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नालंदा की बेटी अर्पणा ने केदारकंठ की ऊंची चोटी पर लहराया तिरंगा, एवरेस्ट पर झंडे गाड़ना अगला लक्ष्य

नालंदा के दीपनगर थाना के मेघी गांव की एक बेटी ने केदारकंठ की सबसे ऊची चोटी फतह कर ली है. उनका नाम अर्पणा है. वे एथलीट हैं. कराटे में गोल्ड मेडलिस्ट हैं. उनका ख्वाब है कि वे एवरेस्ट की सबसे ऊंची चोटी को फतह करें. लेकिन उनके परिवार की माली हालत आड़े आ रही है.

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Published : Jan 3, 2021, 7:21 PM IST

नालंदा की बेटी
नालंदा की बेटी

नालंदाः नालंदा जिले के छोटे से गांव की रहने वाली अर्पणा ने केदारकंठ की सबसे ऊंची चोटी पर भारत का तिरंगा लहराया है. उन्होंने ना केवल अपने परिवार का बल्कि नालंदा का मान बढ़ाया है. दरअसल अर्पणा नालंदा जिले के दीपनगर थाना इलाके के मेघी गांव की रहने वाली है. पिता के गुजरने के बाद उसकी मां गीता कुमारी ने उनकी पढ़ाई-लिखाई में कोई कसर नहीं छोड़ी.

कराटे में गोल्ड मेडलिस्ट

अर्पणा कराटे में राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी हैं. खो-खो में मगध यूनिवर्सिटी की चैंपियन रहीं. फिर एथलीट में भी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त की. मात्र 20 साल की उम्र में 50 से भी अधिक मेडल प्राप्त कर चुकी अर्पणा के ऊपर परिवार वालों को गर्व है. इसने पिछले 30 दिसंबर को केदारकंठ की 12500 फिट ऊंची बर्फीली चोटी पर तिरंगा लहराया है. परिवार वालों का कहना है कि अर्पणा स्पोर्ट्स में अपना करियर बनाना चाहती हैं. वह राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी बनकर देश का नाम रोशन करना चाहती है.

केदारकंठ में अर्पणा
केदारकंठ में अर्पणा

माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराने की ख्वाहिश

दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर भारत का तिरंगा लहराना अर्पणा की ख्वाहिश है. मगर परिवार की माली हालत ठीक नहीं रहने के कारण उनकी पंख को उड़ान भरने में कठिनाई आ रही है. परिवार वालों ने इस प्रतिभावान खिलाड़ी की सहायता की मांग की है. भाई विक्रम सिंह पटेल और चचेरे भाई राकेश राज अर्पणा की सफलता पर शुभकामनाएं दे रहे हैं. सोलो एडवेंचर द्वारा उन्होंने केदारकंठ ट्रैक पर कदम रखा. यह ट्रैक उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गोविंद वन्य जीव अभयारण्य में स्थित है.

देखें पूरी रिपोर्ट

12500 फीट पर है चोटी

इस ट्रैक की ऊंचाई 300 मीटर अर्थात 12,500 फीट है. यह पूरा ट्रैक लगभग 20 कि.मी. का है. अर्पणा ने इस कंपकंपाती ठंड में इस मंजिल को तय किया है. आपको बता दें कि इसके पूर्व में नालन्दा जिले के कतरीसराय थाना क्षेत्र की एक बेटी मिताली प्रसाद ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर इतिहास रचा था.

नालंदाः नालंदा जिले के छोटे से गांव की रहने वाली अर्पणा ने केदारकंठ की सबसे ऊंची चोटी पर भारत का तिरंगा लहराया है. उन्होंने ना केवल अपने परिवार का बल्कि नालंदा का मान बढ़ाया है. दरअसल अर्पणा नालंदा जिले के दीपनगर थाना इलाके के मेघी गांव की रहने वाली है. पिता के गुजरने के बाद उसकी मां गीता कुमारी ने उनकी पढ़ाई-लिखाई में कोई कसर नहीं छोड़ी.

कराटे में गोल्ड मेडलिस्ट

अर्पणा कराटे में राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी हैं. खो-खो में मगध यूनिवर्सिटी की चैंपियन रहीं. फिर एथलीट में भी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त की. मात्र 20 साल की उम्र में 50 से भी अधिक मेडल प्राप्त कर चुकी अर्पणा के ऊपर परिवार वालों को गर्व है. इसने पिछले 30 दिसंबर को केदारकंठ की 12500 फिट ऊंची बर्फीली चोटी पर तिरंगा लहराया है. परिवार वालों का कहना है कि अर्पणा स्पोर्ट्स में अपना करियर बनाना चाहती हैं. वह राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी बनकर देश का नाम रोशन करना चाहती है.

केदारकंठ में अर्पणा
केदारकंठ में अर्पणा

माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराने की ख्वाहिश

दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर भारत का तिरंगा लहराना अर्पणा की ख्वाहिश है. मगर परिवार की माली हालत ठीक नहीं रहने के कारण उनकी पंख को उड़ान भरने में कठिनाई आ रही है. परिवार वालों ने इस प्रतिभावान खिलाड़ी की सहायता की मांग की है. भाई विक्रम सिंह पटेल और चचेरे भाई राकेश राज अर्पणा की सफलता पर शुभकामनाएं दे रहे हैं. सोलो एडवेंचर द्वारा उन्होंने केदारकंठ ट्रैक पर कदम रखा. यह ट्रैक उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गोविंद वन्य जीव अभयारण्य में स्थित है.

देखें पूरी रिपोर्ट

12500 फीट पर है चोटी

इस ट्रैक की ऊंचाई 300 मीटर अर्थात 12,500 फीट है. यह पूरा ट्रैक लगभग 20 कि.मी. का है. अर्पणा ने इस कंपकंपाती ठंड में इस मंजिल को तय किया है. आपको बता दें कि इसके पूर्व में नालन्दा जिले के कतरीसराय थाना क्षेत्र की एक बेटी मिताली प्रसाद ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर इतिहास रचा था.

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