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Muzaffarpur: शाही लीची की इंटरनेशनल ब्रांडिंग, लंदन में सफल मार्केटिंग के बाद अन्य देशों पर नजर

बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) की शाही लीची का स्वाद जल्द ही दुनिया के कई देशों के लोग चख सकेंगे. लंदन में शाही लीची की सफल मार्केटिंग के बाद अब किसानों की नजर विश्व के अन्य फल बाजारों पर है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jun 13, 2021, 7:58 PM IST

मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले की शाही लीची के स्वाद ने ब्रिटेन (Britain) को भी अपना कायल बना दिया है. लंदन में शाही लीची इस साल हाथों-हाथ बिक गई. शाही लीची की इस सफल मार्केटिंग से जिले के किसानों का जोश हाई हो गया है.

अब उनकी नजर ब्रिटेन समेत विश्व भर के फल बाजारों पर है. कुछ प्रगतिशील युवा किसानों की हौसले की उड़ान ने इस साल शाही लीची को लंदन और दुबई तक पहुंचा दिया है.

एक टन लीची की हुई बिक्री
उनके इस कारनामे ने जिले के अन्य किसानों को भी राह दिखाई है. इस बार किसानों ने नई तकनीक और सरकार से तालमेल बिठाकर करीबन एक टन से अधिक लीची की सप्लाई इन देशों में की है.

मुजफ्फरपुर के किसानों ने लिखी सफलता की इबारत
मुजफ्फरपुर के किसानों ने लिखी सफलता की इबारत

शाही लीची को मिला जीआई टैग
बता दें कि बिहार की प्रसिद्ध शाही लीची का इससे पहले भी विदेश में निर्यात होता रहा है, लेकिन इसका फायदा पूर्व में बिहार के किसान और राज्य सरकार को नहीं मिल पाता था.

मुजफ्फरपुर की शाही लीची को जीआई टैग और स्वच्छता प्रमाणन मिलने के बाद इस क्षेत्र के किसानों के लिए सफलता की राह आसान हुई है. राज्य सरकार और युवा किसानों की आधुनिक सोच और सकारात्मक पहल से ही बिहार को यह सफलता हासिल हुई है.

यह भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर की प्रसिद्ध लीची को मिलेगी पहचान, पेड़ का बनेगा आधार कार्ड

कृषि विभाग ने की मदद
ईटीवी भारत ने इन प्रगतिशील युवा किसानों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा,"राह बहुत आसान नहीं थी. लोग मजाक भी उड़ा रहे थे. लेकिन तमाम विपरीत हालात के बीच एक छोटी सी टीम तैयार हुई. जो बिहार के कृषि विभाग के सचिव से मिली. उन्होंने सभी कागजी अड़चनों को दूर किया".

'ये लीची जो पहली बार लंदन भेजा गया है. उनमें इन किसानों का मेजर रोल रहा है. पहली बार बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से 24 मई को हवाई मार्ग से शाही लीची को लंदन पहुंचाया गया है. भविष्य में मुजफ्फरपुर या दरभंगा हवाई अड्डे से लंदन और दुबई शाही लीची पहुंचे, यह हमारी चाहत है'.- उपेंद्र कुमार, सहायक निदेशक, उद्यान

शाही पहुंची लंदन
शाही पहुंची लंदन

'पहले हम लोगों को सिर्फ डोमेस्टिक मार्केट मिलता था. इस बार इंटरनेशनल मार्केट मिला है, तो आमदनी बढ़ी है. इससे मुजफ्फरपुर के किसानों की आय दोगुनी होगी. इसमें एपीडा का बहुत सहयोग मिला है'. - प्रिंस, प्रगतिशील लीची किसान

'अगर सरकार की तरफ से हमलोगों को सुविधा मिले तो काफी भला होगा. इस बार 24 घंटे में लदंन तक भेज पाये थे, हम चाहते हैं कि इस प्रक्रिया को तेज किया जाए, ताकि कम से कम घंटे में लंदन और अन्य देशों में लीची पहुंचे, ताकि वहां लोगों को फ्रेश फल मिले'. - कुंदन कुमार प्रगतिशील लीची किसान

देखें रिपोर्ट

पीएम मोदी भी कर चुके हैं सराहना
बहरहाल, मुजफ्फरपुर की शाही लीची की सफलता के बाद अब इन किसानों की नजर अगले साल यूरोप के कई अन्य देशों पर है. साथ ही वे कागजी प्रक्रिया को समझने के बाद शाही लीची को विदेशों में पहुंचाने की प्लानिंग में जुट गए हैं. खासबात यह है कि युवा किसानों की इस पहल की पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने भी सरहाना की है. अब देखना होगा कि अगले साल इन किसानों को सरकार कितनी सुविधा मुहैया कराती है. ताकि बिहार की जमीन से उपजी शाही के स्वाद का जादू पूरी दुनिया पर चले.

