नालंदा: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारे के साथ ही उम्मीदवारों के नामों की घोषणा हो गई है. हालांकि किसी-किसी नेता को टिकट नहीं मिलने से उनमें पार्टी के खिलाफ नाराजगी है. जिले के हरनौत विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू के बागी नेता इंजीनियर अशोक कुमार ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.
इंजीनियर अशोक कुमार ने शहर के एक निजी मैरिज हॉल में रविवार को हजारों कार्यकर्ताओं के साथ बैठक किया. बैठक के दौरान सभा में दर्जनों वक्ताओं ने कहा कि समय के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी सोच बदलनी चाहिए.
बूढ़े नेता से छुटकारा चाहती है क्षेत्र की जनता
बैठक को संबोधित करते हुए इंजीनियर अशोक कुमार ने कहा कि इस क्षेत्र की जनता बदलाव चाहती है. इसीलिए लोगों के आग्रह पर मैंने निर्दली चुनाव लड़ने का फैसला किया है. साथ ही उन्होंने हरनौत से टिकट मिलने वाले उम्मीदवार पर जमकर निशाना साधाते हुए कहा कि सबको हैरानी होती है कि चलने फिरने में असमर्थ नेता, टिकट की दौड़ में कैसे आगे हो जाते हैं. शिक्षा मंत्री रहकर दोनों बाप-बेटा ने जो किया है, वो जग जाहिर है. क्षेत्र की जनता बूढ़े नेता से छुटकारा पाना चाहती हैं.
असमर्थ नेता को दिया गया टिकट
ग्राउंड जीरो से हमने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की है. मुख्यमंत्री ने गांव-गांव जाकर लोगों का काम करने के लिए कहा था, लेकिन बारी आई तो चलने फिरने से असमर्थ नेता को टिकट दे दिया गया. राजनीतिक सिर्फ वोट के लिए नहीं बल्कि हर समस्याओं का समाधान के लिए होना चाहिए. हमने विधानसभा के दर्जनों गांव में सरकारी योजनाओं को पहुंचाने में मदद किया है. करोड़ों की राशि से विकास कार्य करवाया है. सैकड़ों गांव जाकर लोगों का आशीर्वाद लिया है.
क्षेत्र की जनता का आवाज करेंगे बुलंद
इसके अलावा उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना आज भी अधूरा पड़ा है. प्रखंड के सैकड़ों गांव की गलियां बदहाल है. इसीलिए हम इस बार निर्दलीय चुनाव लड़कर जीतेंगे और विधानसभा जाएंगे. वहां क्षेत्र की जनता का आवाज बुलंद करेंगे.