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नालंदा के हिलसा जेल में सजी कैदियों की महफिल, VIDEO वायरल होने के बाद SDO का छापा

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Published : Oct 23, 2022, 10:01 AM IST

नालंदा के हिलसा उपकारा का एक वीडियो वायरल हुआ है. उसमें ताश खेलते और गांजा पीते कैदी नजर आ रहे हैं. इस वीडियो के संज्ञान में आने के बाद हिलसा एसडीओ ने जेल में छापेमारी (Raid in Hilsa Upkara) की, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ. एसडीओ ने बताया कि वीडियो पुराना है और उसमें दिख रहे सभी कैदियों को दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

नालंदा के हिलसा जेल में सजी कैदियों की महफिल
नालंदा के हिलसा जेल में सजी कैदियों की महफिल

नालंदाः बिहार के नालंदा के हिलसा उपकारा के बंदियों के बैरक में ताश खेलते और गांजा पीते वीडियो वायरल हुआ है. वायरल वीडियो में चिलम के साथ कैदियों के पास आधा दर्जन मोबाइल भी दिख रहे हैं. बंदियों ने आरोप लगाया कि जेलर रुपए लेकर बैरक में हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराते हैं. खाने-पीने के पानी के लिए भी रुपये लिए जाते हैं. वीडियो वायरल होने के बाद एसडीओ सुधीर कुमार के नेतृत्व में जेल के अंदर छापेमारी की (Raids in Nalanda jail after video went viral) गई. दो घंटे की छापेमारी में पुलिस को कुछ भी हासिल नहीं हुआ.

ये भी पढ़ेंः नालंदा: हिलसा जेल से वायरल हुआ वीडियो तो छापेमारी करने पहुंचे अधिकारी

जेल का वायरल वीडियो काफी पुरानाः एसडीओ का कहना है कि वीडियो काफी पुराना है. जेल के अंदर का तीन वीडियो वायरल हुआ है. पहले वीडियो में आधा दर्जन मोबाइल, गांजा व चिलम दिख रहे हैं. वीडियो बनाने वाला बता रहा है कि किस मोबाइल के लिए जेलर कितने रुपए लेते हैं. गांजा व चिलम के लिए कितने रुपए लिए जाते हैं. वह हाथ में रखा गांजा भी दिखा रहा है. दूसरे वीडियो में बैरक के अंदर ताश खेल रहे व अपने बिस्तर पर सो रहे बंदियों को दिखाया जा रहा है.

छापेमारी में जेल में कुछ नहीं मिलाः छापेमारी के बाद एसडीओ ने कहा कि वीडियो के संज्ञान में आते ही छापेमारी की गई. कुछ भी आपत्तिजनक सामान नहीं मिला. पूछताछ में पता चला कि अपराधी प्रवृत्ति वाले कुछ बंदियों को हाल में ही दूसरे जेल में भेजा गया है. इसके विरोध में जेल प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए वीडियो वायरल किया गया है. सुनियोजित तरीके से किसी बंदी ने इसे बनाया है. वीडियो करीब महीने भर पुराना है.

"वायरल वीडियो को लेकर जेल के आठ वार्डों में सघन छापेमारी की गई. टाॅयलेट और बाथरूम तक में तलाशी ली गई. छापेमारी में कुछ भी आपत्तिजनक समान नहीं मिला. फिर वीडियो देखकर यह पता किया गया कि यह किस वार्ड का है, तो पता चला कि वार्ड चार का वीडियो है. इसके बाद जांच करने पर पता चला कि वहां पर कुछ ऐसे लोग थे जो पूर्व में यहां थे और हाल में ही जेल प्रशासन ने उन्हें स्थानांतरित किया है. चेहरा भी मिलान किया गया लेकिन वीडियो में दिख रहा कोई कैदी वार्ड में नहीं मिला. फिर भी हमलोग जांच कर रहे हैं कि वीडियो में दिख रहा मोबाइल है भी या नहीं, अगर है तो मोबाइल कहां गया. वैसे अभी छापेमारी में कुछ भी नहीं मिला" -सुधीर कुमार, एसडीओ, हिलसा नालंदा

नालंदाः बिहार के नालंदा के हिलसा उपकारा के बंदियों के बैरक में ताश खेलते और गांजा पीते वीडियो वायरल हुआ है. वायरल वीडियो में चिलम के साथ कैदियों के पास आधा दर्जन मोबाइल भी दिख रहे हैं. बंदियों ने आरोप लगाया कि जेलर रुपए लेकर बैरक में हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराते हैं. खाने-पीने के पानी के लिए भी रुपये लिए जाते हैं. वीडियो वायरल होने के बाद एसडीओ सुधीर कुमार के नेतृत्व में जेल के अंदर छापेमारी की (Raids in Nalanda jail after video went viral) गई. दो घंटे की छापेमारी में पुलिस को कुछ भी हासिल नहीं हुआ.

ये भी पढ़ेंः नालंदा: हिलसा जेल से वायरल हुआ वीडियो तो छापेमारी करने पहुंचे अधिकारी

जेल का वायरल वीडियो काफी पुरानाः एसडीओ का कहना है कि वीडियो काफी पुराना है. जेल के अंदर का तीन वीडियो वायरल हुआ है. पहले वीडियो में आधा दर्जन मोबाइल, गांजा व चिलम दिख रहे हैं. वीडियो बनाने वाला बता रहा है कि किस मोबाइल के लिए जेलर कितने रुपए लेते हैं. गांजा व चिलम के लिए कितने रुपए लिए जाते हैं. वह हाथ में रखा गांजा भी दिखा रहा है. दूसरे वीडियो में बैरक के अंदर ताश खेल रहे व अपने बिस्तर पर सो रहे बंदियों को दिखाया जा रहा है.

छापेमारी में जेल में कुछ नहीं मिलाः छापेमारी के बाद एसडीओ ने कहा कि वीडियो के संज्ञान में आते ही छापेमारी की गई. कुछ भी आपत्तिजनक सामान नहीं मिला. पूछताछ में पता चला कि अपराधी प्रवृत्ति वाले कुछ बंदियों को हाल में ही दूसरे जेल में भेजा गया है. इसके विरोध में जेल प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए वीडियो वायरल किया गया है. सुनियोजित तरीके से किसी बंदी ने इसे बनाया है. वीडियो करीब महीने भर पुराना है.

"वायरल वीडियो को लेकर जेल के आठ वार्डों में सघन छापेमारी की गई. टाॅयलेट और बाथरूम तक में तलाशी ली गई. छापेमारी में कुछ भी आपत्तिजनक समान नहीं मिला. फिर वीडियो देखकर यह पता किया गया कि यह किस वार्ड का है, तो पता चला कि वार्ड चार का वीडियो है. इसके बाद जांच करने पर पता चला कि वहां पर कुछ ऐसे लोग थे जो पूर्व में यहां थे और हाल में ही जेल प्रशासन ने उन्हें स्थानांतरित किया है. चेहरा भी मिलान किया गया लेकिन वीडियो में दिख रहा कोई कैदी वार्ड में नहीं मिला. फिर भी हमलोग जांच कर रहे हैं कि वीडियो में दिख रहा मोबाइल है भी या नहीं, अगर है तो मोबाइल कहां गया. वैसे अभी छापेमारी में कुछ भी नहीं मिला" -सुधीर कुमार, एसडीओ, हिलसा नालंदा

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