ETV Bharat / state

Muzaffarpur News: लगातार हो रही बारिश से इंडस्ट्रियल एरिया झील में तब्दील, उद्यमी परेशान

मानसून की बारिश से जहां किसानों के चेहरे पर खुशी देखी जा रही है. वहीं, बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) के लोगों के लिए बारिश परेशानी का सबब बन गया है. लगातार हो रही बारिश से मुजफ्फरपुर का बेला इंडस्ट्रियल एरिया झील में तब्दील हो गया है.

मुजफ्फरपुर
ये है मुजफ्फरपुर का हाल
author img

By

Published : Jun 23, 2021, 9:54 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले में लगातार हो रही भारी बारिश ने शहर की सूरत बिगाड़ दी है. लगातार बारिश के कारण बेला इंडस्ट्रियल एरिया (Bela Industrial Area) के कई ब्लॉक पानी में डूब गए हैं. जिसकी वजह से इस औद्योगिक इलाके में वाहनों के आवागमन के साथ इस कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों का आना-जाना प्रभावित हो गया है.

ये भी पढ़ें...खनुआ नाला की सफाई नहीं होने का परिणाम, रातभर की बारिश में डूब गया छपरा

जलजमाव की वजह से उद्योग पर संकट
जलजमाव से कई उद्योग संकट में फंस गए हैं. इस इलाके में जलजमाव की समस्या के मद्देनजर कई उद्योगों में उत्पादन रोक दिया है, ताकि माल के ठहराव से आगे परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. वहीं, जल जमाव की वजह से उत्पादन यूनिट के ठप होने से यहां उद्यमी आर्थिक नुकसान होने से बहुत परेशान है. वहीं, इन इकाइयों में मजदूरी कर अपना घर चलाने वाले श्रमिकों के समक्ष भी बेरोजगारी की समस्या खड़ी हो गयी.

ये भी पढ़ें...बेतिया का हाल तो देखिए, मानसून की पहली बारिश में ही जलजमाव से शहर में बाढ़ जैसे हालात

जल जमाव से मुक्ति दिलाने की गुहार
बेला इंडस्ट्रियल इलाके की नारकीय हालत और परिसर में जमा बारिश के पानी से इकाइयों में अभी दो से तीन फीट तक पानी जमा है. जल जमाव से सबसे अधिक परेशानी बेला फेज वन से तीन तक दिख रही है. जहां जलजमाव की वजह से आधी से अधिक इकाइयां प्रभावित हुई हैं. वहीं, फेज 2 से 3 तक करीब 15 फीसदी से अधिक इकाइयों में फिलहाल उत्पादन ठप है. वहीं, जलजमाव की वजह से अपने कारोबार में नुकसान उठा रहे उद्यमियों ने सरकार से जल जमाव से मुक्ति दिलाने की गुहार लगाई है.

ये भी पढ़ें- Nawada Flood : DM ने जलाशयों और संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया निरीक्षण

BIADA कर रहा जल जमाव में मदद
बेला औद्योगिक इलाके में जलजमाव से उत्पादन ठप होने की बात को फिलहाल उद्योग विभाग के अधिकारी नकार रहे हैं. हालांकि, उद्योग विभाग से जुड़े अधिकारी ने कैमरे पर स्वीकार किया कि इस इलाके के लिए जल जमाव की समस्या बहुत बड़ी है.

इस वजह से इलाके के इकाइयों को काफी दिक्कत हो रही है. हालांकि, बियाडा (BIADA) इस इलाके को जल जमाव से मुक्ति दिलाने के लिए मजबूती से काम कर रहा है.

ये भी पढ़ें- बेतिया का हाल तो देखिए, मानसून की पहली बारिश में ही जलजमाव से शहर में बाढ़ जैसे हालात

बिहार के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात?
एक ओर जहां राजधानी पटना में बारिश के बाद जलजमाव की स्थिति बन आई है, वहीं बिहार के कई जिलों की हालत भी वैसी ही है. नेपाल के तराई क्षेत्रों से सटे बेतिया, मोतिहारी और गोपालगंज में बाढ़ का पानी कई गांवों में फैल गया है.

नेपाल के तराई वाले इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण वाल्मीकि नगर बाराज से 4 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है. यही कारण है कि नदी अपनी सीमा लांघ कर गांवों तक पहुंच गई है.

देखें रिपोर्ट..

