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मुजफ्फरपुरः गाजे-बाजे के साथ निकली राम बारात, मिथिलांचल की सीमा पर लोगों ने किया भव्य स्वागत

​​​​​​​भगवान राम के बारातियों का स्वागत करने के बाद उन्हें साहू पोखर स्थित राम जानकी मठ पर ठहराया गया. जहां पर महाप्रसाद का भोजन कराया गया. उसके बाद यह बारात बाबा गरीबनाथ मंदिर पहुंची. जहां पर महाआरती की गई.

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Published : Nov 24, 2019, 8:38 PM IST

लोगों ने किया भव्य स्वागत

मुजफ्फरपुरः अयोध्या से जनकपुर के लिये चली भगवान राम की बारात रविवार को मिथिलांचल की सीमा में प्रवेश किया. जहां बिहार के मुजफ्फरपुर में राम जी के बारात का भव्य स्वागत किया गया. राम की बारात जैसे ही शहर में प्रवेश किया, वैसे ही लोग फूलों की वर्षा करने लगें. जिस-जिस रास्ते से भगवान राम की बारात जा रही थी, लोग उस-उस रास्ते में फूलों की वर्षा कर रहे थे.

भगवान राम की बारात
आज का यह दृश्य देखने के लिये लोग अपनी पलकें बिछाये रहते है. इस बार का बारात और भी खास है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में राम मंदिर निर्माण के लिये रास्ता खोल दिया है. जिससे आम लोग भगवान राम की बारात को देखने के लिये उमंग और आस्था में डूबे हुए थे.

गाजे-बाजे के साथ निकली राम बारात

लोग आस्था और उमंग में डूबे
दशरथ की भूमिका में भगवान राम की बारात को लेकर निकले कन्हैया दास जी ने बताया कि जब भगवान राम ने धनुष को तोड़ा था, तो राजा दशरथ इसी रास्ते से होते हुए जनकपुर पहुंचे थे. जहां भगवान राम सहित चारों भाई का विवाह हुआ था. जिसे विवाह पंचमी के नाम से जाना जाता है. उस समय से यह परंपरा चली आ रही है कि हर वर्ष अयोध्या से बारात जनकपुर के लिये जाती है.

बारातियों का किया गया स्वागत
भगवान राम के बारातियों का स्वागत करने के बाद उन्हें साहू पोखर स्थित राम जानकी मठ पर ठहराया गया. जहां पर महाप्रसाद का भोजन कराया गया. उसके बाद यह बारात बाबा गरीबनाथ मंदिर पहुंची. जहां पर महाआरती की गई.

मुजफ्फरपुरः अयोध्या से जनकपुर के लिये चली भगवान राम की बारात रविवार को मिथिलांचल की सीमा में प्रवेश किया. जहां बिहार के मुजफ्फरपुर में राम जी के बारात का भव्य स्वागत किया गया. राम की बारात जैसे ही शहर में प्रवेश किया, वैसे ही लोग फूलों की वर्षा करने लगें. जिस-जिस रास्ते से भगवान राम की बारात जा रही थी, लोग उस-उस रास्ते में फूलों की वर्षा कर रहे थे.

भगवान राम की बारात
आज का यह दृश्य देखने के लिये लोग अपनी पलकें बिछाये रहते है. इस बार का बारात और भी खास है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में राम मंदिर निर्माण के लिये रास्ता खोल दिया है. जिससे आम लोग भगवान राम की बारात को देखने के लिये उमंग और आस्था में डूबे हुए थे.

गाजे-बाजे के साथ निकली राम बारात

लोग आस्था और उमंग में डूबे
दशरथ की भूमिका में भगवान राम की बारात को लेकर निकले कन्हैया दास जी ने बताया कि जब भगवान राम ने धनुष को तोड़ा था, तो राजा दशरथ इसी रास्ते से होते हुए जनकपुर पहुंचे थे. जहां भगवान राम सहित चारों भाई का विवाह हुआ था. जिसे विवाह पंचमी के नाम से जाना जाता है. उस समय से यह परंपरा चली आ रही है कि हर वर्ष अयोध्या से बारात जनकपुर के लिये जाती है.

बारातियों का किया गया स्वागत
भगवान राम के बारातियों का स्वागत करने के बाद उन्हें साहू पोखर स्थित राम जानकी मठ पर ठहराया गया. जहां पर महाप्रसाद का भोजन कराया गया. उसके बाद यह बारात बाबा गरीबनाथ मंदिर पहुंची. जहां पर महाआरती की गई.

Intro:अयोध्या से जनकपुर के लिये चली भगवान राम की बारात आज मिथलांचल की सीमा में प्रवेश किया जहां पर बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में भब्य स्वागत किया गया । भगवान राम की बारात जैसे ही शहर में प्रवेश किया वैसे ही लोग फूलों की वर्षा करने लगे जिस जिस रास्ते से भगवान राम की बारात जा रही है उस रास्ते में पुष्प वर्षा हो रहा है।Body:आज का यह दृश्य देखने के लिये लोग अपनी पलकें बिछाय हुए रहते है खासकर इस बार का यह बारात वैसे भी खास है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में राम मंदिर निर्माण के लिये रास्ता खोल दिया है जिससे आम लोग यह भगवान राम की बारात को देखने के लिये खास उमंग और आस्था में डूबे हुए थे । दशरथ की भूमिका में भगवान राम की बारात को लेकर निकले कन्हैया दास जी ने बताया कि जब भगवान राम ने धनुष को तोड़ दिया तो राजा दशरथ इसी रास्ते से होते हुए जनकपुर पहुँचे थे जहाँ भगवान राम सहित चारो भाई का विवाह हुआ था  जिसे विवाह पंचमी के नाम से जाना जाता है । उस समय से यह परंपरा चली आ रही है कि हर वर्ष अयोध्या से बारात जनकपुर के लिये चलती है ।
बाइट कन्हैया दास ( दशरथ की भूमिका में )
बाइट पंडित विनय पाठक प्रधान पुजारी बाबा गरीबनाथ मन्दिर Conclusion:भगवान राम के बारातियों का स्वागत करने के बाद उन्हें साहू पोखर स्थित राम जानकी मठ पर ठहराया गया जहाँ पर महाप्रसाद का भोजन कराया गया उसके बाद यह बारात बाबा गरीबनाथ मंदिर पहुँची जहाँ पर महाआरती , शंख ध्वनि के साथ अंग वस्त्र देकर लोग अपने आप को कृतार्थ किये । 
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