नालंदा: शीतल खड्गी एक ऐसी महिला जो लड़कियों को आत्मनिर्भर बनने की ट्रेनिंग दे रही हैं. शीतल खड्गे को वीमेन बेस्ट फाइटर ऑफ बिहार के खिताब से नवाजा जा चुका है. शीतल खड्गे आज बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जूडो कराटे का प्रशिक्षण दे रही हैं.
नेपाल के काठमांडू की रहने वाली शीतल खड्गे की 18 साल पहले बिहारशरीफ के संजय खड्गे से शादी हुई थी. शादी के बाद इन्होंने अपने पति संजय खड्गे से जूडो कराटे का प्रशिक्षण लिया. प्रशिक्षण प्राप्त करने के इन्हें ब्लैक बेल्ट डॉन 4 भी दिया गया. अपने मेहनत और परिश्रम के बल पर इन्होंने महज कुछ ही समय में ही जुडो कराटे में महारत हासिल कर ली.
10 सालों से दे रही ट्रेनिंग
बिहारशरीफ के नालंदा हेल्थ क्लब में करीब 10 सालों से नालंदा के बच्चों को प्रशिक्षण देने का काम कर रही हैं. शीतल अबतक 1000 से अधिक बच्चों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बनाने का काम कर चुकी हैं. शीतल खड्गे के बेटे सोजल खड्गे ने भी मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण प्राप्त किया है. सोजल ने बिहार में आयोजित होने वाले विभिन्न प्रतियोगिता में भाग लेकर मेडल जीता है.
आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश
प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्राओं का कहना है कि आत्मनिर्भर बनने के लिए मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग जरूरी है. खासकर लड़कियों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देना बहुत जरूरी है. छात्राओं ने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग के लिए स्कूल, कॉलेज में भी इसकी व्यवस्था होने की मांग की है. प्रशिक्षण प्राप्त कर रही छात्राओं का सपना है कि वे देश के लिए ओलंपिक में भाग ले और मेडल जीतें.