बारिश से किसान हैं खुश
एक ओर जहां दो दिनों तक लगातार हुई बारिश के कारण हुए जलजमाव से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं किसान खुश हैं कि समय से बारिश का मौसम आ गया है. किसान खेती में जुट गए है. हालांकि अब देखना यह होगा कि जलजमाव से लोगों को कब जक निजात मिल पाती है.

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले में लगातार हो रही भारी बारिश ने शहर की सूरत बिगाड़ दी है. लगातार बारिश के कारण बेला इंडस्ट्रियल एरिया (Bela Industrial Area) के कई ब्लॉक पानी में डूब गए हैं. जिसकी वजह से इस औद्योगिक इलाके में वाहनों के आवागमन के साथ इस कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों का आना-जाना प्रभावित हो गया है.

ये भी पढ़ें...खनुआ नाला की सफाई नहीं होने का परिणाम, रातभर की बारिश में डूब गया छपरा

जलजमाव की वजह से उद्योग पर संकट
जलजमाव से कई उद्योग संकट में फंस गए हैं. इस इलाके में जलजमाव की समस्या के मद्देनजर कई उद्योगों में उत्पादन रोक दिया है, ताकि माल के ठहराव से आगे परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. वहीं, जल जमाव की वजह से उत्पादन यूनिट के ठप होने से यहां उद्यमी आर्थिक नुकसान होने से बहुत परेशान है. वहीं, इन इकाइयों में मजदूरी कर अपना घर चलाने वाले श्रमिकों के समक्ष भी बेरोजगारी की समस्या खड़ी हो गयी.

ये भी पढ़ें...बेतिया का हाल तो देखिए, मानसून की पहली बारिश में ही जलजमाव से शहर में बाढ़ जैसे हालात

जल जमाव से मुक्ति दिलाने की गुहार
बेला इंडस्ट्रियल इलाके की नारकीय हालत और परिसर में जमा बारिश के पानी से इकाइयों में अभी दो से तीन फीट तक पानी जमा है. जल जमाव से सबसे अधिक परेशानी बेला फेज वन से तीन तक दिख रही है. जहां जलजमाव की वजह से आधी से अधिक इकाइयां प्रभावित हुई हैं. वहीं, फेज 2 से 3 तक करीब 15 फीसदी से अधिक इकाइयों में फिलहाल उत्पादन ठप है. वहीं, जलजमाव की वजह से अपने कारोबार में नुकसान उठा रहे उद्यमियों ने सरकार से जल जमाव से मुक्ति दिलाने की गुहार लगाई है.

ये भी पढ़ें- Nawada Flood : DM ने जलाशयों और संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया निरीक्षण

BIADA कर रहा जल जमाव में मदद
बेला औद्योगिक इलाके में जलजमाव से उत्पादन ठप होने की बात को फिलहाल उद्योग विभाग के अधिकारी नकार रहे हैं. हालांकि, उद्योग विभाग से जुड़े अधिकारी ने कैमरे पर स्वीकार किया कि इस इलाके के लिए जल जमाव की समस्या बहुत बड़ी है.

इस वजह से इलाके के इकाइयों को काफी दिक्कत हो रही है. हालांकि, बियाडा (BIADA) इस इलाके को जल जमाव से मुक्ति दिलाने के लिए मजबूती से काम कर रहा है.

ये भी पढ़ें- बेतिया का हाल तो देखिए, मानसून की पहली बारिश में ही जलजमाव से शहर में बाढ़ जैसे हालात

बिहार के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात?
एक ओर जहां राजधानी पटना में बारिश के बाद जलजमाव की स्थिति बन आई है, वहीं बिहार के कई जिलों की हालत भी वैसी ही है. नेपाल के तराई क्षेत्रों से सटे बेतिया, मोतिहारी और गोपालगंज में बाढ़ का पानी कई गांवों में फैल गया है.

नेपाल के तराई वाले इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण वाल्मीकि नगर बाराज से 4 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है. यही कारण है कि नदी अपनी सीमा लांघ कर गांवों तक पहुंच गई है.

देखें रिपोर्ट..

बारिश से किसान हैं खुश
एक ओर जहां दो दिनों तक लगातार हुई बारिश के कारण हुए जलजमाव से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं किसान खुश हैं कि समय से बारिश का मौसम आ गया है. किसान खेती में जुट गए है. हालांकि अब देखना यह होगा कि जलजमाव से लोगों को कब जक निजात मिल पाती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.