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नालंदा: रैन बसेरा में लटका है ताला, इधर-उधर भटकने को मजबूर लोग

दीनदयाल अंत्योदय योजना और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना के तहत बिहारशरीफ के रामचंद्रपुर बस स्टैंड मेंआश्रय विहीन व्यक्तियों के लिए आश्रय स्थल बनाया गया था. जहां विभागीय उदासीनता की वजह से आज ताला लटका हुआ है.

रैन बसेरा में लटका है ताला
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Published : Nov 4, 2019, 2:25 PM IST

नालंदा: जिले में बिहारशरीफ के रामचंद्रपुर बस स्टैंड में शहरी आश्रय विहीन व्यक्तियों के लिए आश्रय स्थल का निर्माण कराया गया था. लेकिन विभागीय उदासीनता और लापरवाही के कारण आज यहां ताला लटका है.

कई महीनों से लटका है ताला
दीनदयाल अंत्योदय योजना और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना के अंतर्गत यह बनाया गया था. यह आश्रय स्थल अपने उद्देश्यों को पूरा करता नहीं दिख रहा है. पिछले कई महीनों से इस आश्रय स्थल में ताला लटके रहने से लोग मजबूरन इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं.

रैन बसेरा में लटका है ताला

लाखों रुपये खर्च कर हुआ था भवन निर्माण
यहां 25 बेड प्रतिदिन देने की बात कही गई थी. इसके अलावा 35 रुपये में प्रति व्यक्ति के लिए शाकाहारी भोजन की व्यवस्था की गई थी. लेकिन आज तक यह योजना धरातल पर नहीं उतर सकी है. लाखों रुपये खर्च कर यहां भवन निर्माण कराया गया था.

nalanda
रसोई घर में लटका ताला

नई कमिटी का गठन
यहां फिलहाल 31 बेड, 16 तोशक के अलावा अन्य सामग्री उपलब्ध है. लेकिन ताला बंद रहने के कारण इसका उपयोग नही हो पा रहा है. नगर आयुक्त का कहना है कि पुरानी कमिटी सही से काम नहीं कर पा रही थी. इस वजह से नई कमिटी बना दी गई है. सही व्यवस्था के लिए जल्द काम शुरू हो जाएगा.

nalanda
नगर आयुक्त सौरभ जोरवाल

नालंदा: जिले में बिहारशरीफ के रामचंद्रपुर बस स्टैंड में शहरी आश्रय विहीन व्यक्तियों के लिए आश्रय स्थल का निर्माण कराया गया था. लेकिन विभागीय उदासीनता और लापरवाही के कारण आज यहां ताला लटका है.

कई महीनों से लटका है ताला
दीनदयाल अंत्योदय योजना और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना के अंतर्गत यह बनाया गया था. यह आश्रय स्थल अपने उद्देश्यों को पूरा करता नहीं दिख रहा है. पिछले कई महीनों से इस आश्रय स्थल में ताला लटके रहने से लोग मजबूरन इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं.

रैन बसेरा में लटका है ताला

लाखों रुपये खर्च कर हुआ था भवन निर्माण
यहां 25 बेड प्रतिदिन देने की बात कही गई थी. इसके अलावा 35 रुपये में प्रति व्यक्ति के लिए शाकाहारी भोजन की व्यवस्था की गई थी. लेकिन आज तक यह योजना धरातल पर नहीं उतर सकी है. लाखों रुपये खर्च कर यहां भवन निर्माण कराया गया था.

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रसोई घर में लटका ताला

नई कमिटी का गठन
यहां फिलहाल 31 बेड, 16 तोशक के अलावा अन्य सामग्री उपलब्ध है. लेकिन ताला बंद रहने के कारण इसका उपयोग नही हो पा रहा है. नगर आयुक्त का कहना है कि पुरानी कमिटी सही से काम नहीं कर पा रही थी. इस वजह से नई कमिटी बना दी गई है. सही व्यवस्था के लिए जल्द काम शुरू हो जाएगा.

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नगर आयुक्त सौरभ जोरवाल
Intro:नालंदा । दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना अंतर्गत शहरी आश्रय विहीन व्यक्तियों के लिए बिहारशरीफ के रामचंद्रपुर बस स्टैंड में आश्रय स्थल का निर्माण कराया गया था लेकिन विभागीय उदासीनता और लापरवाही के कारण आज यहां ताला लटका है। जिसके कारण यह आश्रय स्थल अपने उद्देश्यों को पूरा करता नहीं दिख रहा है। विगत कई महीनों से इस आश्रय स्थल में ताला लटका रहने के कारण मजबूरन लोग इधर-उधर भटकने को मजबूर है। सस्ते दरों पर लोगों के ठहरने, भोजन की व्यवस्था इस स्थल पर किया गया था लेकिन ताला लटका रहने के कारण लोगों में मायूसी देखने को मिल रही है।


Body:शहरी आश्रय विहीन व्यक्तियों के लिए ठहरने की व्यवस्था, बिस्तर पंखे आदि से सुसज्जित साफ हवादार कमरे, सभी व्यक्तियों के अलग-अलग बेड की व्यवस्था, बिजली, पानी, रसोईघर आदि की व्यवस्था इस आश्रय स्थल में की गई थी। उम्मीद की जा रही थी कि यहां गरीबों को लाभ मिलेगा और सस्ते दर पर ठहरने के साथ-साथ भोजन की भी व्यवस्था की गई थी । यहां रहने वाले व्यक्तियों के लिए मात्र 25 प्रतिदिन बेड देने की बात कही गई थी। इसके अलावा मात्र 35 में प्रति व्यक्ति को शाकाहारी भोजन की व्यवस्था की गई थी लेकिन आज यह योजना धरातल पर नहीं उतर सका । कुछ ही माह में यह योजना बंद हो गया । लाखो रुपये खर्च कर भवन का निर्माण कराया गया । यहां फिलहाल 31 बेड, 16 तोशक के अलावा अन्य सामग्री उपलब्ध है लेकिन ताला बंद रहने के कारण इसका उपयोग नही हो पा रहा है। वही नगर आयुक्त का कहना है कि पुरानी कमिटी सही से काम नही कर पा रही थी इस लिये नही कमिटी बना दी गयी है जल्द काम शुरू हो जाएगा।
बाइट। राजेश कुमार, स्थानीय नागरिक
बाइट। सतीश कुमार, गार्ड
बाइट। सौरभ जोरवाल, नगर आयुक्त


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