नालंदा: वैश्विक महामारी कोरोना मरीजों को एक बार फिर से आइसोलेशन सेंटर में रखने की तैयारी की जा रही है. सिविल सर्जन डॉ. राम सिंह ने बताया कि सरकार की ओर से होम आइसोलेशन की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी, लेकिन होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना मरीजो का रिकवरी दर सही नहीं है. इसके अलावा घर में सुविधा नहीं रहने के कारण संक्रमण का प्रसार भी बढ़ सकता है. ऐसे में जिस मरीज के यहां सुविधा की कमी है. उसकी पहचान की जा रही है. उन्हें सरकारी आइसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा.
1,063 एक्टिव मरीज
डॉ. राम सिंह ने बताया कि नालंदा जिले में फिलहाल 1,063 मरीज हैं. जिनमें 786 लोग होम आइसोलेशन में रह रहे हैं. जबकि 271 लोगों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है. वहीं, 6 लोगों का एडमिशन पेंडिंग है. होम आइसोलेशन में रह रहे वैसे मरीज जिनके घर पर शौचालय या रूम की किल्लत है. जिस शौचालय का उपयाग मरीज कर रहे हैं. उसी का उपयोग घर के बाकी सदस्य भी कर रहे हैं. ऐसे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे मरीजों को आइसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा.
रोजाना 2400 सैंपलों की जांच
सिविल सर्जन ने बताया कि जिला में कोरोना की दर में काफी कमी आई है. एक पखवारा पूर्व यहां रोजाना करीब 400 लोगों की कोरोना जांच कराई जा रही थी. वहीं, अब रोजाना 2400 सैंपलों की जांच कराई जा रही है.