मुजफ्फरपुर: नेपाल और उत्तर बिहार में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से औराई और कटरा प्रखंड में हालात बिगड़ने लगे हैं. बेनीबाद कटरा मार्ग पर बागमती नदी का पानी 3 फीट ऊपर बह रहा है. जिससे एक बड़ी आबादी का संपर्क जिला मुख्यालय से फिलहाल टूट गया है.
वहीं, बागमती नदी के विकराल रूप को देखते हुए बाढ़ प्रभावित औराई-कटरा के लोग अब सुरक्षित जगहों पर शरण लेने लगे हैं. बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में सरकार की तरफ से आपदा पीड़ितों के लिए कोई राहत कार्य शुरू नहीं किया गया है. जिससे बाढ़ पीड़ितों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.
बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिली मदद
बागमती नदी के कारण बाढ़ का दंश झेल रहे औराई-कटरा प्रखंड में बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए फिलहाल एक भी सहायता केंद्र अब तक शुरू नहीं हो पाया है. ऐसे में इन इलाकों के बाढ़ पीड़ित परिवार कई जगहों पर शरण लिए हुए हैं. जिन तक फिलहाल कोई राहत सामग्री या मदद नहीं पहुंच पा रही है.
वहीं मामले में जिला प्रशासन का कहना है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों के हालात पर लगातार नजर बनी हुई है. आपदा पीड़ितों की मदद के लिए फिलहाल स्थानीय स्तर पर ही थोड़ी बहुत कोशिश हो रही है.
'बाढ़ की त्रासदी झेल रही 25 से 30 पंचायतें'
गौरतलब है कि सरकारी खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का बताने वाली सुशासन सरकार बाढ़ का दंश झेल रहे औराई और कटरा के बाढ़ पीड़ित परिवारों के लिए फिलहाल कुछ नहीं कर पा रही है. स्थानीय लोगों की मांग है कि सरकार आगे आकर इन इलाकों में राहत कैंप खोले जिससे आपदा पीड़ितों की जान समय रहते बचाई जा सके. औराई निवासी गिरिधारी ने बताया कि इन इलाकों की स्थिति काफी खराब है. विलंब से राहत कैंप चलाने का कोई मतलब नहीं होगा. उन्होंने बताया कि इन इलाकों में लगभग 25 से 30 पंचायतें बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं.