नालंदा: जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने हरदेव भवन सभागार में सभी पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में जिलाधिकारी द्वारा कई महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर सभी पुलिस पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया. जिलाधिकारी ने कहा कि आगामी पंचायत चुनाव को लेकर विधि व्यवस्था के प्रति सभी पदाधिकारियों को सजग एवं सतर्क रहकर कार्य करना होगा. इस बार पंचायत चुनाव पहली बार ईवीएम के माध्यम से कराया जाएगा.
पंचायत चुनाव को लेकर बैठक
मतदाताओं पर ही मतदान केंद्र बनाया जा रहा है. कुल 6 पदों के लिए चुनाव होना है. इसलिए चुनाव में बड़ी संख्या में ईवीएम मशीन का प्रयोग किया जाएगा. पंचायत चुनाव के अवसर पर विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए पहले से ही सजग एवं सतर्क रहते हुए पूर्व तैयारी सुनिश्चित करने को कहा गया. एचआरएमएस प्रणाली के तहत सभी कर्मियों के सर्विस बुक को डिजिटल फॉर्म में तैयार किया जा रहा है. लगभग 98 प्रतिशत पुलिसकर्मियों के सर्विस बुक की डिजिटल प्रविष्टि मेकर के स्तर से की जा चुकी है. जिलाधिकारी ने शेष इंट्री का कार्य सुनिश्चित करते हुए एप्रूवर के स्तर से इसका शत फीसदी निष्पादन कराने का निर्देश दिया.
थाना स्तर पर लगे विशेष शिविर
भूमि विवाद से संबंधित मामलों का निराकरण करने के उद्देश्य से प्रत्येक शनिवार को थाना स्तर पर लगाए जाने वाले विशेष शिविर को और भी कारगर ढंग से क्रियान्वित करने का निर्देश दिया गया. भूमि विवाद के लंबित मामलों को प्राथमिकता देते हुए निराकरण करने को कहा गया. सभी थाना स्तर पर भूमि विवाद से संबंधित संज्ञान में आए मामले एवं निराकरण के लिए की गई कार्रवाई को अलग से पंजीकरण में संधारित करने का निर्देश दिया गया.
लंबित मामलों में लाएं तेजी
लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत दर्ज वादों की सुनवाई के क्रम में लोक प्राधिकार के रूप में संबंधित पदाधिकारियों को अनिवार्य रूप से उपस्थिति दर्ज कराने को कहा गया. चरित्र प्रमाण पत्र से संबंधित सत्यापन के लिए लंबित मामलों का तेजी से निष्पादन सुनिश्चित करने को कहा गया.
एससी-एसटी में हो तुरंत कार्रवाई
अनुसूचित जाति थाना प्रभारी को अनुसूचित जाति/ जनजाति अत्याचार निवारण अधिकार अधिनियम के तहत दर्ज वादों में मुआवजे के भुगतान के लिए प्रक्रिया का अनुपालन तेजी से करने का निर्देश दिया गया. मद्य निषेध अधिनियम के तहत जप्त किए गए वाहनों को राजसात करने के लिए त्वरित गति से प्रस्ताव भेजने को कहा गया. न्यायालय के आदेश के आधार पर मुक्त किए गए जप्त वाहनों से संबंधित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश सभी थाना प्रभारी को दिया गया.