मुजफ्फरपुर: प्रखंड अंतर्गत हरलोचनपुर पंचायत के वार्ड संख्या 14 में महादलित महिलाओं ने रविवार को पानी और शौचालय के लिए प्रदर्शन किया. महिलाओं ने आरोप लगाया है कि उक्त वार्ड में महादलित परिवारों की संख्या करीब 100 है. लेकिन महज 4 लोग ही शौचालय का निर्माण करा पाने में सक्षम हुए हैं. अन्य लोगों को कोई भी राहत नहीं मिल पाई है और ना ही वार्ड में शौचालय का निर्माण हो सका है. जिस कारण आज भी महिलाओं को गांव के खेतों में शौच के लिए जाने को मजबूर होना पड़ता है.
ये भी पढ़ें: कला संस्कृति विभाग को बजट से काफी उम्मीद, कलाकारों और खिलाड़ियों के लिए चलाई जाएंगी कई योजनाएं
गंदगी का जमावड़ा
ग्रामीणों का आरोप है कि रात में डर से महिलाएं बाहर नहीं निकल पाती हैं. जिसके कारण आस-पड़ोस गंदगी का जमावड़ा रहता है. उन्होंने कहा कि गंदगी के कारण यहां के बच्चे बीमार पड़ते हैं. वार्ड में आज तक शुद्ध पानी भी मयस्सर नहीं हो पा रहा है. महज एक चापाकल से पूरा गांव पानी पीता है. नल-जल की सुविधा यहां के लिए केवल शोभा की वस्तु बनी हुई है.
"वार्ड में जल मीनार का निर्माण किया गया है. लेकिन करीब एक सौ परिवार का घर ऊंची जगह पर होने के कारण पानी नहीं पहुंच पा रहा है. जिससे लोगों कठिनाई हो रही है. वार्ड में बने सामुदायिक शौचालय बनते ही ध्वस्त होने लगे हैं. दरवाजे टूटने लगे हैं. हालांकि ठेकेदार के द्वारा रंग-रोगन किया गया. लेकिन उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है. शौचालय के लिए जनप्रतिनिधियों के यहां ग्रामीणों ने गुहार लगाई है"- इंदु देवी, वार्ड सदस्य
लोगों को होती है परेशानी
महिलाओं ने कहा कि नल-जल के लिए पाइप का काम हुआ, नल भी लगाई गई. लेकिन आज तक महादलितों को शुद्ध पानी मयस्सर नहीं हुआ है. अन्य लोगों को पानी मिल पाता है. लेकिन दलितों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ता है. बताया जाता है कि पंचायत में गर्मी आते ही पानी की किल्लत शुरू हो जाती है.
ये भी पढ़ें: पटना में अपराधियों का तांडव, बीच सड़क पर खदेड़ कर छात्र को मारी गोली
यहां लोगों को पानी खरीदकर पीना पड़ता है. महादलित परिवारों को पानी नहीं मिलने के कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. पंचायत के मुखिया पति प्रभात कुमार ने कहा कि शौचालय का निर्माण कराया गया. लेकिन पैसा नहीं होने के कारण काम अधूरा है.