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नालंदा: खासगंज को किया गया सील मुक्त, 28 दिन में कोरोना का कोई नया मामला नहीं - कंटेनमेंट जोन

नालंदा के खासगंज मोहल्ले को शनिवार को सील मुक्त कर दिया गया. इस मोहल्ले में पिछले 28 दिन से एक भी कोरोना संक्रमित नहीं पाया गया है.

खासगंज
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Published : May 30, 2020, 7:20 PM IST

नालंदा: बिहारशरीफ के खासगंज मोहल्ले को जिला प्रशासन ने सील मुक्त कर दिया है. शनिवार की सुबह वहां लगाए गए बांस-बल्ले को हटाने का काम किया गया. प्रशासन के द्वारा कोरोना पॉजिटिव के मामले आने के बाद पूरे मोहल्ले को सील कर दिया गया था. इस इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था. सील मुक्त होने के बाद मोहल्ले में चहल पहल बढ़ गई है.

35 लोग हुए थे संक्रमित
बता दें कि बिहारशरीफ के खासगंज मोहल्ले के निवासी मोहम्मद महताब आलम जो आबूधाबी से लौटे थे, 11 अप्रैल को उनकी कोरोना जांच कराई गई थी, जिसके बाद 13 अप्रैल को उन्हें पॉजिटिव पाया गया. इसके बाद शहर में कोरोना की लंबी चेन बन गई थी और करीब 35 लोग कोरोना संक्रमित हुए थे. इस मामले के बाद खासगंज को 14 अप्रैल को सील कर दिया गया था. किसी भी व्यक्ति के आने-जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी. इस दौरान यहां प्रशासन का पहरा रहता था.

मोहल्ले में लौटी रौनक
मोहल्ले में लौटी रौनक

28 दिन बाद मोहल्ला सील मुक्त
कोरोना के लिए जारी किए गए प्रोटोकॉल के अनुसार, जिस इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है वहां का अंतिम कोरोना मरीज के नेगेटिव होने के 28 दिन के बाद ही उसे कंटेनमेंट जोन से मुक्त किया जाएगा. इस मोहल्ला में अंतिम मरीज की 2 मई को रिपोर्ट नेगेटिव आ गई थी, जिसके बाद आज 28 दिन बाद इसे सील मुक्त किया गया.

3 मोहल्ला बना था कंटेनमेंट जोन
बता दें कि बिहारशरीफ शहर के 3 मोहल्लों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था, जिसमें खासगंज के अलावा शेखाना और सकुन्त मोहल्ला शामिल है. खासगंज पहला मोहल्ला है जो कि सील मुक्त हो गया है.

नालंदा: बिहारशरीफ के खासगंज मोहल्ले को जिला प्रशासन ने सील मुक्त कर दिया है. शनिवार की सुबह वहां लगाए गए बांस-बल्ले को हटाने का काम किया गया. प्रशासन के द्वारा कोरोना पॉजिटिव के मामले आने के बाद पूरे मोहल्ले को सील कर दिया गया था. इस इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था. सील मुक्त होने के बाद मोहल्ले में चहल पहल बढ़ गई है.

35 लोग हुए थे संक्रमित
बता दें कि बिहारशरीफ के खासगंज मोहल्ले के निवासी मोहम्मद महताब आलम जो आबूधाबी से लौटे थे, 11 अप्रैल को उनकी कोरोना जांच कराई गई थी, जिसके बाद 13 अप्रैल को उन्हें पॉजिटिव पाया गया. इसके बाद शहर में कोरोना की लंबी चेन बन गई थी और करीब 35 लोग कोरोना संक्रमित हुए थे. इस मामले के बाद खासगंज को 14 अप्रैल को सील कर दिया गया था. किसी भी व्यक्ति के आने-जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी. इस दौरान यहां प्रशासन का पहरा रहता था.

मोहल्ले में लौटी रौनक
मोहल्ले में लौटी रौनक

28 दिन बाद मोहल्ला सील मुक्त
कोरोना के लिए जारी किए गए प्रोटोकॉल के अनुसार, जिस इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है वहां का अंतिम कोरोना मरीज के नेगेटिव होने के 28 दिन के बाद ही उसे कंटेनमेंट जोन से मुक्त किया जाएगा. इस मोहल्ला में अंतिम मरीज की 2 मई को रिपोर्ट नेगेटिव आ गई थी, जिसके बाद आज 28 दिन बाद इसे सील मुक्त किया गया.

3 मोहल्ला बना था कंटेनमेंट जोन
बता दें कि बिहारशरीफ शहर के 3 मोहल्लों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था, जिसमें खासगंज के अलावा शेखाना और सकुन्त मोहल्ला शामिल है. खासगंज पहला मोहल्ला है जो कि सील मुक्त हो गया है.

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