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नालंदाः PNB की ओर से बैंक मैनेजर्स के लिए दो दिवसीय कार्यशाला, बेहतर सेवा के दिए गए टिप्स

प्रधानमंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और भारत की इकनॉमी 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने की बात कही थी. जिसके बाद पंजाब नेशनल बैंक प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने में जुट गई है.

बैंक प्रबंधकों के लिए दो दिवसीय मल्टी-लेवल कंसंट्रेशन एंड आईडिएशन कार्यशाला आयोजित
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Published : Aug 18, 2019, 2:09 PM IST

नालंदाः जिले के पावापुरी में पंजाब नेशनल बैंक की ओर से प्रबंधकों के लिए दो दिवसीय मल्टी-लेवल कंसंट्रेशन एंड आईडिएशन कार्यशाला आयोजित किया गया. देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में बैंकों की क्या भूमिका है, इसको लेकर कार्यशाला में चर्चा हुई.

बैंक प्रबंधकों के लिए मल्टी-लेवल कंसंट्रेशन एंड आईडिएशन कार्यशाला आयोजित

67 शाखा के प्रबंधक हुए शामिल
कार्यशाला में बिहार और झारखंड के 67 शाखाओं के प्रबंधक शामिल हुए. निजी बैंकों की तुलना में राष्ट्रीय कृत बैंकों में क्या कमी है. साथ ही शाखाओं को किस प्रकार से बेहतर बनाया जाए, यह सारी बातें प्रबंधकों को समझाई गई. कार्यशाला में राष्ट्रीय कृत बैंक की सभी शाखाओं में समान रूप से काम होने का भी लक्ष्य रखा गया.

नालंदा लेटेस्ट न्यूज, पंजाब नेशनल बैंक न्यूज, भारत की अर्थव्यवस्था, branch manager's workshop
बिहार और झारखंड के शाखा प्रबंधकों की कार्यशाला

राष्ट्रीय कृत बैंक निजी बैंकों से कम नहीं
पीएनबी के अंचल प्रबंधक दिनेश कुमार पालीवाल ने कहा कि भारत सरकार की ओर से बैंक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 16 पारामीटर तय किए गए हैं. उन 16 पारामीटर में एमएसएमई, स्टैंड अप इंडिया, कैशलैस, स्वयं सहायता समूह, कॉरपोरेट सोशल इकनॉमी, जल शक्ति, शिक्षा लोन, ग्रीन इकनॉमी सहित अन्य पारामीटर शामिल हैं. उन्होंने दो दिनों के इस कार्यशाला का उद्देश्य भारत की इकोनॉमी को बढ़ाना बताया. जिसमें उन्होंने बैंकों की भूमिका और उनकी क्षमता को बढ़ाने की बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय कृत बैंक भी निजी बैंकों से कम नहीं है. इसके तहत काम करके दिखाना होगा. ऐसे में उक्त दिशा में काम शुरू भी हो गया है.

नालंदाः जिले के पावापुरी में पंजाब नेशनल बैंक की ओर से प्रबंधकों के लिए दो दिवसीय मल्टी-लेवल कंसंट्रेशन एंड आईडिएशन कार्यशाला आयोजित किया गया. देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में बैंकों की क्या भूमिका है, इसको लेकर कार्यशाला में चर्चा हुई.

बैंक प्रबंधकों के लिए मल्टी-लेवल कंसंट्रेशन एंड आईडिएशन कार्यशाला आयोजित

67 शाखा के प्रबंधक हुए शामिल
कार्यशाला में बिहार और झारखंड के 67 शाखाओं के प्रबंधक शामिल हुए. निजी बैंकों की तुलना में राष्ट्रीय कृत बैंकों में क्या कमी है. साथ ही शाखाओं को किस प्रकार से बेहतर बनाया जाए, यह सारी बातें प्रबंधकों को समझाई गई. कार्यशाला में राष्ट्रीय कृत बैंक की सभी शाखाओं में समान रूप से काम होने का भी लक्ष्य रखा गया.

नालंदा लेटेस्ट न्यूज, पंजाब नेशनल बैंक न्यूज, भारत की अर्थव्यवस्था, branch manager's workshop
बिहार और झारखंड के शाखा प्रबंधकों की कार्यशाला

राष्ट्रीय कृत बैंक निजी बैंकों से कम नहीं
पीएनबी के अंचल प्रबंधक दिनेश कुमार पालीवाल ने कहा कि भारत सरकार की ओर से बैंक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 16 पारामीटर तय किए गए हैं. उन 16 पारामीटर में एमएसएमई, स्टैंड अप इंडिया, कैशलैस, स्वयं सहायता समूह, कॉरपोरेट सोशल इकनॉमी, जल शक्ति, शिक्षा लोन, ग्रीन इकनॉमी सहित अन्य पारामीटर शामिल हैं. उन्होंने दो दिनों के इस कार्यशाला का उद्देश्य भारत की इकोनॉमी को बढ़ाना बताया. जिसमें उन्होंने बैंकों की भूमिका और उनकी क्षमता को बढ़ाने की बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय कृत बैंक भी निजी बैंकों से कम नहीं है. इसके तहत काम करके दिखाना होगा. ऐसे में उक्त दिशा में काम शुरू भी हो गया है.

Intro:नालंदा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और भारत की इकनोमिक 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने के दिए गए बयान के बाद पंजाब नेशनल बैंक प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने में जुट गई है। नालंदा जिले के पावापुरी में पंजाब नेशनल बैंक के बिहार के प्रबंधकों की दो दिवसीय कंसंट्रेशन एंड आईडिएशन कार्यशाला का आयोजन किया गया। देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में बैंकों की भूमिका को लेकर इस कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें यह भी बताया गया कि निजी बैंकों की तुलना में राष्ट्रीय कृत बैंकों में क्या कमी है और उसे किस प्रकार उत्कृष्ट शाखा बनाया जाए इसके बारे में प्रबंधकों को बताया जा रहा है। कार्यशाला में 67 शाखा के प्रबंधक शामिल हुए। इस कार्यशाला में राष्ट्रीय कृत बैंकों की सभी शाखाओं को एक समान रूप से काम हो सके इसके लिए लक्ष्य रखा गया।


Body:भारत सरकार द्वारा बैंकों की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 16 पारा मीटर तय किए गए हैं, उन 16 पारामीटर में एमएसएमई, स्टैंड अप इंडिया, कैशलैस, स्वयं सहायता समूह, कारपोरेट सोशल इकोनामी, जल शक्ति, शिक्षा लोन, ग्रीन इकोनामी सहित अन्य शामिल है। 2 दिनों के इस कार्यशाला के दौरान भारत के इकोनामी को बढ़ाना है जिसमें बैंकों की भूमिका और उसके क्षमता को बढ़ाना होगा । राष्ट्रीय कृत बैंक भी निजी बैंकों से कम नहीं है इसके तहत काम करके दिखाना होगा और इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया गया है।
बाइट। दिनेश कुमार पालीवाल, अंचल प्रबंधक, पंजाब नेशनल बैंक


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