नालंदा: जिले में इन दिनों सर्पदंश की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं. इसी दौरान एक ऐसा मामला सामने आया जिसने सभी के होश उड़ा दिए. दरअसल एक खेत में काम करने के दौरान एक व्यक्ति को सांप ने डंस लिया था तो उसने सांप को पकड़ लिया और अस्पताल (Man Arrived With Snake For Treatment In Nalanda) पहुंच गया. डॉक्टर ने जब इलाज के दौरान पूछा कि कौन सा सांप काटा है? तो व्यक्ति ने पोटली से सांप निकाला और कहा कि इसी ने काटा है. यह देखते ही डॉक्टर और वार्ड में मौजूद दूसरे मरीजों की हालत डर से खराब हो गई.
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नालंदा में व्यक्ति को सांप ने काटा: बताया जाता है कि दीपनगर थाना क्षेत्र के कोरई गांव (Korai Village Nalanda) में शिव चंद्र प्रसाद के 42 वर्षीय पुत्र सुरेंद्र कुमार काम कर रहे थे. इसी दौरान उन्हें सांप ने काट लिया. सांप काटने के बाद भागने लगा लेकिन सुरेंद्र ने उसे पकड़ लिया और एक कपड़े की पोटली में बांध दिया. सांप को लेकर सुरेंद्र बिहारशरीफ सदर अस्पताल ( Bihar Sharif Sadar Hospital) के इमरजेंसी वार्ड में पहुंच गया. वहां तैनात डॉक्टर ने तुरंत उसका इलाज शुरू कर दिया. डॉक्टर ने पूछा कि कौन सा सांप काटा है? जिसके बाद सुरेंद्र ने कपड़े की पोटली खोल डॉक्टर के सामने एक जिंदा विषैला सांप रख दिया.
सांप को पोटली में लेकर पहुंचा अस्पताल : सांप को सामने रखकर सुरेंद्र ने जवाब दिया कि डॉक्टर साहब इसी ने मुझे काटा है. पोटली खुलते ही सांप इधर-उधर भागने लगा. जिसे देख डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही वार्ड के दूसरे मरीजों के होश उड़ गए. मरीज के साथ आए लोगों ने किसी तरह डंडे के सहयोग से सांप को पकड़ कर पोटली में वापस बंद कर दिया. तब जाकर लोगों को राहत मिली.
अस्पताल में अफरा-तफरी: सुरेंद्र कुमार ने बताया कि शाम को खेत में काम कर रहे थे. रात होते ही एक सांप ने काट लिया. लेकिन तबीयत नहीं बिगड़ी तो घर पर ही था. सांप को भी पकड़कर पोटली में रख लिया गया. जैसे ही समय बीतता गया तो सुरेंद्र कुमार की तबीयत बिगड़ती जा रही थी. फिर परिजन रात करीब 2 बजे उसे और सांप को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे. सांप को देखकर काफी देर तक अस्पताल में अफरा तफरी मची रही.
"गांव के लोग कहते थे कि सांप काटने का इलाज कराने के लिए जाने पर अस्पताल में डॉक्टर अक्सर पूछते हैं कि कौन सा सांप काटा है. इसी कारण मैंने विषैले सांप को जिंदा पकड़ लिया. ताकि डॉक्टर को इलाज करने में परेशानी ना हो."- सुरेंद्र कुमार, पीड़ित