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नालंदा: अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे कार्यपालक सहायकों को प्रशासन ने हटाया

बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ के 323 कार्यपालक सहायक अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं होने को लेकरअनिश्चितकालीन अनशन कर रहे थे. जिसे सोमवार की रात प्रशासन ने अनुमति नहीं होने की बात कह कर हटा दिया.

अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे कार्यपालक सहायकों को प्रशासन ने हटाया
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Published : Nov 19, 2019, 12:48 PM IST

नालंदा: जिले के अस्पताल चौराहे पर अपनी मांगों को लेकर बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ के 323 कार्यपालक सहायक अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे थे. जो बिल्कुल शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था. इसके बावजूद प्रशासन ने सोमवार की देर रात सभी अनशनकारियों को हटा दिया.

अनशन के लिए नहीं दी गई अनुमति
अनुमंडल पदाधिकारी जनार्दन प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि इन लोगों ने अनशन के लिए आवेदन दिया था, उन्हें अनुमति नहीं दी गई थी. इस वजह से इनलोगों को हटाया गया है. इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को दे दी गई है.

अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे कार्यपालक सहायकों को प्रशासन ने हटाया

डरा-धमका कर रोका गया
अनशनकारियों ने बताया कि उनलोगों ने अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय से इसके लिए 14 नवंबर को अनुमति ली थी. जिसकी रिसीविंग भी उनके पास मौजूद है. इसके बावजूद उन्हें डरा-धमका कर रोका गया.

nalanda
अनशनकारियों से बात करती पुलिस

323 अभ्यर्थियों की नियुक्ति
गौरतलब है कि 323 अभ्यर्थियों की नियुक्ति कार्यपालक सहायक के पद पर नहीं हो सकी है. जबकि नियुक्ति का पैनल पूर्व में ही तैयार कर लिया गया था. वहीं अन्य जिलों में अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र भी सौंप दी गई है.

नालंदा: जिले के अस्पताल चौराहे पर अपनी मांगों को लेकर बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ के 323 कार्यपालक सहायक अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे थे. जो बिल्कुल शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था. इसके बावजूद प्रशासन ने सोमवार की देर रात सभी अनशनकारियों को हटा दिया.

अनशन के लिए नहीं दी गई अनुमति
अनुमंडल पदाधिकारी जनार्दन प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि इन लोगों ने अनशन के लिए आवेदन दिया था, उन्हें अनुमति नहीं दी गई थी. इस वजह से इनलोगों को हटाया गया है. इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को दे दी गई है.

अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे कार्यपालक सहायकों को प्रशासन ने हटाया

डरा-धमका कर रोका गया
अनशनकारियों ने बताया कि उनलोगों ने अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय से इसके लिए 14 नवंबर को अनुमति ली थी. जिसकी रिसीविंग भी उनके पास मौजूद है. इसके बावजूद उन्हें डरा-धमका कर रोका गया.

nalanda
अनशनकारियों से बात करती पुलिस

323 अभ्यर्थियों की नियुक्ति
गौरतलब है कि 323 अभ्यर्थियों की नियुक्ति कार्यपालक सहायक के पद पर नहीं हो सकी है. जबकि नियुक्ति का पैनल पूर्व में ही तैयार कर लिया गया था. वहीं अन्य जिलों में अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र भी सौंप दी गई है.

Intro:अपनी मांगों को लेकर बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ के द्वारा स्थानीय अस्पताल चौराहा पर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। पांच सूत्री मांगों को लेकर जिले के सभी 323 कार्यपालक सहायक गांधीगिरी की राह पर चलकर अस्पताल चौराहा पर आमरण अनशन पर बैठे हुए थे, हालांकि इनका आमरण अनशन बिल्कुल शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था। बावजूद प्रशासन ने देर रात अमर अनशन कर रहे सभी अनशनकारियों को कानून का डर देकर हटवाया गया।Body:वही इस संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी जनार्दन प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि इन लोगों के द्वारा द्वारा सिर्फ आमरण अनशन के लिए आवेदन दी गई थी जिसके बाद आमरण अनशन के लिए हमारे तरफ से कोई भी अनुमति नहीं दी गई है। बावजूद लोग आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। यह मामला पटना से जुड़ा हुआ है हमलोगों के द्वारा इसकी जानकारी वरीय अधिकारियो को दी गयी है। वहीं दूसरी ओर आमरण अनशन कर रहे अनशनकारियों ने बताया कि हम लोगों के द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय से आमरण अनशन के लिए 14 तारीख को ही अनुमति ली गई थी जिसका रिसीविंग भी हम लोग के पास मौजूद है। बाबजुद हम लोगों को डरा धमका कर आमरण अनशन करने से रोका गया।

बाइट--जनार्दन प्रसाद अग्रवाल एसडीएम
बाइट--विकाश कुमार अनशनकारी।Conclusion:गौरतलब है प्रशासनिक उठापटक की राजनीति में 323 अभ्यर्थियों का नियुक्ति कार्यपालक सहायक के पद पर नही हो सकी है जबकि नियुक्ति का पैनल पूर्व में ही तैयार कर लिया गया था।वहीं अन्य जिले में अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र भी सौप दिया गया है।

राकेश कुमार संवाददाता
बिहारशरीफ
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