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मुजफ्फरपुर: शीत लहर में आग के सहारे कट रही गरीबों की रात, लकड़ी चुनकर करते हैं अलाव की व्यवस्था - Poor looking for administration

सूबे में शीत लहर का प्रकोप बढ़ने लगा है. जहां अमीरों ने अपने घरों में हीटर-कंबल और तमाम तरीके के भौतिक साधनों से खुद को ठंड से बचाने में जुट गए हैं. वहीं, गरीबों को इस कड़ाके की ठंड में खुद को जिंदा बचाए रखने की चुनौती पहाड़ बन कर सामने खड़ी हो गई है. गरीब अलाव जला कर खुद कर ठंड से बचा रहे हैं.

ठंड से बचाए रखने की चुनौती
ठंड से बचाए रखने की चुनौती
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Published : Dec 11, 2020, 4:52 AM IST

Updated : Dec 11, 2020, 6:38 AM IST

मुजफ्फरपुर: सूबे में पड़ रही शीतलहर और कड़ाके की ठंड ने जहाँ आम जनजीवन को जहां सबसे अधिक प्रभावित किया है. वहीं, ठिठुरती और कड़ाके की ठंड जिले के गरीब परिवारों के लिए किसी बड़ी आफत से कम नहीं है.

ठंड से बचाए रखने की चुनौती

दिन भर लकड़ी चुन कर रात भर आग के पास बैठे रहते हैं
जिले में अभी भी एक बड़ी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करती है. ऐसे में इन परिवारों को ठंड से बचाने के लिए शासन व जिला प्रशासन की ओर से अब कोई कारगर उपाय नहीं गया है. ऐसे में कई परिवार ठंड का सामना करने के लिए दिनभर आग जलाने के लिए लकड़ी चुनने के काम मे जुटे रहते है. ठंड के मौसम में ईटीवी भारत की टीम ने मीनापुर में कुछ अनुसूचित जाति लोगो से बातचीत की. जो ठंड के कहर से बचने के लिए सड़क के किनारे लकड़ी चुनते नजर आए. जहां उन्होंने अपना दर्द साझा करते हुए कहाकि इस जानलेवा सर्दी हम गरीबों के लिए किसी कहर से कम नही है. ऐसे में अलाव जलाकर ही हम अपनी रात काटते हैं.

अलाव इक्टठा करती बच्ची
अलाव के जलावन इक्टठा करती बच्ची

तंगी से जूझ रहे परिवार को प्रशासन का नहीं सहारा
बूढ़ी गंडक की तराई क्षेत्र के गांव में रहने वाले अधिकतर परिवार आíथक तंगी से जूझ रहे हैं. आर्थिक तंगी के चलते वह अपने परिवार के सदस्यों को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़ा व कंबल, रजाई भी नहीं खरीद पाते हैं. ऐसे में शीत लहर ने इन गरीबों का जीना मुहाल कर दिया है. गर्म कपड़ा न होने के कारण आग का सहारा लेकर रात काटनी पड़ रही है. आग के इंतजाम के लिए ये गरीब रात-दिन कोई न कोई जतन करते रहते हैं. प्रशासन की ओर से इन गरीबों को ठंड से राहत दिलाने के लिए कोई उपाय नहीं किया गया. इसको लेकर गरीब काफी परेशान हैं और मदद के लिए प्रशासन की राह देख रहे हैं.

मुजफ्फरपुर: सूबे में पड़ रही शीतलहर और कड़ाके की ठंड ने जहाँ आम जनजीवन को जहां सबसे अधिक प्रभावित किया है. वहीं, ठिठुरती और कड़ाके की ठंड जिले के गरीब परिवारों के लिए किसी बड़ी आफत से कम नहीं है.

ठंड से बचाए रखने की चुनौती

दिन भर लकड़ी चुन कर रात भर आग के पास बैठे रहते हैं
जिले में अभी भी एक बड़ी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करती है. ऐसे में इन परिवारों को ठंड से बचाने के लिए शासन व जिला प्रशासन की ओर से अब कोई कारगर उपाय नहीं गया है. ऐसे में कई परिवार ठंड का सामना करने के लिए दिनभर आग जलाने के लिए लकड़ी चुनने के काम मे जुटे रहते है. ठंड के मौसम में ईटीवी भारत की टीम ने मीनापुर में कुछ अनुसूचित जाति लोगो से बातचीत की. जो ठंड के कहर से बचने के लिए सड़क के किनारे लकड़ी चुनते नजर आए. जहां उन्होंने अपना दर्द साझा करते हुए कहाकि इस जानलेवा सर्दी हम गरीबों के लिए किसी कहर से कम नही है. ऐसे में अलाव जलाकर ही हम अपनी रात काटते हैं.

अलाव इक्टठा करती बच्ची
अलाव के जलावन इक्टठा करती बच्ची

तंगी से जूझ रहे परिवार को प्रशासन का नहीं सहारा
बूढ़ी गंडक की तराई क्षेत्र के गांव में रहने वाले अधिकतर परिवार आíथक तंगी से जूझ रहे हैं. आर्थिक तंगी के चलते वह अपने परिवार के सदस्यों को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़ा व कंबल, रजाई भी नहीं खरीद पाते हैं. ऐसे में शीत लहर ने इन गरीबों का जीना मुहाल कर दिया है. गर्म कपड़ा न होने के कारण आग का सहारा लेकर रात काटनी पड़ रही है. आग के इंतजाम के लिए ये गरीब रात-दिन कोई न कोई जतन करते रहते हैं. प्रशासन की ओर से इन गरीबों को ठंड से राहत दिलाने के लिए कोई उपाय नहीं किया गया. इसको लेकर गरीब काफी परेशान हैं और मदद के लिए प्रशासन की राह देख रहे हैं.

Last Updated : Dec 11, 2020, 6:38 AM IST
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