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नालंदा: मंत्री ने बाढ़ के संभावित खतरे को लेकर अधिकारियों के साथ की बैठक, दिए कई अहम निर्देश

ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री शैलेश कुमार की अध्यक्षता में हरदेव भवन में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में जिले में संभावित बाढ़ के खतरे और सात निश्चय योजना को लेकर चर्चा की गई और कई आवश्यक निर्देश दिए गए.

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Published : Jun 19, 2020, 6:26 AM IST

Updated : Jun 19, 2020, 7:03 AM IST

नालंदा: जिले में संभावित बाढ़ के खतरे और सात निश्चय योजना को लेकर गुरुवार को अधिकारियों के साथ हरदेव भवन में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता जिला के प्रभारी मंत्री और ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री शैलेश कुमार ने की. जिले के 20 प्रखंडों में से 15 प्रखंड बाढ़ प्रभावित है. सभी प्रखंडों में संभावित बाढ़ प्रभावित लोगों को चिन्हित कर सूची तैयार की गई है.

मंत्री शैलेश कुमार ने बताया कि बाढ़ को लेकर सरकार की नीति स्पष्ट है. बाढ़ प्रभावित लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ को लेकर की गई तैयारियों पर संतुष्टि जताई. वहीं जिलाधिकारी ने बैठक के दौरान बताया कि जिले में सभी प्रखंडों में वर्षा मापक यंत्र कार्यरत है. साथ ही 1 जून से लगातार वर्षापात के आंकड़े का संकलन किया जा रहा है. जिले में जून माह में 17 जून तक 106 एमएम बारिश हो चुकी है. यह पिछले वर्षों के अनुपात में कहीं अधिक है. उन्होंने बताया कि बाढ़ की स्थिति में प्रभावित लोगों को सुरक्षित आश्रय स्थल देने के लिए 176 शरण स्थल चिन्हित किए गए हैं.

आइसोलेशन सेंटर को किया गया चिन्हित
वहीं कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए बाढ़ प्रभावित लोगों की आवश्यकतानुसार आइसोलेशन सेंटर की भी व्यवस्था की जा रही है. आइसोलेशन सेंटर में भी भवनों को चिन्हित किया गया है. यहां कोविड-19 के लक्षण वाले बाढ़ प्रभावित लोगों को आवश्यकता पड़ने पर आवासित कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि बाढ़ आपदा की स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक सामग्रियों के आपूर्तिकर्ता का निर्धारण निविदा के माध्यम से किया गया है. जिले में 11,500 पॉलिथीन शीट भी उपलब्ध है. एनडीआरएफ की टीम जिले को उपलब्ध कराई गई है.

जांच दल गठित करने का निर्देश
डीएम ने बताया कि जिले में सभी आवश्यक मानव दवा और पशु दवा की उपलब्धता की व्यवस्था की गई है. पशु चारा के लिए भी निविदा के माध्यम से दर और आपूर्तिकर्ता का निर्धारण किया गया है. विगत वर्षों के बाढ़ में क्षतिग्रस्त बांध तटबंध और सड़कों की मरम्मत भी संबंधित विभाग द्वारा कराई गई है. बैठक के दौरान विधायकों ने भी बाढ़ आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से क्षेत्र की स्थिति की जानकारी और सुझाव दिया. वहीं जनप्रतिनिधियों ने कुछ स्थानों पर कार्य कराने की आवश्यकता बताई. प्रभारी मंत्री ने उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक अभियंता के साथ जांच दल गठित करने का निर्देश दिया. यह जांच दल बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर सभी स्थलों की जांच करेगा. साथ ही संबंधित विभाग के माध्यम से उपयुक्त कार्रवाई कराई जाएगी. जांच दल अब तक किए गए बाढ़ निरोधी कार्यो का भी निरीक्षण करेगी.

नालंदा: जिले में संभावित बाढ़ के खतरे और सात निश्चय योजना को लेकर गुरुवार को अधिकारियों के साथ हरदेव भवन में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता जिला के प्रभारी मंत्री और ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री शैलेश कुमार ने की. जिले के 20 प्रखंडों में से 15 प्रखंड बाढ़ प्रभावित है. सभी प्रखंडों में संभावित बाढ़ प्रभावित लोगों को चिन्हित कर सूची तैयार की गई है.

मंत्री शैलेश कुमार ने बताया कि बाढ़ को लेकर सरकार की नीति स्पष्ट है. बाढ़ प्रभावित लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ को लेकर की गई तैयारियों पर संतुष्टि जताई. वहीं जिलाधिकारी ने बैठक के दौरान बताया कि जिले में सभी प्रखंडों में वर्षा मापक यंत्र कार्यरत है. साथ ही 1 जून से लगातार वर्षापात के आंकड़े का संकलन किया जा रहा है. जिले में जून माह में 17 जून तक 106 एमएम बारिश हो चुकी है. यह पिछले वर्षों के अनुपात में कहीं अधिक है. उन्होंने बताया कि बाढ़ की स्थिति में प्रभावित लोगों को सुरक्षित आश्रय स्थल देने के लिए 176 शरण स्थल चिन्हित किए गए हैं.

आइसोलेशन सेंटर को किया गया चिन्हित
वहीं कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए बाढ़ प्रभावित लोगों की आवश्यकतानुसार आइसोलेशन सेंटर की भी व्यवस्था की जा रही है. आइसोलेशन सेंटर में भी भवनों को चिन्हित किया गया है. यहां कोविड-19 के लक्षण वाले बाढ़ प्रभावित लोगों को आवश्यकता पड़ने पर आवासित कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि बाढ़ आपदा की स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक सामग्रियों के आपूर्तिकर्ता का निर्धारण निविदा के माध्यम से किया गया है. जिले में 11,500 पॉलिथीन शीट भी उपलब्ध है. एनडीआरएफ की टीम जिले को उपलब्ध कराई गई है.

जांच दल गठित करने का निर्देश
डीएम ने बताया कि जिले में सभी आवश्यक मानव दवा और पशु दवा की उपलब्धता की व्यवस्था की गई है. पशु चारा के लिए भी निविदा के माध्यम से दर और आपूर्तिकर्ता का निर्धारण किया गया है. विगत वर्षों के बाढ़ में क्षतिग्रस्त बांध तटबंध और सड़कों की मरम्मत भी संबंधित विभाग द्वारा कराई गई है. बैठक के दौरान विधायकों ने भी बाढ़ आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से क्षेत्र की स्थिति की जानकारी और सुझाव दिया. वहीं जनप्रतिनिधियों ने कुछ स्थानों पर कार्य कराने की आवश्यकता बताई. प्रभारी मंत्री ने उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक अभियंता के साथ जांच दल गठित करने का निर्देश दिया. यह जांच दल बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर सभी स्थलों की जांच करेगा. साथ ही संबंधित विभाग के माध्यम से उपयुक्त कार्रवाई कराई जाएगी. जांच दल अब तक किए गए बाढ़ निरोधी कार्यो का भी निरीक्षण करेगी.

Last Updated : Jun 19, 2020, 7:03 AM IST
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