मुज़फ्फरपुर: जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला आपदा को लेकर समीक्षात्मक बैठक सह प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें विभागीय अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए.
प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन
इस प्रशिक्षण कार्यशाला में जिला स्तरीय सभी आपातकालीन सहाय्य विभाग, रिस्पांस एजेंसियां, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे. प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रशिक्षक के रूप में श्री नीरज कुमार सिंह राज्य सलाहकार बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण पटना और डॉ. पल्लव कुमार परियोजना पदाधिकारी बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण पटना उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन श्री कमल सिंह जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी मुजफ्फरपुर के द्वारा किया गया.
जिलाधिकारी ने दिए दिशा-निर्देश
इस अवसर पर जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने कहा कि हमारा जिला विभिन्न प्रकार की आपदाओं के प्रति बेहद ही संवेदनशील है. लिहाजा माइक्रो प्लानिंग और सेक्टरल प्लानिंग विभिन्न स्तरों पर संबंधित विभाग द्वारा किया जाना बेहद आवश्यक है. जिला आपदा प्रबंधन योजना में जिले में घटित होने वाली सभी आपदाओं के दृष्टिगत पूर्व, आपदा के दौरान और आपदा के पश्चात में की जाने वाली कार्रवाई को सम्मिलित किया जाना बेहद महत्वपूर्ण है. उन्होंने गर्मी के मौसम में अगलगी तथा हीटवेव के दृष्टिगत समुचित कार्रवाई करने के साथ साथ आगामी संभावित बाढ़ की पूर्व तैयारी करने का निदेश दिया.
समय से पहले करें काम को पूरा
उन्होंने कहा की सभी संबंधित पदाधिकारी बाढ़ सुरक्षा हेतु सभी तटबंधों का निरीक्षण करना सुनिश्चित करें ताकि पहले से तटबंधों की मरम्मती समुचित रुप से की जा सके. विभिन्न आपदाओं के दौरान प्रयोग में लाए जाने वाले संसाधनों, स्वयंसेवकों, तैराकों, गोताखोरों, नाविकों को चिन्हित कर सूचीबद्ध करने का निर्देश विभागों को दिया. डीएम ने गर्मी के दिनों में एईएस बीमारी की रोकथाम के लिए समुचित कार्ययोजना बनाने का निर्देश जिला आपदा प्रबंधन प्रशाखा के प्रभारी पदाधिकारी एवं कंसलटेंट को दिया गया.
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आपदा संबंधी कार्यों में प्रतिनियुक्त किए जाने वाले पदाधिकारियों एवं कर्मियों को प्रशिक्षित करने का निर्देश जिला आपदा प्रबंधन प्रशाखा के प्रभारी पदाधिकारी को दिया गया ताकि आपदा संबंधी कार्यों को दक्षता के साथ संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी संपादित कर इस अवसर पर राजेश कुमार अपर जिला दंडाधिकारी मुजफ्फरपुर ने कहा कि आपदाएं विकास की प्रक्रिया को अवरुद्ध कर देती हैं, बड़े स्तर पर लोगों को विसंगतियों का सामना करना पड़ता है. यह बेहद आवश्यक है कि आपदाओं के प्रभावों की रोकथाम के लिए समुचित रणनीति अपनाई जाए तथा प्रभावी कार्ययोजना के तहत गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाए. ताकि आपदाओं को नियंत्रित किया जा सके. उन्होंने सड़क दुर्घटना, डूबने से होने वाली मृत्यु की रोकथाम के लिए संवेदनशील स्थलों पर जागरुकता कार्यक्रम एवं मॉक ड्रिल कार्यक्रम आयोजित करने पर जोर दिया.
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डॉ अजय कुमार, अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन, मुजफ्फरपुर ने आपदाओं के प्रबंधन एवं न्यूनीकरण में विभागों की भूमिका तथा विकास प्रक्रिया में आपदा जोखिम न्यूनीकरण की तत्व को समाहित करने पर महत्वपूर्ण जानकारी दी. इस अवसर पर मोहम्मद साकिब खान कंसलटेंट -सह-डीएम प्रोफेशनल जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने घटित होने वाली बहु आपदाओं का प्रभाव एवं विभाग बार आपदा प्रबंधन योजना निर्माण के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला. साथ ही बाढ़ 2020 में हुई क्षति तथा किए गए राहत एवं बचाव कार्य संबंधी प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया.