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दिल्ली के सीआर पार्क के कारोबारी से ठगे 60 लाख, नालंदा से पकड़े गए साइबर फ्रॉड - delhi police crime branch

मोटे मुनाफे का लालच देकर बिहार के नालंदा से ठगी करने वाले एक जालसाज को उसके साथी सहित दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान दीपक कुमार वर्मा और वीरेंद्र प्रसाद के रूप में की गई है. इनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है.

delhi police crime branch arrested cheater from nalanda
delhi police crime branch arrested cheater from nalanda
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Published : Nov 19, 2021, 6:19 PM IST

नई दिल्ली/नालंदा: मोटे मुनाफे का लालच देकर ठगी करने वाले एक जालसाज को क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने इनके पास से छह मोबाइल और आठ सिम कार्ड बरामद किए हैं. इसके अलावा उनके बैंक खाते भी फ्रीज किए गए हैं, जिनमें लगभग 14.50 लाख रुपये हैं. आरोपियों के नाम दीपक कुमार वर्मा और वीरेंद्र प्रसाद है. इन्हें बिहार के नालंदा से गिरफ्तार किया गया है.

यह भी पढ़ें - पटना में ठगी का शिकार हुई महिला, बदमाशों ने झांसे में लेकर उड़ाए लाखों के जेवर

डीसीपी मनोज. सी के अनुसार, चितरंजन पार्क थाना इलाके में ठगी की एक एफआईआर बीते दिनों दर्ज हुई थी. इसमें कारोबारी को मोटे मुनाफे का झांसा देकर 60 लाख रुपये ठगे गए थे. जीएसटी फीस, प्रोसेसिंग फीस, प्लान फीस, एनरोलमेंट फीस एवं अन्य चार्ज के नाम पर यह रकम ठगी गई थी. इसे ध्यान में रखते हुए क्राइम ब्रांच एसीपी मयंक बंसल की देखरेख में इंस्पेक्टर मनोज कुमार, एसआई राकेश मलिक एवं मनीष की टीम छानबीन कर रही थी. टेक्निकल सर्विलांस के जरिए इस गैंग के बारे में जानकारी जुटाई गई. इनके बैंक अकाउंट को भी खंगाला गया.

Cyber Fraud
ठगी का शिकार होने पर उठाएं ये कदम

पुलिस टीम ने छानबीन के दौरान बिहार से वीरेंद्र को गिरफ्तार किया. वीरेंद्र ने पुलिस को बताया कि उसने अपना बैंक खाता 50 हजार रुपये में दीपक को किराए पर दिया था. इसके अलावा उसमें आने वाली राशि पर उसे कमीशन भी मिलती थी. इसके बाद छानबीन कर रही पुलिस टीम ने दीपक कुमार वर्मा को गिरफ्तार किया जो बिहार के नालंदा का रहने वाला है. फिलहाल वह पटना में रहता था. दीपक ने पुलिस को बताया कि उसने एचडीएफसी बैंक के 7 खाते खोल रखे थे जिनमें ठगी की रकम को मंगाया गया. इसमें आने वाली रकम को वह एटीएम मशीन के जरिए निकाल लेता था. ठगी के बाद उसने सिम कार्ड और मोबाइल को नाले में फेंक दिया था. उसने पुलिस को बताया कि वह कम से कम 10 लाख रुपये उन लोगों से ठगता था जो उसकी स्कीम में पैसे लगाना चाहते थे.

गिरफ्तार किया गया वीरेंद्र प्रसाद झारखंड का रहने वाला है. वह ग्रेजुएट है और कई निजी बैंक में नौकरी कर चुका है. दूसरा आरोपी दीपक वर्मा नालंदा का रहने वाला है. उसने नालंदा यूनिवर्सिटी से बीएससी किया है. इसके बाद वह एक फर्जी आयुर्वेदिक संस्थान में काम करता था जहां पर दवा की जगह पाउडर को पैक किया जाता था. दवा देने के नाम पर वह लोगों से पहले ठगी करता था. अभी के समय में वह लोगों को कारोबार में मुनाफे का झांसा देकर उनसे ठगी करता था.

