मुजफ्फरपुर: मतदान लोकतंत्र का आधार है और बिना मतदान लोकतंत्र की कल्पना भी नहीं की जा सकती है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का एक दुःखद परिणाम है कि लोकतंत्र के महापर्व विधानसभा चुनाव में गायघाट विधानसभा क्षेत्र की जानत ने वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क और पुल नहीं तो इसबार किसी को भी वोट नहीं.
ग्रामीणों ने लिया चुनाव में वोट बहिष्कार करने का निर्णय
दरअसल मुजफ्फरपुर के गायघाट में रविवार को महमदपुर सुरा पंचायत के 5 गांव के ग्रामीणों के द्वारा विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार का निर्णय लिया गया. बता दें, इन पांच गांवों में धोबौली, ककारिया, बलमुतारा, महनपुर और बरियारपुर गांव की करीब 10 हजार की आबादी बसती है और जो धुबौली गांव स्थित बागमती नदी में पूल और पांचों गांवों को जोड़ने वाली पक्की सड़क के निर्माण के लिए तरस रही है.
गांव में जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर लगी रोक
बता दें कि रविवार को ग्रामीणों ने गांव के मुख्य द्वार पर विरोध प्रदर्शन करते हुए पूल और सड़क नहीं तो वोट नहीं आदि नारेबाजी की. इस दौरान ग्रामीणों ने गांव के बाहर बोर्ड लगाकर जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है. ग्रामीणों का कहना है कि कई वर्षों से सिर्फ आश्वासन के अलावा यहां की जनता को कुछ नहीं मिला है. ग्रामीणों ने कहा कि जबतक गांव में पक्की सड़कें और नदी पर पूल नही बन जाता तबतक गांव में जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर रोक लगी रहेगी.
क्या है ग्रामीणों की मांगें
- धोबौली घाट नदी पर पुल का निर्माण.
- किसानों के लिए बेहतर व्यवस्था.
- प्रत्येक बिजली पोल पर LED लाईट की व्यवस्था.
- बबुलबन्नी चौक NH-57 से धोबौली गांव तक रोड़ निर्माण.
- वृद्ध, विधवा, विकलांगों के लिए अलग से सुविधा.
- प्रत्येक महीने में एक बार गांव में जनता दरबार लगे, जिसमें लोगों की समस्या को दुर किया जाए.