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केंद्रीय पुस्तकालय का होगा कायाकल्प, आधुनिक सुविधाओं के साथ होगी ई-लाइब्रेरी की भी व्यवस्था - हांगकांग के पुस्तकालय

अमेरिका और हांगकांग के पुस्तकालय के तर्ज पर केंद्रीय पुस्तकालय के नए भवन के निर्माण के लिए डिजाइन तैयार की गई है. नए पुस्तकालय में एक साथ 300 लोगों की पढ़ने की व्यवस्था होगी.

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केंद्रीय पुस्तकालय
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Published : Dec 4, 2019, 7:40 AM IST

नालंदा: बिहार शरीफ नगर निगम को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला है. इसके बाद शहर में कई विकास के कार्य चल रहे हैं. वहीं, सरकारी भवनों का कायाकल्प भी हो रहा है. स्मार्ट सिटी के तहत विद्यालय, पुस्तकालय को भी विकसित किया जाना है. वहीं, बिहार शरीफ केंद्रीय पुस्तकालय को भी आधुनिक रुप देने की कवायद शुरू हो गई है.

जिला मुख्यालय बिहारशरीफ स्थित केंद्रीय पुस्तकालय अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस रहेगा. वहीं, पुराने भवन की जगह पांच मंजिला भवन का निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए फिलहाल पांच डिजाइन तैयार किए गए हैं. ये डिजाइन अमेरिका और हांगकांग के पुस्तकालय के तर्ज पर बनाये गए हैं. जिसे पुस्तकालय समिति के सदस्यों की सहमति के बाद इस का डिजाइन फाइनल कर प्राक्कलन तैयार किया जाएगा.

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शैलेंद्र प्रसाद, पुस्तकालय समिति के सदस्य

1920 में पुस्तकालय का हुआ निर्माण
बता दें कि केंद्रीय पुस्तकालय बिहारशरीफ के धनेश्वर घाट मोहल्ले में स्थित है. जिसकी स्थापना 1920 में गई थी, तब से यह पुस्तकालय कार्यरत है. पुस्तकालय 31 डिसमिल जमीन पर बना है. इस पुस्तकालय के निर्माण का एक मात्र उदेश्य शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ छात्र-छात्राओं को सुविधा प्रदान करना था. जो कि छात्र-छात्राओं के लिए काफी फायदेमंद भी साबित हुआ है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

सरकारी उपेक्षा का शिकार रहा पुस्तकालय
हालांकि समय के साथ-साथ इसमें काफी गिरावट आई. वहीं, पुस्तकालय में लोगों की दिलचस्पी कम होती गई. दूसरी तरफ इस पुस्तकालय को सरकारी उपेक्षा को भी झेलना पड़ा. फिलहाल इस पुस्तकालय में मात्र एक लाइब्रेरियन पदस्थापित हैं. जिनके सहारे पूरा पुस्तकालय चल रहा है. खास बात यह है कि इस पुस्तकालय में करीब 25000 पुस्तकें अब भी मौजूद है.

ये भी पढ़ेंः मेधा सम्मान समारोह में बोले शिक्षा मंत्री- मेधावी छात्रों को अगले साल से मिलेगा आईपैड

इन सुविधाओं से लैस होगा पुस्तकालय
भवन निर्माण के साथ ही पुस्तकालय अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस रहेगा. इसमें ई-लाइब्रेरी की भी सुविधा उपलब्ध होगी. वहीं, ग्राउंड फ्लोर में पार्किंग, शौचालय और दूसरी सुविधाएं होगी. जबकि अन्य फ्लोर पर पुस्तकालय, कंप्यूटर रहेगी. ई-लाइब्रेरी को पूरी तरह से वातानुकूलित बनाया जाएगा. नवनिर्मित भवन में स्टडी रुम, कंप्यूटर रूम के साथ-साथ सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी.

नालंदा: बिहार शरीफ नगर निगम को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला है. इसके बाद शहर में कई विकास के कार्य चल रहे हैं. वहीं, सरकारी भवनों का कायाकल्प भी हो रहा है. स्मार्ट सिटी के तहत विद्यालय, पुस्तकालय को भी विकसित किया जाना है. वहीं, बिहार शरीफ केंद्रीय पुस्तकालय को भी आधुनिक रुप देने की कवायद शुरू हो गई है.

जिला मुख्यालय बिहारशरीफ स्थित केंद्रीय पुस्तकालय अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस रहेगा. वहीं, पुराने भवन की जगह पांच मंजिला भवन का निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए फिलहाल पांच डिजाइन तैयार किए गए हैं. ये डिजाइन अमेरिका और हांगकांग के पुस्तकालय के तर्ज पर बनाये गए हैं. जिसे पुस्तकालय समिति के सदस्यों की सहमति के बाद इस का डिजाइन फाइनल कर प्राक्कलन तैयार किया जाएगा.