क्या है जीआई टैग
जी आई टैग (GI Tag) उन प्रोडक्ट को मिलता है, जिनका एक विशिष्ट भौगोलिक मूल क्षेत्र होता है. वह उस उत्पाद की गुणवत्ता और उसकी विशेषता को दर्शाता है.

यह भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर: लीची के बागान में 12 से ज्यादा कौओं की मौत, बर्ड फ्लू की आशंका

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले की शाही लीची के स्वाद ने ब्रिटेन (Britain) को भी अपना कायल बना दिया है. लंदन में शाही लीची इस साल हाथों-हाथ बिक गई. शाही लीची की इस सफल मार्केटिंग से जिले के किसानों का जोश हाई हो गया है.

अब उनकी नजर ब्रिटेन समेत विश्व भर के फल बाजारों पर है. कुछ प्रगतिशील युवा किसानों की हौसले की उड़ान ने इस साल शाही लीची को लंदन और दुबई तक पहुंचा दिया है.

एक टन लीची की हुई बिक्री
उनके इस कारनामे ने जिले के अन्य किसानों को भी राह दिखाई है. इस बार किसानों ने नई तकनीक और सरकार से तालमेल बिठाकर करीबन एक टन से अधिक लीची की सप्लाई इन देशों में की है.

मुजफ्फरपुर के किसानों ने लिखी सफलता की इबारत
मुजफ्फरपुर के किसानों ने लिखी सफलता की इबारत

शाही लीची को मिला जीआई टैग
बता दें कि बिहार की प्रसिद्ध शाही लीची का इससे पहले भी विदेश में निर्यात होता रहा है, लेकिन इसका फायदा पूर्व में बिहार के किसान और राज्य सरकार को नहीं मिल पाता था.

मुजफ्फरपुर की शाही लीची को जीआई टैग और स्वच्छता प्रमाणन मिलने के बाद इस क्षेत्र के किसानों के लिए सफलता की राह आसान हुई है. राज्य सरकार और युवा किसानों की आधुनिक सोच और सकारात्मक पहल से ही बिहार को यह सफलता हासिल हुई है.

यह भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर की प्रसिद्ध लीची को मिलेगी पहचान, पेड़ का बनेगा आधार कार्ड

कृषि विभाग ने की मदद
ईटीवी भारत ने इन प्रगतिशील युवा किसानों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा,"राह बहुत आसान नहीं थी. लोग मजाक भी उड़ा रहे थे. लेकिन तमाम विपरीत हालात के बीच एक छोटी सी टीम तैयार हुई. जो बिहार के कृषि विभाग के सचिव से मिली. उन्होंने सभी कागजी अड़चनों को दूर किया".

'ये लीची जो पहली बार लंदन भेजा गया है. उनमें इन किसानों का मेजर रोल रहा है. पहली बार बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से 24 मई को हवाई मार्ग से शाही लीची को लंदन पहुंचाया गया है. भविष्य में मुजफ्फरपुर या दरभंगा हवाई अड्डे से लंदन और दुबई शाही लीची पहुंचे, यह हमारी चाहत है'.- उपेंद्र कुमार, सहायक निदेशक, उद्यान

शाही पहुंची लंदन
शाही पहुंची लंदन

'पहले हम लोगों को सिर्फ डोमेस्टिक मार्केट मिलता था. इस बार इंटरनेशनल मार्केट मिला है, तो आमदनी बढ़ी है. इससे मुजफ्फरपुर के किसानों की आय दोगुनी होगी. इसमें एपीडा का बहुत सहयोग मिला है'. - प्रिंस, प्रगतिशील लीची किसान

'अगर सरकार की तरफ से हमलोगों को सुविधा मिले तो काफी भला होगा. इस बार 24 घंटे में लदंन तक भेज पाये थे, हम चाहते हैं कि इस प्रक्रिया को तेज किया जाए, ताकि कम से कम घंटे में लंदन और अन्य देशों में लीची पहुंचे, ताकि वहां लोगों को फ्रेश फल मिले'. - कुंदन कुमार प्रगतिशील लीची किसान

देखें रिपोर्ट

पीएम मोदी भी कर चुके हैं सराहना
बहरहाल, मुजफ्फरपुर की शाही लीची की सफलता के बाद अब इन किसानों की नजर अगले साल यूरोप के कई अन्य देशों पर है. साथ ही वे कागजी प्रक्रिया को समझने के बाद शाही लीची को विदेशों में पहुंचाने की प्लानिंग में जुट गए हैं. खासबात यह है कि युवा किसानों की इस पहल की पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने भी सरहाना की है. अब देखना होगा कि अगले साल इन किसानों को सरकार कितनी सुविधा मुहैया कराती है. ताकि बिहार की जमीन से उपजी शाही के स्वाद का जादू पूरी दुनिया पर चले.

क्या है जीआई टैग
जी आई टैग (GI Tag) उन प्रोडक्ट को मिलता है, जिनका एक विशिष्ट भौगोलिक मूल क्षेत्र होता है. वह उस उत्पाद की गुणवत्ता और उसकी विशेषता को दर्शाता है.

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