मुजफ्फरपुर: कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच लाखों की संख्या में जब मजदूर बिहार लौट रहे थे, तब सरकार ने दावा किया था कि मजदूरों को यहीं रोजगार मुहैया कराया जाएगा. राज्य सरकार का यह दावा फेल साबित हो रहा है. कोरोना का संक्रमण घटने के बाद मुजफ्फरपुर से एक बार फिर से मजदूरों का पलायन (Migration) शुरू हो गया है.
क्या कहते हैं पलायन कर रहे लोग
तमाम बंदिशों के बीच भी रोज हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के जिलों से वापस पंजाब, मुंबई, कोलकाता और दिल्ली लौट रहे हैं. कोरोना की वजह से उनके सामने आर्थिक तंगी है. कोलकाता जा रहे प्रवासी मजदूर शीतल साहनी ने बताया कि यहां काम भी नहीं मिल रहा है. ऐसे में बाहर लौटना उनकी मजबूरी है.
सरकार सिर्फ वादे करके भूल जाती है, हमें यहां भूखे रहने की नौबत आ गयी है. यहां काम नहीं मिल रहा, बाहर जाना हमारी मजूबरी है. इसलिए कोलकाता जा रहा हूं. - अनिल राम, प्रवासी मजदूर
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बता दें कि पिछली बार जहां प्रवासी मजदूर नहीं जा रहे थे, ऐसे में कई कंपनियों ने उन्हें पूरे आदर-मान के साथ गाड़ियों को बिहार भेजकर वापस बुलाया था. लेकिन इस बार हालत ठीक इसके विपरित हैं. इस बार मजदूर खुद अपने ही खर्चे पर बाहर जा रहे हैं.