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मुजफ्फरपुर में अभिनेत्री कंगना का फूंका गया पुतला, पद्मश्री वापस लेने की मांग

अभिनेत्री कंगना रनौट के बयान को लेकर इन दिनों सियासत गरमायी हुई है. वहीं, मुजफ्फरपुर में समाजसेवी तमन्ना हाशमी ने हक-ए-हिंदुस्तान मोर्चा के बैनर तले अभिनेत्री का पुतला फूंका. साथ ही पद्मश्री पुरस्कार वापस लेने की मांग की. पढ़ें पूरी खबर..

Tamanna Hashmi Protest Against kangana Ranaut on controversial statement
Tamanna Hashmi Protest Against kangana Ranaut on controversial statement
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Published : Nov 12, 2021, 7:24 PM IST

मुजफ्फरपुर: पद्मश्री से सम्मानित बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौट ( Bollywood Actress Kangana Ranaut ) द्वारा देश की आजादी पर दिए बयान को लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है. वहीं, बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में समाजसेवी तमन्ना हाशमी (Tamannaah Hashmi) द्वारा हक-ए-हिंदुस्तान मोर्चा के बैनर तले अभिनेत्री कंगना रनौट का पुतला दहन किया. साथ ही अभिनेत्री से पद्मश्री पुरस्कार वापस लेने की मांग की गई.

यह भी पढ़ें - लालू की बेटी ने कंगना को बताया 'सावरकर का वंशज', कहा- तू फर्जी झांसी की रानी

अपने बयानों के जरिए विवादों में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनौट एक बार फिर अपने बयान से सुर्खियों में हैं. कंगना रनौट इस बार आजादी को लेकर दिए बयान से मुश्किलों में घिरती नजर आ रही है. वहीं, इस बयान पर बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में जमकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. लोग सोशल मीडिया से लेकर सड़क पर उतरकर विरोध जता रहे हैं. समाजसेवी तमन्ना हाशमी द्वारा हक-ए-हिंदुस्तान मोर्चा के बैनर तले अभिनेत्री के पुतला को जूता मारा गया, फिर कालिख पोत आग लगा दिया गया. इस दौरान अभिनेत्री के बयान को लेकर जमकर नारेबाजी भी की गई. अभिनेत्री के बयान पर विपक्षी दल से लेकर आम नागरिकों ने भी विरोध जताया है.

देखें वीडियो

दरअसल, कंगना रनौट ने एक टीवी चैनल पर इंटरव्यूह के दौरान उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के बारे में सावरकर, लक्ष्मीबाई और नेताजी बोस को याद करते हुए कहा, 'ये लोग जानते थे कि खून बहेगा, लेकिन यह हिंदुस्तानी खून नहीं होना चाहिए. वे इसे जानते थे. बेशक, उन्हें एक पुरस्कार दिया जाना चाहिए. वह आजादी नहीं थी, वो भिक्षा थी. हमें 2014 में असली आजादी मिली है. कंगना के इस बयान के बाद लोगों ने उनपर तरह-तरह की टिप्पणियां करनी शुरू कर दी.

हरेकला हजब्बा, तुलसी गौड़ा, राहीबाई सोमा पोपेरे जैसे गुमनाम नायकों को सम्मान दिए जाने के बाद जहां लोगों ने सरकार के इस कदम की खूब तारीफ की थी, वहीं कंगना के सम्मान मिलने और फिर इस तरह के विवादित बयान देने पर सवाल भी उठने लगे.

आपको बताएं कि कंगना को इसी महीने मोदी सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. 34 वर्षीय एक्ट्रेस को अपने भड़काऊ बयानों के चलते ट्विटर पर ब्लॉक कर दिया गया है. इससे पहले भी वह अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियां बटोर चुकी हैं. वहीं, उनके इस बयान पर बीजेपी सांसद वरुण गांधी, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी निशाना साधा है. वरुण ने कहा था कि इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?' वहीं, मांझी ने कंगना से पद्मश्री वापस लिए जाने की मांग की है.

यह भी पढ़ें - आजादी को 'भीख' बताने पर मांझी ने लताड़ा, कहा- 'लानत है कंगना पर... अविलंब पद्म श्री वापस लेना चाहिए'

मुजफ्फरपुर: पद्मश्री से सम्मानित बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौट ( Bollywood Actress Kangana Ranaut ) द्वारा देश की आजादी पर दिए बयान को लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है. वहीं, बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में समाजसेवी तमन्ना हाशमी (Tamannaah Hashmi) द्वारा हक-ए-हिंदुस्तान मोर्चा के बैनर तले अभिनेत्री कंगना रनौट का पुतला दहन किया. साथ ही अभिनेत्री से पद्मश्री पुरस्कार वापस लेने की मांग की गई.

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अपने बयानों के जरिए विवादों में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनौट एक बार फिर अपने बयान से सुर्खियों में हैं. कंगना रनौट इस बार आजादी को लेकर दिए बयान से मुश्किलों में घिरती नजर आ रही है. वहीं, इस बयान पर बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में जमकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. लोग सोशल मीडिया से लेकर सड़क पर उतरकर विरोध जता रहे हैं. समाजसेवी तमन्ना हाशमी द्वारा हक-ए-हिंदुस्तान मोर्चा के बैनर तले अभिनेत्री के पुतला को जूता मारा गया, फिर कालिख पोत आग लगा दिया गया. इस दौरान अभिनेत्री के बयान को लेकर जमकर नारेबाजी भी की गई. अभिनेत्री के बयान पर विपक्षी दल से लेकर आम नागरिकों ने भी विरोध जताया है.

देखें वीडियो

दरअसल, कंगना रनौट ने एक टीवी चैनल पर इंटरव्यूह के दौरान उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के बारे में सावरकर, लक्ष्मीबाई और नेताजी बोस को याद करते हुए कहा, 'ये लोग जानते थे कि खून बहेगा, लेकिन यह हिंदुस्तानी खून नहीं होना चाहिए. वे इसे जानते थे. बेशक, उन्हें एक पुरस्कार दिया जाना चाहिए. वह आजादी नहीं थी, वो भिक्षा थी. हमें 2014 में असली आजादी मिली है. कंगना के इस बयान के बाद लोगों ने उनपर तरह-तरह की टिप्पणियां करनी शुरू कर दी.

हरेकला हजब्बा, तुलसी गौड़ा, राहीबाई सोमा पोपेरे जैसे गुमनाम नायकों को सम्मान दिए जाने के बाद जहां लोगों ने सरकार के इस कदम की खूब तारीफ की थी, वहीं कंगना के सम्मान मिलने और फिर इस तरह के विवादित बयान देने पर सवाल भी उठने लगे.

आपको बताएं कि कंगना को इसी महीने मोदी सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. 34 वर्षीय एक्ट्रेस को अपने भड़काऊ बयानों के चलते ट्विटर पर ब्लॉक कर दिया गया है. इससे पहले भी वह अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियां बटोर चुकी हैं. वहीं, उनके इस बयान पर बीजेपी सांसद वरुण गांधी, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी निशाना साधा है. वरुण ने कहा था कि इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?' वहीं, मांझी ने कंगना से पद्मश्री वापस लिए जाने की मांग की है.

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