नोट: ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 155260 पर कॉल कर सकते हैं. इसके अलावा साइबर फ्रॉड की वेबसाइट :https//cybercrime.gov.in पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

यह भी पढ़ें - नीलामी में गये युवक से ठगी, सोने का बताकर दे दिये पीतल के जेवर

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नई दिल्ली/नालंदा: मोटे मुनाफे का लालच देकर ठगी करने वाले एक जालसाज को क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने इनके पास से छह मोबाइल और आठ सिम कार्ड बरामद किए हैं. इसके अलावा उनके बैंक खाते भी फ्रीज किए गए हैं, जिनमें लगभग 14.50 लाख रुपये हैं. आरोपियों के नाम दीपक कुमार वर्मा और वीरेंद्र प्रसाद है. इन्हें बिहार के नालंदा से गिरफ्तार किया गया है.

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डीसीपी मनोज. सी के अनुसार, चितरंजन पार्क थाना इलाके में ठगी की एक एफआईआर बीते दिनों दर्ज हुई थी. इसमें कारोबारी को मोटे मुनाफे का झांसा देकर 60 लाख रुपये ठगे गए थे. जीएसटी फीस, प्रोसेसिंग फीस, प्लान फीस, एनरोलमेंट फीस एवं अन्य चार्ज के नाम पर यह रकम ठगी गई थी. इसे ध्यान में रखते हुए क्राइम ब्रांच एसीपी मयंक बंसल की देखरेख में इंस्पेक्टर मनोज कुमार, एसआई राकेश मलिक एवं मनीष की टीम छानबीन कर रही थी. टेक्निकल सर्विलांस के जरिए इस गैंग के बारे में जानकारी जुटाई गई. इनके बैंक अकाउंट को भी खंगाला गया.

Cyber Fraud
ठगी का शिकार होने पर उठाएं ये कदम

पुलिस टीम ने छानबीन के दौरान बिहार से वीरेंद्र को गिरफ्तार किया. वीरेंद्र ने पुलिस को बताया कि उसने अपना बैंक खाता 50 हजार रुपये में दीपक को किराए पर दिया था. इसके अलावा उसमें आने वाली राशि पर उसे कमीशन भी मिलती थी. इसके बाद छानबीन कर रही पुलिस टीम ने दीपक कुमार वर्मा को गिरफ्तार किया जो बिहार के नालंदा का रहने वाला है. फिलहाल वह पटना में रहता था. दीपक ने पुलिस को बताया कि उसने एचडीएफसी बैंक के 7 खाते खोल रखे थे जिनमें ठगी की रकम को मंगाया गया. इसमें आने वाली रकम को वह एटीएम मशीन के जरिए निकाल लेता था. ठगी के बाद उसने सिम कार्ड और मोबाइल को नाले में फेंक दिया था. उसने पुलिस को बताया कि वह कम से कम 10 लाख रुपये उन लोगों से ठगता था जो उसकी स्कीम में पैसे लगाना चाहते थे.

गिरफ्तार किया गया वीरेंद्र प्रसाद झारखंड का रहने वाला है. वह ग्रेजुएट है और कई निजी बैंक में नौकरी कर चुका है. दूसरा आरोपी दीपक वर्मा नालंदा का रहने वाला है. उसने नालंदा यूनिवर्सिटी से बीएससी किया है. इसके बाद वह एक फर्जी आयुर्वेदिक संस्थान में काम करता था जहां पर दवा की जगह पाउडर को पैक किया जाता था. दवा देने के नाम पर वह लोगों से पहले ठगी करता था. अभी के समय में वह लोगों को कारोबार में मुनाफे का झांसा देकर उनसे ठगी करता था.

नोट: ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 155260 पर कॉल कर सकते हैं. इसके अलावा साइबर फ्रॉड की वेबसाइट :https//cybercrime.gov.in पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

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