किया जाना चाहिए.

मालूम हो कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सेल्फ आइसोलेट हैं. जहां किसी भी कर्मी का जाना पूरी तरह से मना है. इस मामले में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं. वहीं, बड़े अधिकारी होने के कारण उन्हें सरकारी आइसोलेशन सेंटर में ले जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बोलने से बच रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

चर्चा का विषय बना आइसोलेशन सेंटर
इस मामले में जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मीडिया के सामने खुलकर कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. बता दें कि मामले में आरजेडी ने सरकार से जांच की मांग की है. मामले को लेकर शुक्रवार को पूरे महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ है. बताया जाता कि अब तक जितने भी कोरोना मरीज आए हैं. उनमें से एक सरकारी डॉक्टर सहित अन्य लोग शामिल थे. उनके लिए जारी किए गए प्रोटोकॉल के अनुसार ही कार्रवाई की जा रही थी.

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