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सड़क हादसों में दूसरे नंबर पर है मुजफ्फरपुर, 9 महीने में 410 लोगों की हुई है मौत

मुजफ्फरपुर में जनवरी से सितंबर तक सड़क दुर्घटना से यहां 410 लोगों की मौत हुई है. 530 एक्सीडेंट और 302 इंजर्ड हुए हैं. सबसे अधिक जून महीने में सड़क हादसे हुए हैं.

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Published : Nov 22, 2019, 12:18 PM IST

मुजफ्फरपुर

मुजफ्फरपुर: प्रदेश में लगातार सड़क हादसे बढ़ रहे हैं. सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों में पटना के बाद मुजफ्फरपुर दूसरे नंबर पर है. यहां जनवरी से लेकर सितंबर तक सड़क हादसों में 410 लोगों की मौत हुई है.

सड़क दुर्घटना को लेकर मुजफ्फरपुर का आंकड़ा काफी चिंतनीय है. राजधानी पटना के बाद यहां सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती है. जनवरी से सितंबर तक सड़क दुर्घटना से यहां 410 लोगों की मौत हुई है. 530 एक्सीडेंट और 302 लोग इंजर्ड हुए हैं. सबसे अधिक जून महीने में सड़क हादसे हुए हैं. कुल 86 लोग एक्सीडेंट हुए हैं, इनमें 75 लोगों की मौत हो गई.

डीटीओ नजीर अहमद और डॉक्टर डॉ मुकुल कुमार का बयान

'ट्रैफिक नियमों का करें पालन'
डीटीओ नजीर अहमद ने कहा कि मुजफ्फरपुर में पिछले साल की तुलना में इस साल कम सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, लेकिन चिंतनीय है. नए मोटर नियम के बाद सड़क दुर्घटना में कमी आई है. साथ उन्होंने लोगों से हेलमेट और सीट बेल्ट लगाकर वाहन चलाने की अपील की.

ये भी पढ़ें: बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज से शुरू, सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष

अस्पताल में तुरंत कराएं भर्ती
वहीं, डॉ. मुकुल कुमार ने बताया कि सड़क दुर्घटना के बाद घायल को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराएं. ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने से ही सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है. ऑटो और बाइक वाले ट्रैफिक नियमों का खूब उल्लंघन करते हैं. इसी लापरवाही की वजह से लोगों को जान गंवानी पड़ती है.

मुजफ्फरपुर: प्रदेश में लगातार सड़क हादसे बढ़ रहे हैं. सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों में पटना के बाद मुजफ्फरपुर दूसरे नंबर पर है. यहां जनवरी से लेकर सितंबर तक सड़क हादसों में 410 लोगों की मौत हुई है.

सड़क दुर्घटना को लेकर मुजफ्फरपुर का आंकड़ा काफी चिंतनीय है. राजधानी पटना के बाद यहां सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती है. जनवरी से सितंबर तक सड़क दुर्घटना से यहां 410 लोगों की मौत हुई है. 530 एक्सीडेंट और 302 लोग इंजर्ड हुए हैं. सबसे अधिक जून महीने में सड़क हादसे हुए हैं. कुल 86 लोग एक्सीडेंट हुए हैं, इनमें 75 लोगों की मौत हो गई.

डीटीओ नजीर अहमद और डॉक्टर डॉ मुकुल कुमार का बयान

'ट्रैफिक नियमों का करें पालन'
डीटीओ नजीर अहमद ने कहा कि मुजफ्फरपुर में पिछले साल की तुलना में इस साल कम सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, लेकिन चिंतनीय है. नए मोटर नियम के बाद सड़क दुर्घटना में कमी आई है. साथ उन्होंने लोगों से हेलमेट और सीट बेल्ट लगाकर वाहन चलाने की अपील की.

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अस्पताल में तुरंत कराएं भर्ती
वहीं, डॉ. मुकुल कुमार ने बताया कि सड़क दुर्घटना के बाद घायल को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराएं. ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने से ही सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है. ऑटो और बाइक वाले ट्रैफिक नियमों का खूब उल्लंघन करते हैं. इसी लापरवाही की वजह से लोगों को जान गंवानी पड़ती है.

Intro:राजधानी पटना के बाद मुजफ्फरपुर सड़क हादसे में दूसरा नंबर है मुजफ्फरपुर में जनवरी से लेकर के सितंबर तक का आंकड़ा यह बताती है कि अब तक 410 लोगों की मौत हुई है वही एक्सीडेंट 530 हुई है जबकि इंजर्ड 302 हुए हैं आपको बता दें कि मुजफ्फरपुर को भयभीत करने वाली है साथी मुजफ्फरपुर के लिए काफी चिंतनीय है हालांकि बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार यह दावा कर चुके हैं कि शराबबंदी के बाद बिहार में सड़क घटनाएं के संख्या में रोती हुई है लोग कब मर रहे हैं लेकिन मुजफ्फरपुर से आई है आगरा नीतीश कुमार के इन दावों को पोल खोल रहा है सबसे अधिक जून महीने में सड़क हादसे में मौत हुई है इस माह में 86 लोग एक्सीडेंट किए 75 की मौत हुई हालांकि डीटीओ नजीर अहमद ने कहा कि मुजफ्फरपुर में पिछले साल की तुलना में यह आकर है कम है लेकिन चिंतनीय है उन्होंने लोगों से अपील किया कि वह हेलमेट लगाकर सीट बेल्ट लगा कर चले साथ ही उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों में कमी नए मोटर व्हीकल नियम के कारण आई है उन्होंने कहा कि इसे और तेजी से पालन कराई जाएगी
बाइट:-नाजिर अहमद (जिला परिवहन पदाधिकारी)
वही मामले में एक सुप्रसिद्ध डॉक्टर ने बताया कि इस तरह की जो सड़क हादसा हो रहा है जिसका वजह यह है कि जिसको जैसे मन हो रहा हैं उस तरह से गाड़ी चलाता हैं, न कोई ट्रफिक नियम है और न ही कोई जिला प्रशासन का डर ।
बाइट:-डॉ मुकुल कुमार (सदर अस्पताल)

REPORT BY:- SONU SHARMABody:NoConclusion:No
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