नालंदाः राजगीर के रत्नागिरि पर्वत पर स्थित विश्व शांति स्तूप तक पहुंचने के लिए अब फोर सीटर की जगह आठ सीटर रोपवे का निर्माण किया जाएगा. इसका निर्माण कार्य काफी तेजी से चल रहा है. इस आठ सीटर रोपवे का निर्माण पुराने सिंगल सीटर रोवपे से साढे़ बारह मीटर पश्चिम की तरफ किया जा रहा है.
अब नहीं बनती फोर सीटर रोपवे
जानकारी के अनुसार रोपवे बनाने वाली कंपनी ने फोर सीटर रोपवे बनाने का काम बंद कर दिया है. इस वहज से भविष्य में इसका पार्ट-पूर्जा मिलना बंद हो सकता है. यही वजह है कि अब 8 सीटर रोपवे का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया है. फोर सीटर रोपवे में 36 केबिन बनाया जाना था. लेकिन अब ऐट सीटर रोपवे में 20 केबिन ही होगा. ताकी भार क्षमता और वजट दोनों बराबर रह सके.
साल 2009 में मिली थी स्वीकृति
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साल 2009 में ही अपने प्रवास यात्रा के दौरान राजगीर में फोर सिटर रोपवे निर्माण का फैसला लिया था. जिसे 12 माह में बन कर तैयार हो जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. लेकिन वन विभाग से क्लियरेंस मिलने में काफी सयम लग गया. इस कारण साल 2016 में इसका निर्माण कार्य शुरू किया गया. तीन ट्रम में स्वाईल टेस्टिंग का कार्य पूरा किया गया. इसके बाद डिजायन की स्वीकृति की प्रकिृया पूरी की गई. केबिन और रोप का निर्माण भी किया जा चुका है.
निर्माण का कार्य यूद्ध स्तर जारी
टावर निर्माण का कार्य यूद्ध स्तर पर किया जा रहा है. 6 टावर में से 4 टावर का निर्माण कार्य पुरा कर लिया गया है. 2 का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. बताते चलें कि अप्रैल 2018 तक इसे पुरा करने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन कई कारणों और पहाड़ के कटिंग में होनें वाली कठिनाईयों के कारण अब इसे पुरा करने का लक्ष्य अगस्त 2019 रखा गया है. बिहार स्टेट टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड ने इसके निर्माण कि जिम्मेदारी राईटस कंपनी को दी है. राईट्स इस रोपवे का निर्माण कोलकता कि कंपनी कन्वेयर एण्ड रोपवे सर्विसेज की देख रेख में करवा रही है.
रोपवे के लिए बनाये जाएंगे 6 टावर
रोपवे को दूर्तगति देने के लिए कुल 6 टावर का निर्माण किया जा रहा है. जिसकी उचाई जरूरत के अनुसार 200 मीटर से 250 मीटर तक होगी. जिसके सहारे रोप और रोप पर टावर लगे होगें. इनमें चार टावर का निर्माण कार्य पुरा कर लिया गया है. 1000 किलो भार क्षमता बाले 20 केविन यूक्त रोपवे की स्पीड लगभग तीन मिटर प्रति सेकेंड होगी. यानि10 मिनट में यह एक चकर पुरा कर लेगा. लोगों के चढ़ने और उतरने के लिए केबिन को चलते रोप से अलग कर गीयर के माध्यम से एक प्लेटफार्म पर रोका जायेगा. जहां लोग चढ़ और उतर सकेगें. जबकी वर्तमान के सिंगल रोपवे में चलते हुए अवस्था में ही लोगों को चढ़ना और उतरना होता है.
बनाया जा रहा है दो प्लेटफार्म
फोर सिटर रोपवे में चढ़नें उतरने के लिए दो प्लेटफार्म का निर्माण किया जा रहा है. जो कि उत्कृष्ट आधुनिक तकनीक पर अधारीत होगा. एक प्लेटफार्म उपरी और दूसरा निचली सतह पर होगा. जिसका निर्माण कार्य काफी तेजी से चल रहा है. वहीं यात्रियों को प्रतिक्षा के लिए वातानुकूलित सभी सुविधाओं से यूक्त दो मंजीला अत्याधुनिक प्रतिक्षालय का निर्माण नीचली सतह पर कराया जा रहा है.
पहाड़ को काटने में हुई परेशानी
राईटस इंजिनियर रोपवे प्रशांत कुमार ने बताया कि अत्याधुनिक केबिन और रोप बन कर तैयार है. पहाड़ के चटानों को काटने में परेशानी आ थी. कैमिकल और मैकनेकिल ब्लास्टाटिंग यहां फेल हो जा रही थी. गर्म करके पत्थर को तोड़ा जा रहा है. इसके वजह से फोर सीटर रोपवे के निर्माण कार्य समयनुसार पूरा नहीं किया जा सका. अब इसे पूरा करने का लक्ष्य इसी साल के अगस्त माह में रखा गया है.
क्या है आठ सीटर रोपवे की खासियत
- फोर सीटर रोपवे की जगह अब बनेगा आठ सीटर रोपवे
- यूरोप के ऑटोमैटिक मॉडल पर निर्मित होगा केबिन
- अगस्त माह से पर्यटक उठा सकेगें रोपवे का आंदन
- बच्चे भी ले सकेगें ऐट सिटर रोपवे का आन्नद
- कुल 11 करोड़ 85 लाख रूपये होंगे खर्च
- इसी साल रोपवे बनकर हो जाएगा तैयार
- 600 मिटर लंबा होगा ऐट सीटर रोपवे
- बिना रूके लगातार चलता रहेगा रोपवे
- ऐट सीटर रोपवे में होगी 20 केबिन
क्या कहते हैं मंत्री
पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार का कहना है कि राजगीर में विश्वशांति स्तूप की 50 वीं वर्षगाठ इस साल मनाई जायेगी. यहां एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. इस कार्यक्रम में महामहीम राष्ट्रपति मुख्य अतिथि होगे. इसी को ध्यान में रखकर निर्माणाधीन आठ सीटर रोपवे का निर्माण अगस्त माह तक हर हाल में पूरा कर लेने का निर्देश दिया गया है.