मुजफ्फरपुरः अयोध्या से जनकपुर के लिये चली भगवान राम की बारात रविवार को मिथिलांचल की सीमा में प्रवेश किया. जहां बिहार के मुजफ्फरपुर में राम जी के बारात का भव्य स्वागत किया गया. राम की बारात जैसे ही शहर में प्रवेश किया, वैसे ही लोग फूलों की वर्षा करने लगें. जिस-जिस रास्ते से भगवान राम की बारात जा रही थी, लोग उस-उस रास्ते में फूलों की वर्षा कर रहे थे.
भगवान राम की बारात
आज का यह दृश्य देखने के लिये लोग अपनी पलकें बिछाये रहते है. इस बार का बारात और भी खास है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में राम मंदिर निर्माण के लिये रास्ता खोल दिया है. जिससे आम लोग भगवान राम की बारात को देखने के लिये उमंग और आस्था में डूबे हुए थे.
लोग आस्था और उमंग में डूबे
दशरथ की भूमिका में भगवान राम की बारात को लेकर निकले कन्हैया दास जी ने बताया कि जब भगवान राम ने धनुष को तोड़ा था, तो राजा दशरथ इसी रास्ते से होते हुए जनकपुर पहुंचे थे. जहां भगवान राम सहित चारों भाई का विवाह हुआ था. जिसे विवाह पंचमी के नाम से जाना जाता है. उस समय से यह परंपरा चली आ रही है कि हर वर्ष अयोध्या से बारात जनकपुर के लिये जाती है.
बारातियों का किया गया स्वागत
भगवान राम के बारातियों का स्वागत करने के बाद उन्हें साहू पोखर स्थित राम जानकी मठ पर ठहराया गया. जहां पर महाप्रसाद का भोजन कराया गया. उसके बाद यह बारात बाबा गरीबनाथ मंदिर पहुंची. जहां पर महाआरती की गई.