नालंदा: अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर गुरुवार को पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. जिसका विरोध करते हुए शिक्षकों ने शुक्रवार को बिहारशरीफ में नालंदा जिला संयुक्त संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया. लाठीचार्ज को लेकर इनमें काफी आक्रोश था. शिक्षकों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं कर उनपर लाठियां बरसाने का काम कर रही हैं.
शिक्षकों ने जताया आक्रोश
लाठीचार्ज से आक्रोशित शिक्षकों ने बिहार शरीफ के श्रम कल्याण केंद्र के मैदान से जुलूस निकाला और नीतीश कुमार मुर्दाबाद के नारे लगाए. साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया. शिक्षकों पर हुए लाठीचार्ज और वाटर कैनन के इस्तेमाल की लोगों ने कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि सरकार उनके साथ बर्बरता पूर्ण व्यवहार कर रही है.
मुख्यमंत्री से मांगा जवाब
गौरतलब है कि नियोजित शिक्षक विभिन्न मांगों को लेकर गुरुवार को पटना में प्रदर्शन कर रहे थे, तभी पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए शिक्षकों पर लाठीचार्ज कर दिया. शिक्षकों ने प्रशासन के इस रवैये को तानाशाही करार देते हुए मुख्यमंत्री पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से की जा रही मांगों को लेकर प्रदर्शन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है.
क्या हैं मांगे?
सरकार ने नियमित शिक्षकों के आश्रितों को अनुकम्पा पर नौकरी देने के लिए T.E.T पास करना अनिवार्य कर दिया है. जिसको हटाने के लिए नियमित शिक्षक मांग कर रहे हैं. वहीं, नियोजित शिक्षक नियमित शिक्षकों की तरह 'समान काम, समान वेतन' और पेंशन की मांग कर रहे हैं. दोनों की अलग-अलग मांगे हैं.