मुजफ्फरपुर: बिहार (Bihar) के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले में इन दिनों एक बड़ी आबादी जहां वायरल फीवर और दूसरे मौसमी बीमारियों से कराह रही है. वहीं दूसरी तरफ जिला मुख्यालय से सटे कांटी इलाके की बड़ी आबादी अभी भी बाढ़ का दंश झेल रही है. इलाके में बाढ़ का पानी होने के कारण लोगों को पीने के लिये सरकारी स्तर पर पानी का टैंकर भेजा जा रहा है, लेकिन टैंकर में शुद्ध पानी के जगह गंदा पानी आ रहा है.
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मुजफ्फरपुर जिला मुख्यालय से सटे कांटी नगर पंचायत की बड़ी आबादी अभी तक बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है. ऐसे में कांटी नगर पंचायत की ओर से बाढ़ में फंसे लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने का मामला सामने आया है. बाढ़ की वजह से इस इलाके में लोगों को पीने के लिये टैंकर से पानी आता है, लेकिन लोगों को यहां शुद्ध पानी के जगह गंदा पानी मिल रहा है. जिससे लोग परेशान हैं.
पूरा मामला कांटी नगर पंचायत के बाढ़ प्रभावित इलाके कोठिया का है. जहां पिछले दस दिनों से नगर पंचायत की एक बड़ी आबादी अभी भी बाढ़ में फंसी हुई है और वहां लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. बाढ़ में फंसे लोगों के सामने पेयजल का बड़ा संकट खड़ा है.
ऐसे में इन पीड़ित परिवारों को टैंकर के जरिये पेयजल की आपूर्ति की जा रही है लेकिन टैंकर का पानी इतना गंदा और दूषित है कि वह पीने के लायक नहीं है. लेकिन बाढ़ में फंसे होने के बाद वहां के लोग इस गंदे पानी को पीने के लिये मजबूर हैं. स्थानीय वार्ड पार्षद ने बताया कि बिना सफाई के गंदे पानी की आपूर्ति की जा रही है.
पार्षद के कहा कि अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेवारी का निर्वहण नहीं कर रहे हैं. जिसके चलते यहां के लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि गंदा पानी पीकर यहां के बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं सब बीमार हो गये हैं. गंदे पानी की आपूर्ति होने से यहां के लोगों में नगर पंचायत प्रशासन के खिलाफ गुस्सा बढ़ने लगा है.
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