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शैलेंद्र प्रसाद, पुस्तकालय समिति के सदस्य

1920 में पुस्तकालय का हुआ निर्माण
बता दें कि केंद्रीय पुस्तकालय बिहारशरीफ के धनेश्वर घाट मोहल्ले में स्थित है. जिसकी स्थापना 1920 में गई थी, तब से यह पुस्तकालय कार्यरत है. पुस्तकालय 31 डिसमिल जमीन पर बना है. इस पुस्तकालय के निर्माण का एक मात्र उदेश्य शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ छात्र-छात्राओं को सुविधा प्रदान करना था. जो कि छात्र-छात्राओं के लिए काफी फायदेमंद भी साबित हुआ है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

सरकारी उपेक्षा का शिकार रहा पुस्तकालय
हालांकि समय के साथ-साथ इसमें काफी गिरावट आई. वहीं, पुस्तकालय में लोगों की दिलचस्पी कम होती गई. दूसरी तरफ इस पुस्तकालय को सरकारी उपेक्षा को भी झेलना पड़ा. फिलहाल इस पुस्तकालय में मात्र एक लाइब्रेरियन पदस्थापित हैं. जिनके सहारे पूरा पुस्तकालय चल रहा है. खास बात यह है कि इस पुस्तकालय में करीब 25000 पुस्तकें अब भी मौजूद है.

ये भी पढ़ेंः मेधा सम्मान समारोह में बोले शिक्षा मंत्री- मेधावी छात्रों को अगले साल से मिलेगा आईपैड

इन सुविधाओं से लैस होगा पुस्तकालय
भवन निर्माण के साथ ही पुस्तकालय अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस रहेगा. इसमें ई-लाइब्रेरी की भी सुविधा उपलब्ध होगी. वहीं, ग्राउंड फ्लोर में पार्किंग, शौचालय और दूसरी सुविधाएं होगी. जबकि अन्य फ्लोर पर पुस्तकालय, कंप्यूटर रहेगी. ई-लाइब्रेरी को पूरी तरह से वातानुकूलित बनाया जाएगा. नवनिर्मित भवन में स्टडी रुम, कंप्यूटर रूम के साथ-साथ सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी.

Intro:नालंदा। बिहार शरीफ नगर निगम को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला है इसके तहत सरकारी भवनों के विकास का काम किया जा रहा है । स्मार्ट सिटी के साथ विद्यालय, पुस्तकालय का भी विकसित किया जाना है । इसी कड़ी में बिहार शरीफ के केंद्रीय पुस्तकालय को भी आधुनिक रूप देने की कोशिश शुरू कर दी गई है। केंद्रीय पुस्तकालय को अत्याधुनिक सुविधा से लैस करने का काम किया जा रहा है। पुराने भवन को तोड़कर फिर से नया भवन का निर्माण कराया जाएगा जो कि 5 मंजिला होगा। नए भवन के निर्माण के लिए डिजाइन तैयार किया गया है फिलहाल पांच प्रकार के डिजाइन तैयार किए गए हैं जिसमें अमेरिका एवं हांगकांग के पुस्तकालय के तर्ज पर केंद्रीय पुस्तकालय का डिजाइन बनाया गया है । पुस्तकालय समिति के सदस्यों की सहमति पर इस का डिजाइन को फाइनल कर प्राक्कलन तैयार किया जाएगा।


Body:बिहारशरीफ के धनेश्वर घाट मोहल्ले में वर्ष 1920 में केंद्रीय पुस्तकालय की स्थापना की गई थी और तब से यह पुस्तकालय कार्यरत है । यह पुस्तकालय की साढ़े 31 डिसमिल जमीन है। शिक्षा को बढ़ावा देने एवं छात्र-छात्राओं को सुविधा प्रदान करने के लिए इस पुस्तकालय का निर्माण कराया गया था । यह पुस्तकालय छात्र छात्राओं के लिए काफी फायदेमंद भी साबित हुआ हालांकि समय के साथ-साथ इसमें काफी गिरावट आई और धीरे-धीरे पुस्तकालय में लोगों की दिलचस्पी कम होती गई। सरकारी उपेक्षा का भी शिकार इस पुस्तकालय को झेलना पड़ा। फिलहाल इस पुस्तकालय में मात्र एक लाइब्रेरियन ही पदस्थापित हैं जिनके सहारे पूरा पुस्तकालय चल रहा है । इस पुस्तकालय में करीब 25000 पुस्तकें अब भी मौजूद है।


Conclusion:नए पुस्तकालय भवन को पांच मंजिला बनाया जाएगा। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस यह पुस्तकालय होगा जिसमें ई लाइब्रेरी की भी सुविधा उपलब्ध होगी। इस नए भवन में ग्राउंड फ्लोर में पार्किंग, शौचालय एवं अन्य सुविधाएं होगी। अन्य फ्लोर पर पुस्तकालय, कंप्यूटर आदि सुविधाएं होगी। ई लाइब्रेरी को पूर्णता वतानुकूलित बनाया जाएगा। भवन, स्टडी, कंप्यूटर रूम के साथ-साथ सभी आवश्यक सुविधाएं यहां उपलब्ध होगा।
बाइट । शैलेंद्र प्रसाद, सदस्य
बाइट। सौरभ जोरवाल, नगर आयुक्त
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